विद्युत चोरी के नाम पर न हो उपभोक्ता का उत्पीड़न
विधान परिषद की प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी जांच समिति ने मंगलवार को ऊर्जा भवन में मेरठ हापुड़ और बुलंदशहर की बिजली व्यवस्था की समीक्षा की।
मेरठ, जेएनएन। विधान परिषद की प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी जांच समिति ने मंगलवार को ऊर्जा भवन में मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर की बिजली व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान जांच समिति के सदस्यों ने कहा कि विद्युत चोरी रोकनी है, लेकिन इसके नाम उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कतई नहीं होना चाहिए। ऐसे मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जांच समिति की अध्यक्षता उप्र विधान परिषद सभापति डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त एवं विधायक किठौर सत्यवीर त्यागी ने की। जांच समिति के सदस्यों में विधान परिषद सदस्य हीरालाल यादव, विद्यासागर सोनकर, केदारनाथ सिंह, अमित यादव, रविशंकर सिंह पप्पू भैया और प्रबंध निदेशक आशुतोष टंडन मौजूद रहे। बैठक में 18 बिंदुओं पर चर्चा की गई। ट्रांसफार्मर की उपलब्धता का मामला उठा। जांच समिति ने बदले गए ट्रांसफार्मर का ब्यौरा तलब किया। ट्रांसफार्मर खराब होने पर 24 घंटे के भीतर शहरी क्षेत्रों और 48 घंटे में ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के खर्च पर बदले जा रहे हैं। निजी नलकूप के कनेक्शन की जानकारी जांच समिति के सामने रखी गई। ऊर्जीकृत गांवों के बारे में बताया गया कि वर्ष 2019-20 में दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 11,725 गांव एवं मजरों को ऊर्जीकृत किया जा चुका है। स्मार्ट मीटर का विवरण भी जांच समिति ने तलब किया है। स्मार्ट मीटर की भ्रांतियों पर चर्चा की। प्रबंध निदेशक ने बताया कि भ्रांतियों को दूर करने के लिए मुख्य अभियंता वितरण को लोगों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए कहा गया है। ताकि लोगों तक सही जानकारी दी जा सके। प्रबंध निदेशक ने कहा कि विद्युत चोरी रोकने के लिए विभाग की टीम, प्रवर्तन दल को विद्युत चोरी के नाम पर उपभोक्ता का उत्पीड़न का मामला आएगा तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मीटर्ड टैम्पर्ड के संबंध में जांच समिति ने थर्ड पार्टी से निरीक्षण कराने का सुझाव दिया गया। प्रबंध निदेशक ने इरडा से निरीक्षण कराने का आश्वासन दिया है। जांच समिति के सदस्यों ने विद्युत आपूर्ति को रोस्टर के आधार पर देने की बात कही है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने जांच समिति
को बताई उपभोक्ता की पीड़ा
लखनऊ से आई जांच समिति के समक्ष भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकंात वाजपेयी ने उपभोक्ता की पीड़ा बताई। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए रेड पडती है और मीटर उतारकर लैब आता है। उपभोक्ता को बुलाया जाता है। उपभोक्ता गैर तकनीकी हैं। उसके सामने मीटर को खोलते है और तुरंत अगला वाक्य यह होता है कि इसमें शंट है और फिर एसेसमेंट बनाने में विलंब करते हैं। इसी विलंब के दौर सौदा कर भ्रष्टाचार को जन्म दिया जाता है। वहीं, स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता के तीन गुने बिल अधिक आने लगे हैं। आखिर इन मीटरों को लगाने की वजह क्या है। यह सवाल खड़ा किया है। प्रत्येक फीडर के 10 इलेक्ट्रिक मीटर चेक कर जांच की जाए।
एमडीए में अब संपत्तियों की ई नीलामी
जासं,मेरठ : मंगलवार को एमडीए में संपत्तियों और फ्लैटों की नीलामी को लेकर बैंकों के ब्रांच मैनेजरों के साथ बैठक की गई। चर्चा की गई कि भविष्य में संपत्तियों और फ्लैटों की ई नीलामी की जाएगी। एमडीए राजेश पांडेय ने बैंक के ब्रांच मैनेजरों के साथ विचार-विमर्श के बाद एचडीएफसी बैंक को ई नीलामी के संबंध में जिम्मेदारी सौंपी गई है।