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सफाई तो दूर छह माह में सुभाष नगर नाले का टेंडर नहीं करा सका निगम

नाला सफाई को लेकर निगम अफसर कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि छह माह में सफाई तो दूर निगम अफसर टेंडर ही नहीं करा सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 06:22 AM (IST)
सफाई तो दूर छह माह में सुभाष नगर नाले का टेंडर नहीं करा सका निगम
सफाई तो दूर छह माह में सुभाष नगर नाले का टेंडर नहीं करा सका निगम

मेरठ, जेएनएन : नाला सफाई को लेकर निगम अफसर कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि छह माह में सफाई तो दूर निगम अफसर टेंडर ही नहीं करा सके। मानसून आने को 15 दिन से भी कम समय बचा है। शहर के कई प्रमुख नालों की सफाई नहीं हो सकी है। इससे स्थानीय नागरिक जलभराव को लेकर अभी से खौफ में है।

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नालानामा अभियान के तहत सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने सुभाष नगर नाले का रुख किया। वार्ड 29 के पार्षद पवन चौधरी ने इसी नाले को लेकर नगर निगम की बोर्ड बैठक में मिट्टी का तेल अपने ऊपर डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। पार्षद 2018 में हुई भीषण जलभराव जैसी स्थिति का दोहराव नहीं चाहते। इसके बाद भी नगर निगम अधिकारी नहीं चेते तो वह स्थानीय लोगों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। उसी दिन नगर आयुक्त मनोज चौहान, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने नाले की मैनुअल सफाई कराने का आश्वासन दिया था। तब से कई बार पार्षद और स्थानीय नागरिक डीएम, नगर आयुक्त समेत निगम के सभी अधिकारियों और महापौर तक से गुहार लगा चुके हैं। अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई। मैनुअल सफाई की है मांग

सुभाष नगर, लक्ष्मीनगर और हाशिमपुरा के बीच इस नाले की पटरी नहीं है। करीब डेढ़ किमी. के इस हिस्से में सफाई के लिए मशीन नहीं जा सकती है। 20 साल पहले मैनुअल सफाई कराई गई थी। इसके बाद से पार्षदों और स्थानीय लोगों को नगर निगम साल दर साल आश्वासन ही दे रहा है। नाले के इस हिस्से में कूड़ा, पॉलीथिन और गोबर की भयंकर सिल्ट जमा है और जलनिकासी चौक है। जरा की बरसात में लोगों के घरों में पानी भर जाता है। स्थानीय लोग मैनुअल सफाई की मांग कर रहे हैं। निगम अधिकारियों ने पूरा नहीं किया वादा

पार्षद की भूख हड़ताल समाप्त कराने के साथ निगम अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि टेंडर कराकर मैनुअल सफाई कराई जाएगी। इसके लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से प्रस्ताव तैयार कर निर्माण विभाग को सौंपा गया था। छह माह बीत गए हैं, लेकिन सफाई तो दूर अभी तक टेंडर नहीं हो सका है। इन मोहल्लों से गुजरता है नाला

खैरनगर से शुरू होकर बुढ़ाना गेट, इंदिरा चौक, सुभाष नगर, हाशिमपुरा, लक्ष्मीनगर, हनुमानपुरी होते हुए न्यू मोहनपुरी के बड़े नाले में यह नाला गिरता है। इस नाले के डेढ़ किमी. के हिस्से को छोड़कर मशीन से सफाई कराई गई है। डेढ़ किमी. के हिस्से में जमा सिल्ट जलनिकासी की सबसे बड़ी बाधा है। करीब 80 हजार आबादी की जलनिकासी इसी पर निर्भर है। बारिश से पहले इस हिस्से की सफाई नहीं हुई तो मोहल्ले पिछले साल की तरह फिर जलमग्न होंगे।

बॉक्स

जलभराव के थे ये कारण:--

-सुभाष नगर और हाशिमपुरा के बीच अतिक्रमण है।

-नाले में कूड़ा और गोबर की सिल्ट जमा है।

-डेढ़ किमी. हिस्से में मैनुअल सफाई 20 साल से नहीं हुई है। निराकरण की ये है स्थिति:--

-नगर निगम ने इस बार भी डेढ़ किमी. हिस्से में मैनुअल सफाई नहीं कराई है।

-सुभाष नगर और हाशिमपुरा के बीच अतिक्रमण नहंी हटाया गया है।

-नाले में कूड़ा और गोबर की सिल्ट अभी भी जमा है।

लोग बोले

फोटो-201

पिछले साल नाले का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ गया था। घरों में नाले की गंदगी पहुंच गई थी। दुकान चलाना मुश्किल हो गया था। इस बार भी सफाई नहीं हुई है।

सुमित बंसल, दुकानदार फोटो--203

सुभाष नगर और लक्ष्मीनगर में नाला पूरी तरह चोक है। बारिश का पानी किसी भी हालत में नहीं निकलेगा। नगर निगम अधिकारियों को लोगों की परवाह नहीं है। बारिश में घरों में पानी भरना तय है।

नईम खान, स्थानीय नागरिक फोटो-205

नाले की सफाई न होने से दुर्गध का माहौल है। नाले के समीप बसे लोगों का संास लेना दूभर है। बीमारियां फैल रही हैं। बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। बारिश को लेकर अभी से डरे हुए हैं। पिछले साल तो बुरा हाल था।

ब्रज मोहन लोधी

बोले पार्षद

-नाले की सफाई के लिए बोर्ड बैठक में हंगामा, फिर भूख हड़ताल और कम से कम बीस पत्र अधिकारियों को दे चुका हूं। मैनुअल सफाई के दावे किए गए थे, पर हुआ कु छ नहीं।

पवन चौधरी, पार्षद वार्ड 29 -कुछ दिन पहले अपर नगर आयुक्त ने नाले का निरीक्षण किया था। आश्वासन दिया था कि मैनुअल सफाई कराई जाएगी, लेकिन अभी तक टेंडर नहीं किया गया है।

अंशुल गुप्ता, पार्षद वार्ड 54

इन्होंने कहा-

-सुभाष नगर नाले की मैनुअल सफाई का प्रस्ताव बनाकर नगर आयुक्त कार्यालय को भेजा गया था लेकिन अभी तक वहां से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए। टेंडर कराए जाने की बात की जा रही है।

डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

-मैनुअल सफाई के लिए अभी टेंडर नहीं हो सका है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू हो रही है। नाले का निरीक्षण किया गया था। बारिश से पहले सफाई कराई जाएगी।

अमित कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त इनकी है जिम्मेदारी

सुभाष नगर नाले की सफाई का जिम्मा सूरजकुंड वाहन डिपो अंतर्गत जोनल सेनेटरी अधिकारी अरूण खरखौदिया की है। जबकि सफाई निरीक्षक रविशेखर, सफाई नायक प्रदीप, अरूण कुमार और अवनीश के क्षेत्र में यह नाला आता है।


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