बिना पीपीई किट संक्रमितों के घर से कूड़ा उठा रहे निगम कर्मचारी
नगर निगम के वाहन चालक व सफाई कर्मचारी बिना पीपीई किट के संक्रमितों के घरों का कचारा उठा रहे हैं।
मेरठ,जेएनएन। नगर निगम के वाहन चालक व सफाई कर्मचारी बिना पीपीई किट के संक्रमितों के घरों का कचरा एकत्र कर रहे हैं। उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए नगर निगम सुरक्षा के उपाए नहीं कर सका है।
कोरोना संक्रमित मरीजों के घर से कचरा उठाने के लिए अलग से व्यवस्था बनाई गई। कूड़ा गाड़ियों में चलने वाले स्टाफ को सुरक्षा उपायों के साथ कचरा एकत्र करना है, क्योंकि संक्रमण का खतरा है। इन कर्मचारियों को पीपीई किट, ग्लब्स, जूते पहनने बेहद जरूरी है, लेकिन नगर निगम ने अभी तक पीपीई किट मुहैया नहीं कराई है। इससे कर्मचारियों में रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि सुरक्षा के उपाए मुहैया कराने का निर्देश नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने दिया है, इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है। मालूम हो कि नगर निगम अधिकारियों ने 350 पीपीई किट, 80 स्प्रे मशीन, दो हजार मास्क, 100 थर्मल स्कैनर और पल्स आक्सीमीटर खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन अभी तक मास्क, थर्मल स्कैनर व पल्स आक्सीमीटर ही मुहैया कराए गए हैं।
वेतन न मिलने पर रोष : महर्षि वाल्मीकि अंबेडकर संयुक्त विचार मंच, मेरठ महानगर की बैठक मंच अध्यक्ष नरेश वैद्य के निवास पर हुई, जिसमें नगर निगम के स्थाई व आउटसोर्सिग सफाई कर्मचारियों को मार्च का वेतन न मिलने पर रोष व्यक्त किया गया। मंच अध्यक्ष ने कहा कि ट्रेड यूनियन के नियम में यह अंकित है कि प्रत्येक माह की पांच तारीख तक सफाई कर्मचारियों को हर हाल में वेतन मिल जाना चाहिए, लेकिन कोरोना महामारी के दौर में भी अभी तक सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिग कर्मचारियों को वैसे ही कम वेतन दिया जाता है, उस पर भी देरी भी की जाती है। मंच ने मांग की कि अगर दो दिन में वेतन नहीं मिला तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में अनुज गहलोत, अमित, शिवकुमार, संजय टांक, कुलदीप छाबड़ा, सतीश वैद्य आदि लोग रहे।