चुनावी झटके ने भाजपा को दिलाई कैराना की याद, कांग्रेसियों ने मनाया जीत का जश्न
तीन पड़ोसी राज्यों में हार से भाजपा का मिशन-2019 प्रभावित हो सकता है। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर, पूरे दिन मनाया जश्न, बांटी मिठाई।
By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 01:19 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 01:19 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। पांच राज्यों में चुनावी झटके से भाजपा अवाक रह गई। खासकर, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी की हार ने कार्यकर्ताओं को कैराना की याद दिला दी। कैराना में भी हाईवोल्टेज चुनावी समर में भाजपा ने पूरी ताकत झोंका था, किंतु पार्टी महागठबंधन की गुगली पर बोल्ड हो गई। लोकसभा चुनावों में जुटी पार्टी के लिए इसे झटका भी माना जा रहा है।
कार्यकर्ताओं लगातार उपेक्षा हार का कारण
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने मध्यप्रदेश में चुनावी प्रचार किया था। उन्होंने माना था कि इस बार मतदाताओं की खामोशी में कोई तूफान जरूर है। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं का मानना है कि कार्यकर्ताओं लगातार हुई उपेक्षा हार का कारण बनी। गत दिनों सूबे में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उपचुनावों में गोरखपुर एवं फूलपुर गंवाया। इसके बाद पार्टी ने पूरी ताकत शामली की कैराना सीट पर लगा दिया। प्रदेश संगठन महामंत्री से लेकर मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य एवं अन्य राज्यों के सांसद भी आए गए। किंतु विरोधियों ने एकजुट होकर भाजपा की रणनीति नाकाम कर दी। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कैराना में भाजपा की हार के बाद ही विरोधियों का मनोबल बढ़ा, और कर्नाटक में भी भगवा मंसूबा परवान नहीं चढऩे दिया।
उत्तर प्रदेश में भाजपा को करना होगा संघर्ष
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा की मदद बिना कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन कर दिखाया। माना जा रहा है कि कांग्रेस के मजबूत होने से बसपा समेत तमाम दल यूपी में साथ आ सकते हैं, ऐसे में पश्चिमी उप्र में भाजपा आधा दर्जन सीटों के लिए संघर्ष करती नजर आएगी। उधर, राजस्थान में एक सीट रालोद ने भी जीतकर खुद को दिलासा दिया है। भाजपाइयों का कहना है कि कार्यकर्ताओं को बूथों से लेकर पार्टी के तमाम योजनाओं में उलझा दिया है। इस वजह से भी निराश हैं। संघ के करीबी भाजपाई ने हैरानी जताई। कहा कि संघ, भाजपा एवं अन्य सहयोगी संगठनों की तीन परतों से घिरी भगवा दीवार कैसे ढह गई? भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने पूरी निष्ठा के साथ चुनाव लड़ाया। हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, किंतु परिणामों की समीक्षा जरूरी है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न, आतिशबाजी
छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश में चुनावी नतीजे आने के बाद मेरठ में भी कांग्रेसियों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने आतिशबाजी कर जीत का जश्न मनाया। कार्यकर्ताओं ने मिठाई और लड्डू बांटे। मंगलवार को महानगर कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी की प्रथम वर्षगांठ व देश के तीनों राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद शाम को जश्न मनाया। कार्यकर्ता पहले कार्यालय पर एकत्रित हुए। वहां से महानगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार 'किशनी के नेतृत्व में बुढ़ाना गेट चौराहा पहुंचे और आतिशबाजी करते हुए लड्डू बांटे। इस दौरान बुढ़ाना गेट चौराहे पर जाम भी लग गया। वहीं, ब्रह्मपुरी, दिल्ली चुंगी एवं मलियाना फाटक पर भी महानगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी। इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं, कमिश्नरी पर भी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटे।
राजस्थान की चुनावी जीत पर रालोद ने जश्न मनाया
राजस्थान विधानसभा चुनाव में गठबंधन की सफलता से गदगद रालोद नेताओं ने जिलाध्यक्ष राहुल देव प्रमुख के नेतृत्व में जश्न मनाते हुए मिठाई बांटी। राहुल देव ने कहा कि गठबंधन के तहत भरतपुर विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी डा. सुभाष गर्ग ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर पार्टी का प्रदेश में खाता खोला और गठबंधन की जीत ने 2019 की पटकथा लिख दी। युवा नेता जयंत चौधरी ने उप्र के बाहर पार्टी विस्तार कर राजस्थान में मजबूत रणनीति का परिचय देते हुए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। पार्टी नेतृत्व के साथ सभी कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। भरतपुर सीट पर रालोद के डा. सुभाष गर्ग ने जीत हासिल की। रालोद प्रवक्ता सुनील रोहटा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बाहर पार्टी की जीत से कार्यकर्ताओं का उत्साह जोरों पर है। कैराना जीत के बाद यह दूसरी जीत है। रालोद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के शोहराब गयास द्वारा कचहरी में मिठाई बांटी गई।
कार्यकर्ताओं लगातार उपेक्षा हार का कारण
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने मध्यप्रदेश में चुनावी प्रचार किया था। उन्होंने माना था कि इस बार मतदाताओं की खामोशी में कोई तूफान जरूर है। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं का मानना है कि कार्यकर्ताओं लगातार हुई उपेक्षा हार का कारण बनी। गत दिनों सूबे में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उपचुनावों में गोरखपुर एवं फूलपुर गंवाया। इसके बाद पार्टी ने पूरी ताकत शामली की कैराना सीट पर लगा दिया। प्रदेश संगठन महामंत्री से लेकर मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य एवं अन्य राज्यों के सांसद भी आए गए। किंतु विरोधियों ने एकजुट होकर भाजपा की रणनीति नाकाम कर दी। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कैराना में भाजपा की हार के बाद ही विरोधियों का मनोबल बढ़ा, और कर्नाटक में भी भगवा मंसूबा परवान नहीं चढऩे दिया।
उत्तर प्रदेश में भाजपा को करना होगा संघर्ष
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा की मदद बिना कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन कर दिखाया। माना जा रहा है कि कांग्रेस के मजबूत होने से बसपा समेत तमाम दल यूपी में साथ आ सकते हैं, ऐसे में पश्चिमी उप्र में भाजपा आधा दर्जन सीटों के लिए संघर्ष करती नजर आएगी। उधर, राजस्थान में एक सीट रालोद ने भी जीतकर खुद को दिलासा दिया है। भाजपाइयों का कहना है कि कार्यकर्ताओं को बूथों से लेकर पार्टी के तमाम योजनाओं में उलझा दिया है। इस वजह से भी निराश हैं। संघ के करीबी भाजपाई ने हैरानी जताई। कहा कि संघ, भाजपा एवं अन्य सहयोगी संगठनों की तीन परतों से घिरी भगवा दीवार कैसे ढह गई? भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने पूरी निष्ठा के साथ चुनाव लड़ाया। हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, किंतु परिणामों की समीक्षा जरूरी है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न, आतिशबाजी
छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश में चुनावी नतीजे आने के बाद मेरठ में भी कांग्रेसियों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने आतिशबाजी कर जीत का जश्न मनाया। कार्यकर्ताओं ने मिठाई और लड्डू बांटे। मंगलवार को महानगर कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी की प्रथम वर्षगांठ व देश के तीनों राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद शाम को जश्न मनाया। कार्यकर्ता पहले कार्यालय पर एकत्रित हुए। वहां से महानगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार 'किशनी के नेतृत्व में बुढ़ाना गेट चौराहा पहुंचे और आतिशबाजी करते हुए लड्डू बांटे। इस दौरान बुढ़ाना गेट चौराहे पर जाम भी लग गया। वहीं, ब्रह्मपुरी, दिल्ली चुंगी एवं मलियाना फाटक पर भी महानगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी। इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं, कमिश्नरी पर भी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटे।
राजस्थान की चुनावी जीत पर रालोद ने जश्न मनाया
राजस्थान विधानसभा चुनाव में गठबंधन की सफलता से गदगद रालोद नेताओं ने जिलाध्यक्ष राहुल देव प्रमुख के नेतृत्व में जश्न मनाते हुए मिठाई बांटी। राहुल देव ने कहा कि गठबंधन के तहत भरतपुर विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी डा. सुभाष गर्ग ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर पार्टी का प्रदेश में खाता खोला और गठबंधन की जीत ने 2019 की पटकथा लिख दी। युवा नेता जयंत चौधरी ने उप्र के बाहर पार्टी विस्तार कर राजस्थान में मजबूत रणनीति का परिचय देते हुए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। पार्टी नेतृत्व के साथ सभी कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। भरतपुर सीट पर रालोद के डा. सुभाष गर्ग ने जीत हासिल की। रालोद प्रवक्ता सुनील रोहटा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बाहर पार्टी की जीत से कार्यकर्ताओं का उत्साह जोरों पर है। कैराना जीत के बाद यह दूसरी जीत है। रालोद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के शोहराब गयास द्वारा कचहरी में मिठाई बांटी गई।
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