Corona In Meerut: मेरठ में मरीजों का हाल, आक्सीजन तो क्या भाप भी नहीं मिल पा रही
एक ओर शहर में लगातार कोरोना हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर मेडिकल कालेज में भी मरीजों को भाप देने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मरीजों के स्वजन स्वयं गर्म पानी और भाप लेने का उपकरण कोविड मरीज के पास पहुंचा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में कोविड पीडि़त ही नहीं, जिन्हें संक्रमण नहीं है उन्हें भी निरंतर गर्म पानी और भाप लेने की सलाह दी जाती है। ज्यादातर चिकित्सक यही सलाह दे रहे हैं, जिसका लोग पालन भी कर रहे हैं। इसे वायरस के खिलाफ मजबूत हथियार बताया जा रहा है, लेकिन अस्पतालों में जहां कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है, वहीं इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि मेडिकल कालेज में भी मरीजों को भाप देने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मरीजों के स्वजन स्वयं गर्म पानी और भाप लेने का उपकरण कोविड मरीज के पास पहुंचा रहे हैं। मंगलवार को मेडिकल कालेज में यह नजारा देखने को मिला, जिसमें मरीज स्वयं छोटा पंखा, भाप लेने की मशीन आदि अस्पताल के भीतर पहुंचा रहे हैं।
न देख रहे, न ही देखने दे रहे
मरीज के जरूरत की सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहे स्वजन का कहना है कि वार्ड के इमरजेंसी और वार्ड के भीतर कोई डाक्टर समय से मरीजों को नहीं देख रहे हैं। मरीज भीतर विशेष व्यवस्था में गर्म पानी और भाप को तो तरस ही रहे हैं, सामान्य दवाएं भी समय पर नहीं मिल पा रही हैं। वहीं जो स्वजन भी वार्ड में मरीज के पास जाना चाहते हैं, उन्हें रोका जाता है जिससे संक्रमण और ज्यादा न फैल जाएं। स्वजन की तकलीफ यही है कि उनके मरीज को भीतर न ही चिकित्सक देखने जा रहे हैं, और न ही उन्हें देखने की अनुमति दी जा रही है।
बुलावे की आस में गिन रहे सांसें
कोविड से पीडि़त हर व्यक्ति को इमरजेंसी मरीज ही माना जा रहा है। कोशिश भी यही है कि जल्द से जल्द उन्हें भीड़ से अलग कर रखा जाए, जिससे किसी भी तरह संक्रमण न फैले। मेडिकल कालेज में मंगलवार को लाल क्वार्टर के हरिराम को घंटों कड़ी धूप में एंबुलेंस में ही इंतजार करते देखा गया। आक्सीजन की जरूरत पर स्वजन ने कहीं से आक्सीजन का इंतजाम किया और इंतजार करने लगे। दो घंटे से अधिक समय बीतने के बाद जब इमरजेंसी में जाने का बुलाया आया तो वही उनके लिए बड़ी राहत महसूस हुई।