इस वाट्सएप नंबर पर महिला आयोग से करें उत्पीड़न की शिकायत, 24 घंट में होगी सुनवाई
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह बोली अब महिलाएं वाट्सएप पर मैसेज कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी। आयोग अगस्त से हर जिले में कैंप लगाकर महिलाओं और लड़कियों को जागरूक करेगा।
By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 05:27 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 05:27 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। अब महिलाएं वाट्सएप पर मैसेज कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी। ऐसी महिलाएं जो आयोग में सीधे शिकायत दर्ज नहीं करा सकती उनके लिए उत्तर प्रदेश में महिला आयोग द्वारा वाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है। इसके साथ ही आयोग अगस्त से हर जिले में कैंप लगाकर महिलाओं और लड़कियों को जागरूक करेगा। जिससे महिला उत्पीडऩ के मामलों में कमी लाई जा सके। समाज में एक चेतना विकसित की जा सके। यह कहना है उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह का। सुषमा सिंह मेरठ में नारी निकेतन आदि का निरीक्षण करने के लिए मेरठ पहुंची।
बदले की भावना से हो रहे महिलाओं पर प्रहार
अगस्त 2018 में प्रदेश में आयोग का गठन हुआ है। इसके बाद से सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। चुनाव आचार संहिता की वजह से अभी कुछ दिन काम नहीं हो पाया। लेकिन अब फिर से महिलाओं के बीच में आयोग पहुंच रहा है। उनकी बात सुनी जा रही है। बताया कि प्रदेश में महिला उत्पीडऩ के जितने भी मामले हो रहे हैं, वह अलग- अलग है, लेकिन सभी मामलों में यह देखा जा रहा है कि लोग बदले की भावना से ऐसी बच्चियों और महिलाओं पर प्रहार कर रहे हैं, जिनका उस मामले से कोई सरोकार नहीं है। बदले की भावना में इस तरह की वारदात करने वाले को पुलिस, समाज का सहयोग लेना चाहिए। आठ से 18 साल की लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में देखा गया है कि वे अपने परिवार को इसके विषय में नहीं बताती हैं। आयोग ऐसे मामलों में लड़कियों के लिए सेमिनार आयोजित करेगा। ताकि वह आत्मविश्वास के साथ अपने साथ होने वाले मामलों को अपने परिवार से बता सकें। अगस्त से हर जिले में जागरूकता कैंप लगाने की योजना बनाई गई है। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, बीएसए और प्रशासन के सहयोग से सभी कॉलेज, स्कूल, आइटीआइ, नर्सिंग कॉलेज आदि जगहों पर छोटे- छोटे कैंप लगाए जाएंगे। उसमें लड़कियों के साथ महिलाओं और लड़कों को भी शामिल किया जाएगा। कैंप में लड़कियों को बताया जाएगा कि उन्हें किस तरह के कपड़े पहनाना चाहिए। अगर अकेले और रात में निकलती हैं तो क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
महिलाएं वाट्सएप पर करें शिकायत
महिला आयोग ने ऐसी महिलाएं जो आयोग में सीधे शिकायत नहीं दर्ज करा सकती हैं, उनके लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया है। 6306511708 पर वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। 24 से 48 घंटे में इस पर सुनवाई हो जाएगी।
बुजुर्गों का ख्याल करें
सुषमा सिंह ने बताया कि भरण पोषण एक्ट के तहत अगर कोई अपने माता पिता को वृद्धाआश्रम में रखता है, और उसकी क्षमता है कि वह अपने माता पिता का भरण पोषण कर सकता है तो ऐसे मामले में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जेल भेजा जा सकता है। ऐसी स्थिति में उसे अपनी पैतृक सम्पत्ति से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
बदले की भावना से हो रहे महिलाओं पर प्रहार
अगस्त 2018 में प्रदेश में आयोग का गठन हुआ है। इसके बाद से सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। चुनाव आचार संहिता की वजह से अभी कुछ दिन काम नहीं हो पाया। लेकिन अब फिर से महिलाओं के बीच में आयोग पहुंच रहा है। उनकी बात सुनी जा रही है। बताया कि प्रदेश में महिला उत्पीडऩ के जितने भी मामले हो रहे हैं, वह अलग- अलग है, लेकिन सभी मामलों में यह देखा जा रहा है कि लोग बदले की भावना से ऐसी बच्चियों और महिलाओं पर प्रहार कर रहे हैं, जिनका उस मामले से कोई सरोकार नहीं है। बदले की भावना में इस तरह की वारदात करने वाले को पुलिस, समाज का सहयोग लेना चाहिए। आठ से 18 साल की लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में देखा गया है कि वे अपने परिवार को इसके विषय में नहीं बताती हैं। आयोग ऐसे मामलों में लड़कियों के लिए सेमिनार आयोजित करेगा। ताकि वह आत्मविश्वास के साथ अपने साथ होने वाले मामलों को अपने परिवार से बता सकें। अगस्त से हर जिले में जागरूकता कैंप लगाने की योजना बनाई गई है। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, बीएसए और प्रशासन के सहयोग से सभी कॉलेज, स्कूल, आइटीआइ, नर्सिंग कॉलेज आदि जगहों पर छोटे- छोटे कैंप लगाए जाएंगे। उसमें लड़कियों के साथ महिलाओं और लड़कों को भी शामिल किया जाएगा। कैंप में लड़कियों को बताया जाएगा कि उन्हें किस तरह के कपड़े पहनाना चाहिए। अगर अकेले और रात में निकलती हैं तो क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
महिलाएं वाट्सएप पर करें शिकायत
महिला आयोग ने ऐसी महिलाएं जो आयोग में सीधे शिकायत नहीं दर्ज करा सकती हैं, उनके लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया है। 6306511708 पर वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। 24 से 48 घंटे में इस पर सुनवाई हो जाएगी।
बुजुर्गों का ख्याल करें
सुषमा सिंह ने बताया कि भरण पोषण एक्ट के तहत अगर कोई अपने माता पिता को वृद्धाआश्रम में रखता है, और उसकी क्षमता है कि वह अपने माता पिता का भरण पोषण कर सकता है तो ऐसे मामले में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जेल भेजा जा सकता है। ऐसी स्थिति में उसे अपनी पैतृक सम्पत्ति से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
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