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Coronavirus: निराशजनक आंकड़े, मौतों में आगे, रिकवरी में सबसे पीछे मेरठ मेडिकल कालेज Meerut News

सूबे में जहां 57 फीसद मरीज डिस्चार्ज होकर घर चले गए वहीं मेडिकल कालेज में रिकवरी रेट 50 फीसद तक भी नहीं पहुंचा। साफ जाहिर है कि मेरठ मेडिकल कालेज की सेहत अच्छी नहीं है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 10:44 AM (IST)
Coronavirus: निराशजनक आंकड़े, मौतों में आगे, रिकवरी में सबसे पीछे मेरठ मेडिकल कालेज Meerut News
Coronavirus: निराशजनक आंकड़े, मौतों में आगे, रिकवरी में सबसे पीछे मेरठ मेडिकल कालेज Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Coronavirus सर्वाधिक मौतों की वजह से प्रदेश सरकार के रडार पर आए मेरठ मेडिकल कालेज की सेहत अच्छी नहीं है। सूबे में जहां 57 फीसद मरीज डिस्चार्ज होकर घर चले गए, वहीं मेडिकल कालेज में रिकवरी रेट 50 फीसद तक भी नहीं पहुंचा। शासन ने प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में इलाज की समीक्षा की, जहां मेरठ की स्थिति सबसे भयावह मिली है। शासन ने मरीजों के देर से ठीक होने के कारणों को लेकर भी रिपोर्ट तलब की है।

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खतरनाक स्ट्रेन वजह या इलाज में चूक

गत दिनों प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे और महानिदेशक डा. केके गुप्ता ने प्रदेश के सभी 51 मेडिकल कालेजों में कोरोना मरीजों के इलाज की समीक्षा की। पता चला कि मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में मौत की दर करीब 23 फीसद है, लेकिन रिकवरी सबसे धीमी है। मंडल में ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा मेडिकल कालेज में सर्वाधिक 72, जबकि तीथर्ंकर मेडिकल कालेज मुरादाबाद में 70 फीसद मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। मेरठ को छोड़कर प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में रिकवरी रेट 60 फीसद से ज्यादा मिला।

ठोस वजह नहीं मिल सकी

गत दिनों नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद और केजीएमयू के कार्डियोलोजी के प्रोफेसर डा. शरत चंद्रा ने भी मेडिकल कालेज में ज्यादा मौतों और धीमी रिकवरी रेट के कारणों की पड़ताल की, लेकिन कोई ठोस वजह नहीं मिल सकी। विशेषज्ञों ने हालांकि मेरठ में जटिल मरीजों की संख्या ज्यादा और देर से अस्पताल पहुंचने को इसकी वजह बताया, किंतु अब वायरस के स्ट्रेन की भी जांच कराने की बात उठने लगी है। माइक्रोबायोलाजिस्ट मानते हैं कि दिल्ली के आसपास वायरस की खतरनाक स्ट्रेन संक्रमित हो गई है।

इनका कहना है

ये सच है कि मेडिकल कालेज में मौत की दर 23 फीसद के साथ प्रदेश में सबसे ज्यादा है, किंतु गत चार दिनों से स्थिति नियंत्रित है। शासन की टीम कई बार जांच कर चुकी। गाजियाबाद के गंभीर मरीजों के पहुंचने से डेथ रेट बढ़ा था। कोरोना वार्ड में डाक्टरों की टीम पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। यहां पर 92 साल के बुजर्ग और किडनी के मरीज भी ठीक हुए हैं। सप्ताहभर में रिकवरी रेट भी बेहतर किया जाएगा।

- डा. एसके गर्ग, प्राचार्य, मेडिकल कालेज 

ये है आंकड़ों की जुबानी

मेडिकल कालेज>>कुल भर्ती>>डिस्चार्ज>>रिकवरी रेट

एसएनएमसी आगरा>>498>>329>>66 फीसद

एलएलआरएम, मेरठ>>520>>258>>49 फीसद

शारदा, ग्रेटर नोएडा>>486>>352>>72 फीसद

जीएसवीएम, कानपुर>>280>>160>>57 फीसद

बीआरडी, गोरखपुर>>274>>188>>68 फीसद

र्तीथकर, मुरादाबाद>>343>>242>>70 फीसद

केजीएमयू, लखनऊ>>197>>127>>64 फीसद

एमएलएन, प्रयागराज>>149>>96>>64 फीसद

सहारनपुर>>82>>51>>62 फीसद

(नोट-आंकड़े 25 जून तक के हैं।)


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