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सर्दी-खांसी जरूरी नहीं...दबे पांव भी आता है स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू की चर्चा आने पर जेहन में सर्दी, जुकाम, बुखार व खांसी के लक्षण उभरते हैं। अगर थकान, उल्टी और दस्त एक साथ शुरू है तो भी स्वाइन फ्लू हो सकता है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 10:51 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 11:09 AM (IST)
सर्दी-खांसी जरूरी नहीं...दबे पांव भी आता है स्वाइन फ्लू
सर्दी-खांसी जरूरी नहीं...दबे पांव भी आता है स्वाइन फ्लू
मेरठ, जेएनएन। स्वाइन फ्लू की चर्चा आने पर जेहन में सर्दी, जुकाम, बुखार व खांसी के लक्षण उभरते हैं। पर हर मरीज में यह जरूरी नहीं है। अगर थकान, उल्टी और दस्त एक साथ शुरू है तो भी स्वाइन फ्लू हो सकता है। इन मरीजों में दबे पांव वायरस संक्रमित होने से कई मरीजों की जान चली गई। इससे पहले कि सांस फूलने का लक्षण उभरे, फेफड़ा सफेद हो चुका होता है। इस अवस्था में 90 फीसद मरीज की जान जा सकती है। मेडिकल कालेज की लैब में अब तक 307 मरीजों में मिला एच1एन1।
थकान हो तो मरीज पर रखें नजर
स्वाइन फ्लू आरएनए वायरस है, जो सामान्य इन्फ्लुएंजा की तरह फैलता है। मेरठ में 2016 में पांच सौ से ज्यादा मरीज मिले थे, किंतु मरने वाले करीब 22 मरीजों में से ज्यादातर में सांस फूलने का लक्षण अंत में उभरा। जिन मरीजों में सर्दी, जुकाम के साथ निमोनिया के लक्षण आए, उन्हें तत्काल टेमीफ्लू देकर ठीक कर लिया गया। चिकित्सकों की मानें तो 2019 जनवरी में कई मरीजों में थकान के अलावा कोई लक्षण नहीं था, जो बेहतर प्रतिरोधक क्षमता की वजह से ठीक हो गए। किंतु रिपोर्ट में पाजिटिव मिले।
जानलेवा तो नहीं है ये वायरस
माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने कहा कि एच1एन1 वायरस 2009 के मिशीगन स्टेन वाला है, जिसके प्रोटीन में हल्का चेंज होता रहता है। इसी वजह ये यह वायरस 2016 के बाद फिर तेजी से फैल गया। किंतु 90 फीसद मरीजों में स्वाइन फ्लू कतई जानलेवा नहीं है। किंतु सर्दी, जुकाम के साथ तेज खांसी हो टेमीफ्लू दी जा सकती है। इससे मरीज को कोई नुकसान नहीं होगा। बल्कि अन्य प्रकार के वायरस भी कमजोर पड़ जाएंगे।
इन बातों का रखें ध्यान
सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि इलाज के तीन प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। इस पर अमल करने से बीमारी घर पर ही ठीक हो जाएगी।
कटेगरी ए
हल्का बुखार, कफ, गले में खराश, बदन दर्द, डायरिया वाले मरीजों की जांच जरूरी नहीं होगी। 24 से 48 घंटे तक रखें नजर।
कटेगरी-बी
उक्त लक्षणों के साथ तेज बुखार और गले में भारी खराश हो तो घर में ही टेमीफ्लू देना चाहिए। किंतु जांच जरूरी नहीं है।
कटेगरी-सी
उक्त सभी लक्षणों के साथ ही सांस फूलने, सीने में दर्द, निद्रा, रक्तचाप गिरने, खून के साथ बलगम और नाखून नीले पड़ें तो तत्काल जांच कराना चाहिए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इस बार स्वाइन फ्लू ज्यादा खतरनाक नहीं रहा। मरीज भी सतर्क हैं। कई मरीजों में थकान, उल्टी व दस्त पहले उभर रहा है, जिसे नजरंदाज न करें। चिकित्सक की परामर्श पर बिना जांच भी टेमीफ्लू ले सकते हैं।
-डा. वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ 

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