Commonwealth Games: दिव्या को गोल्ड नहीं जीतने का मलाल, पर हारी नहीं है हिम्मत और निखारेंगी अपना खेल
Divya Kakran मुजफ्फरनगर के गांव पुरबालियान निवासी दिव्या काकरान ने कामनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता है। उन्हें स्वर्ण पदक नहीं जीतने का मलाल है। वर्ष 2018 के कामनवेल्थ गेम्स की तरह इस बार भी नाइजीरिया की ओबोरुडुडू से ही दिव्या को हार का सामना करना पड़ा।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि मैं निराश हूं, अपने देश के लिए स्वर्ण पदक नहीं जीत सकी। दिव्या ने दैनिक जागरण से बातचीत में सेमीफाइनल में अपनी पराजय के कारण बेबाकी से गिनाए, साथ ही उनमें सुधार के लिए कोशिश का भी जिक्र किया। इस हार से दिव्या ने सबक लिया है, लेकिन हिम्मत बिल्कुल नहीं हारी है, अब दो गुने जोश से आगामी प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुट गईं हैं। उन्होंने कहा कि आगे के तैयारी के लिए वह अब हिमाचल प्रदेश में अभ्यास करेंगी।
प्रतिद्वंद्वी के आगे कम रहा अनुभव
दिव्या ने कहा कि वर्ष 2018 के कामनवेल्थ गेम्स में भी वह नाइजीरिया की ओबोरुडुडू से ही हार गईं थी। यहां भी उसे कांस्य से संतोष करना पड़ा था। वर्ष-2022 में स्वर्ण पदक की उम्मीद के साथ बर्मिंघम गईं दिव्या का सपना इसी पहलवान ने फिर चकनाचूर कर दिया। वह बतातीं है, विदेशी पहलवान शारीरिक एवं मानसिक रूप से अधिक मजबूत थी। पहला मुकाबला बाई मिलने के बाद दूसरा राउंड ओबोरुडुडू से खेला था। उसका अनुभव और प्रदर्शन उससे बेहतर निकला, जिस कारण पराजय झेलनी पड़ी। वह तकनीक में सिंगल और डबल लेग में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकीं। इसके चलते उनका खेल कमजोर पड़ गया। इसी के चलते स्वर्ण पदक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गईं लेकिन भविष्य में अधिक समग्रता और साहस के साथ प्रतिद्वंद्वी से मुकाबला करेंगी।
अब निखारेंगी अपना खेल
दिव्या ने अपनी आगामी योजना पर बातचीत करते हुए बताया कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता होगी। इससे पहले वह अपने खेल को पुख्ता करेंगी। जिसके चलते हिमाचल प्रदेश में विशेष अभ्यास करेंगी। साथ ही शारीरिक एवं मानसिक शक्ति पर फोकस रखेंगी। इसके लिए अपने मंगेतर, तकनीशियन और प्रशिक्षक के साथ मिलकर कड़ी मेहनत करेंगी।
दिव्या काकरान की ये हैं प्रमुख उपलब्धियां
2012: राजस्थान केसरी का खिताब जीता
2014: सैफई महोत्सव के दंगल में प्रथम स्थान
2014: उप्र व जम्मू केसरी का खिताब जीता
2015: भारत केसरी बनीं
2017: साउथ अफ्रीका में कामनवेल्थ कुश्ती में जीता
2018: राष्ट्रमंडल खेल गोल्ड कोस्ट में कांस्य पदक जीता
2019: विश्व रैकिंग प्रतियोगिता में तृतीय स्थान
2020: सीनियर एशियन प्रतियोगिता कजाकिस्तान में प्रथम स्थान
2021: अंडर-23 में विश्व कुश्ती प्रतियोगिता सर्बिया में तृतीय स्थान
2022: कामनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम में कांस्य पदक जीता
-अर्जुन अवार्ड व रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित