तलवार लटकी तो विशेष वाहक से लखनऊ भेजा प्रोजेक्ट
कूड़े से सीएनजी बनाने के 400 मीट्रिक टन के प्रोजेक्ट की डीपीआर पहुंची हाई पावर कमेटी के पास
जासं, मेरठ : कूड़ा निस्तारण को लेकर हाई कोर्ट की सख्ती के बाद नगर आयुक्त ने आनन-फानन में कूड़े से सीएनजी बनाने के प्रोजेक्ट को लखनऊ भिजवाया। मेरठ के कूड़े से सीएनजी बनाने की 400 मीट्रिक टन की डीपीआर गुरुवार को विशेष वाहक द्वारा प्रमुख सचिव नगर विकास को प्राप्त कराई गई। 122 करोड़ रुपये की डीपीआर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति हरी झंडी देगी। इसके बाद केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट राशि का 35 फीसदी 42.79 करोड़ अनुदान के रूप में प्रदान करेगी।
शहर से निकलने वाले 800 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण के पहले चरण में 400 मीट्रिक टन का प्रोजेक्ट सोलापुर महाराष्ट्र की एजेंसी आर्गेनिक रीसाइक्लिंग प्रा. लि. ने तैयार किया था। इसमें कूड़े से सीएनजी बनाने का प्रावधान किया गया है। जिसे हाल ही में प्रदेश की परीक्षण एजेंसी आरसीयूईएस द्वारा अनुमोदित किया गया है। नगर आयुक्त मनोज चौहान ने इस प्रस्ताव को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रदेश की हाई पावर कमेटी के पास परीक्षण और स्वीकृति के लिए भेजा है। प्रोजेक्ट के साथ भेजे गए नगर आयुक्त के पत्र मे लिखा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन की गाइड लाइन के मुताबिक शहर की आबादी के आधार पर प्रति नागरिक 1200 रुपये की दर से प्रोजेक्ट तैयार किया जा सकता है। यह राशि 156.65 करोड़ होती है। मेरठ के प्रोजेक्ट की आरसीयूईएस ने 122.26 करोड़ रुपये राशि निर्धारित की है। केंद्र देगा 42.79 करोड़, प्रदेश का खर्च नहीं होगा एक पैसा
नगर आयुक्त ने पत्र में बताया है कि एजेंसी से अनुबंध के मुताबिक योजना में प्रदेश पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। 122.26 करोड़ की योजना में से 35 फीसदी राशि केंद्र अनुदान के रूप में देगा। जो कि 42.79 करोड़ है। बाकि राशि को एजेंसी ऋण के माध्यम से प्राप्त करेगी। उन्होंने इस योजना को स्वीकृति देने की मांग की है। विशेष वाहक ने सौंपा प्रस्ताव
इस प्रोजेक्ट को गुरुवार को विशेष वाहक के हाथों प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह के पास भेजा गया। उन्हें प्राप्त भी हो गया। प्रमुख सचिव से वार्ता के आधार पर बताया जा रहा है कि उन्होंने इसे जल्द से जल्द अनुमति दिलाने का आश्वासन दिया है। बकाया 500 टन कूड़े का क्या होगा
नगर निगम ने 400 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण का प्रोजेक्ट तो स्वीकृति के लिए भेज दिया है लेकिन शहर में रोजाना 900 मीट्रिक टन कूड़ा उत्पादित होता है। अब सवाल यह है कि बाकि 500 टन कूड़े का क्या होगा? इसे कहां डाला जाएगा? यानि शहर में कूड़े की समस्या फिर भी बनी रहेगी। मंगतपुरम के लिए निकालेंगे टेंडर
नगर आयुक्त मनोज चौहान का कहना है कि दिल्ली रोड पर मंगतपुरम के कूड़े के साइंटिफिक निस्तारण के लिए टेंडर निकालने की तैयारी है। हाई कोर्ट की सख्ती को देखते हुए नगर निगम प्रशासन अब इस दिशा में काम करने के लिए मजबूर हो गया है।