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आरटी-पीसीआर जाच को भी चकमा दे रहा कोरोना

कोरोना वायरस से जुड़ा एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। यह सुनकर आप अचंभित भी हो सकते हैं कि पहले एंटीजन जांच को चकमा देने वाला कोरोना अब वायरस में म्यूटेशन यानी बदलाव के चलते आरटी-पीसीआर जांच में भी पकड़ में नहीं आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 05:55 AM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 05:55 AM (IST)
आरटी-पीसीआर जाच को भी चकमा दे रहा कोरोना

संतोष शुक्ल, मेरठ : कोरोना वायरस से जुड़ा एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। यह सुनकर आप अचंभित भी हो सकते हैं कि पहले एंटीजन जांच को चकमा देने वाला कोरोना अब वायरस में म्यूटेशन यानी बदलाव के चलते आरटी-पीसीआर जांच में भी पकड़ में नहीं आ रहा है। ऐसे में कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद सतर्क रहें। कई मरीजों के फेफड़ों में गहरा निमोनिया भी मिला, जबकि रिपोर्ट निगेटिव आई। डाक्टरों ने आगाह किया है कि कोरोना से मिलते जुलते लक्षण मिलने पर सटीक इलाज लेने की जरूरत है। आइए जानते हैं कोरोना की नई लहर से बचाव के लिए मेरठ के वरिष्ठ चिकित्सकों की राय।

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कोरोना के सभी लक्षण, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव : डा. वीरोत्तम

सास एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से सावधान रहने की जरूरत है। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में आरटी-पीसीआर जाच में कई चौंकाने वाले परिणाम आ रहे हैं। नई रिपोर्ट के मुताबिक म्यूटेटेड वायरस जाच में जल्दी पकड़ में नहीं आ रहा है। ऐसे मामले महाराष्ट्र, नई दिल्ली से लेकर मेरठ तक देखे गए हैं। डा. तोमर ने बताया कि मेरठ में निमोनिया के कई ऐसे मरीज भर्ती हैं, जिनमें कोरोना के पूरे लक्षण हैं, लेकिन उनकी जाच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इन मरीजों की चेस्ट सीटी कराई तो फेफड़ों में रुई के धब्बे की तरह निशान मिले। उनके शरीर में आक्सीजन के स्तर पर नजर रखी जा रही है। डी-डाइमर, आयरन एवं सीआरपी टेस्ट कराने के आधार पर इलाज दिया जा रहा है।

वायरस को कमजोर समझना बड़ी भूल : डा. अमित

मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. अमित गर्ग कहते हैं कि वायरस में 200 से ज्यादा हल्के बदलाव हो चुके हैं। हर वायरस वक्त के साथ बदलता है। ऐसे में जाच में पकड़ में आने की संभावनाएं कम होती रहती हैं। कई सैंपल में पाच से ज्यादा प्रकार की जीन्स की जाच करनी पड़ रही है। डा. गर्ग ने बताया कि वायरस को कमजोर समझना बड़ी भूल होगी। बताया कि सौ साल पहले स्पेनिश फ्लू के संक्रमण की दूसरी लहर से दुनिया में बड़ी संख्या में मौतें हुई थीं।

खून को गाढ़ा कर रहा वायरस : डा. संजय

मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जन डा. संजय शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस रक्त को गाढ़ा करता है। नए म्यूटेशन वाले वायरस में थ्रंबोसिस बनाने की प्रवृत्ति ज्यादा देखी जा रही है। बड़ी संख्या में मरीजों को रक्त पतला करने की दवा देनी पड़ी। बच्चों की हृदय धमनियों में वायरस सूजन बनाता है, जिस पर हाल में मेडिकल कालेज की डाक्टर मुनेश तोमर ने शोध किया है।


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