कामनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली दिव्या काकरान ने केजरीवाल से मांगा अपना हक
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला निवासी दिव्या काकरान ने वर्ष 2017 में एशियन कुश्ती चैंपियनिशप में दिल्ली की ओर से प्रतिभाग किया था। यहां उन्होंने रजत पदक जीता था। इस प्रदर्शन के आधार पर राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि उन्हें नहीं दी गई है।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली अर्जुन अवार्डी पहलवान दिव्या काकरान ने दिल्ली सरकार से अपना हक मांगा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खिलाड़ियों के पदक जीतने पर ट्वीट कर हर्ष व्यक्त किया। इसके बाद दिव्या ने दो ट्वीट कर जवाब दिया। कहा कि काफी समय से दिल्ली में रहकर अभ्यास कर रही हैं लेकिन आज तक सम्मानित नहीं किया गया। ट्वीट करने के बाद देशभर से प्रतिक्रिया मिल रही हैं।
2017 में जीता था रजत पदक
जिले के गांव पुरबालियान निवासी दिव्या ने वर्ष 2017 में एशियन कुश्ती चैंपियनिशप में दिल्ली की ओर से प्रतिभाग किया था। यहां दिव्या ने रजत पदक जीत था। इस प्रदर्शन के आधार पर राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि लगभग ढाई लाख रुपये उन्हें आज तक नहीं दिए गए हैं। इसको लेकर दिव्या ने दिल्ली सरकार को शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया। इससे आहत होकर दिव्या ने उत्तर प्रदेश का रुख किया। दिव्या के पिता बताते हैं कि इसके बाद दिव्या ने यूपी की तरफ से खेलना शुरू किया और कई पदक प्राप्त किए। उप्र की योगी सरकार ने दिव्या को रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से पुरस्कृत किया है। जबकि केंद्र से वह अर्जुन अवार्ड ले चुकी है। दिल्ली सरकार पिछले पांच वर्ष से प्रोत्साहन राशि नहीं दे रही है।
ट्वीट के बाद देशभर में छाईं पहलवान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट के बाद दिव्या ने अपने ट्विटर हैंडल से दो बार जवाब दिया। जिनमें लिखा, मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री को तहे दिल से धन्यवाद। मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यहीं कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई, न कोई मदद दी गई। मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं, जो दिल्ली के होने के बावजूद किसी और राज्य से भी खेलते हैं, उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए।