Coronavirus: बस और ट्रेन में बढ़ती है कोरोना की चाल व मारक क्षमता Meerut News
लॉकडाउन के चौथे चरण में भी ठप पड़ी परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है।
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। लॉकडाउन के चौथे चरण में भी ठप पड़ी परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है। वुहान की अध्ययन रिपोर्ट बताती हैं कि बस और ट्रेन कोचों में कोरोना वायरस ज्यादा दूरी तक और लंबे समय तक लोगों को शिकार बनाता है। अन्य स्थानों की तुलना में बस और ट्रेन में 4.5 मीटर दूरी तक संक्रमित कर सकता है।
द सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआइआरटी) पुणो और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम जैसी संस्थाएं इन अध्ययनों के आधार पर बसों और अन्य यातायात माध्यमों में सुरक्षित सफर के मकसद से नियम और मानक बना रही हैं।
रेल और बस परिवहन को चालू कर प्रवासी श्रमिकों को घर वापस लाया जा रहा है। बसों में 25 से 28 जबकि 24 कोच वाली ट्रेनों में 1200 यात्री बैठाए जा रहे हैं। चीन के वुहान में सबसे पहले कोरोना संक्रमण फैला था। वहां हुए अध्ययन की रिपोर्ट परिवहन व्यवस्था के मौजूदा नियम-कायदों में नए संशोधनों की भी अपेक्षा करती हैं।
यह है केस स्टडी
जनवरी में जब वुहान में नये साल का जश्न मनाया जा रहा था। उसी दौरान एक पूर्व संक्रमित यात्री (जीरो पेशेंट) टू-बाय-टू बस में सवार हुआ। 48 सीटर बस में वह पीछे से दूसरी सीट पर बैठा था। पूरे चार घंटे की यात्र के दौरान जीरो पेशेंट ने बस के अन्य यात्रियों से कोई इंटरेक्शन नहीं किया। चीन के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ हुंशगयान के नेतृत्व में टीम ने बस की सीसीटीवी वीडियो फुटेज खंगाली और बस में बैठे संक्रमित हुए लोगों की पड़ताल की। परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक राहुल शर्मा ने बताया कि वुहान के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों की रिपोर्ट अप्रैल में जनरल प्रेक्टिकल प्रिवेंटिव मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुई, जिसमें उक्त तथ्य सामने आए।
यात्रा के दौरान 13 संक्रमित
चार घंटे की यात्रा समाप्त करने के बाद जीरो पेशेंट दूसरी मिनी बस में सवार हुआ। 30 मिनट बाद पहली बस में यात्रियों का नया समूह चढ़ा तो उनमें से भी एक व्यक्ति संक्रमित हो गया। जबकि नए समूह में कोई यात्री पहले संक्रमित नहीं था।
एक युगल जो मिनी बस में संक्रमित व्यक्ति (जीरो पेशेंट) से 4.5 मीटर दूर (छह सीट दूर) बैठा था, वह भी संक्रमित हो गया। यात्रा के दौरान पहली बस में नौ और दूसरी बस में चार यात्री समेत कुल 13 लोग जीरो पेशेंट से संक्रमित हुए।
उधर, कार्यकारी परिवहन उपायुक्त डा. विजय कुमार का कहना है कि वुहान में फैले संक्रमण से सबक लेते हुए सीआइआरटी, पुणो के विशेषज्ञों ने प्रदेशों के परिवहन विभागों को गाइड लाइन जारी की हैं। यह वुहान समेत इटली और स्पेन जैसे देशों में संक्रमण के कारकों को ध्यान में रख कर तैयार की गई है। परिवहन विभाग यात्र के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर जगह-जगह पोस्टर-बैनर लगाएगा।
ये हैं सुझाव
- पूरी यात्र के दौरान यात्री मास्क जरूर पहनें। चेहरे और मुंह पर हाथ न लगाएं। हाथों को सैनिटाइज करते रहें। बसों की खिड़कियां खुली रखें।
- टर्मिनल पर पहुंचते ही बस और ट्रेन को सैनिटाइज किया जाए। सफर के दौरान भी सीटों, हैंडिल और रेलिंग को सैनिटाइज किया जाए।
- दो सीटों के बीच फाइबर शीट आदि का पार्टीशन किया जाए तो बेहतर है।
नतीजे
- बस या ट्रेन के कोच में यात्र के दौरान कोरोना वायरस हवा में कम से कम 30 मिनट रह सकता है।
- बस में कोरोना वायरस 4.5 मीटर दूरी तक जा सकता है जबकि सुरक्षित दूरी एक से दो मीटर मानी जाती है।
- 37 डिग्री सेंटीग्रेड पर कोरोना वायरस ग्लास, मेटल और प्लास्टिक जैसी सतहों पर दो-तीन दिन सरवाइव कर सकता है।