सीएमओ ने पालीक्लीनिक व झोलाछापों की मांगी रिपोर्ट..मचा हड़कंप
मवाना के अटौरा रोड स्थित पालीक्लीनिक में प्रसव के दौरान महिला सिपाही व बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो चला है। सीएमओ अखिलेश मोहन ने संज्ञान लेते हुए सीएचसी प्रभारी से उक्त सारे प्रकरण के साथ-साथ झोलाछाप व मेडिकल स्टोरों की रिपोर्ट मांगी है।
मेरठ, जेएनएन। मवाना के अटौरा रोड स्थित पालीक्लीनिक में प्रसव के दौरान महिला सिपाही व बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो चला है। सीएमओ अखिलेश मोहन ने संज्ञान लेते हुए सीएचसी प्रभारी से उक्त सारे प्रकरण के साथ-साथ झोलाछाप व मेडिकल स्टोरों की रिपोर्ट मांगी है। जिससे हड़कंप मचा है।
इंचौली थाना क्षेत्र के गांव किशोरीपुर निवासी महिला सिपाही सीमा कबीरा पालीक्लीनिक में प्रसव के लिए बुधवार शाम भर्ती हुईं थीं, लेकिन कुछ घंटों में ही गर्भ में ही बच्चे की मौत होने के बाद जच्चा की भी मौत हो गई थी। जिसे लेकर रात से लेकर दूसरे दिन तक स्वजन ने कार्रवाई को हंगामा किया था। वहीं, स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए कि कैसे झोलाछाप क्लीनिक चला रहे हैं। आखिर स्वास्थ्य विभाग की भी नींद टूटी और सीएमओ ने उक्त प्रकरण की सीएचसी प्रभारी डा. सतीश भास्कर से रिपोर्ट मांगी। डा. सतीश भास्कर ने बताया कि जिम्मेदार क्लीनिक व अन्य झोलाछापों के साथ एक्सरे सेंटर, लैब और मेडिकल स्टोरों की रिपोर्ट भेजी गई है। जिससे पूरे गली मोहल्लों में खोले बैठे क्लीनिक व मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप की स्थिति रही।
खाद्य सामग्री के 13 नमूने जांच में फेल : खरखौदा में खाद्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को कस्बा व फफूंडा में मिठाई, नमकीन समेत अन्य खाद्य सामग्री के 38 नमूने भरे। मौके पर ही एफएसडब्लू वाहन लैब से नमूनों की जांच की गई तो 13 नमूने फेल निकले। इस मौके पर टीम ने खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी के प्रति लोगों को जागरूक भी किया।
एफएसडीए, मेरठ के निर्देश पर शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित सिंह व सुमनपाल सिंह ने शुक्रवार एफएसएसडब्लू वाहन लैब के साथ कस्बा पहुंचे। यहां काíतक स्वीट्स, शीशपाल स्वीट्स, महेश नमकीन भंडार, मुन्ना छोले-भटूरे, सैनी बिरयानी, मेवाड़ प्रेम आइसक्रीम, गर्ग स्वीट्स, श्रीबालाजी स्वीट्स आदि 38 प्रतिष्ठानों से खाद्य सामग्री के नमूने लिए, जिसमें सभी खाद्य सामग्री के वाहन लैब से जांच की तो उसमें 13 नमूने फेल निकले। हालांकि इस संबंध में कार्रवाई की बजाए घटिया खाद्य सामग्री से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताते हुए जागरूक किया। वहीं, फफूंडे में भी खाद्य सामग्री की जांच की और जागरूक किया।