आंखों में नहीं कटेगी 'रैन', सड़कों पर न होगा बसेरा
प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आकर शहर में दुकानों प्रतिष्ठानों और ठेकेदारों के अंडर काम करने वाले प्रवासी कामगारों को ठहरने और भोजन की परेशानी नहीं होगी।
मेरठ, जेएनएन। प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आकर शहर में दुकानों, प्रतिष्ठानों और ठेकेदारों के अंडर काम करने वाले प्रवासी कामगारों को ठहरने और भोजन की परेशानी नहीं होगी। रविवार को नगर निगम ने रैनबसेरे और आश्रय स्थल के दरवाजे खोल दिए हैं। देर शाम रैनबसेरों में 18 कामगारों को ई-रिक्शा के जरिए पहुंचाने का दावा किया गया है। कामगारों को यहां रुकने के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा और भोजन भी निश्शुल्क मिलेगा।
नगर आयुक्त ने रविवार को चीफ इंजीनियर यशवंत कुमार और डूडा परियोजना अधिकारी आशीष सिंह को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जिसके बाद मुकुट महल दिल्ली रोड के पीछे आश्रय स्थल पर दो पुरुष और एक महिला कर्मचारी की ड्यूटी लगा दी गई है। वहीं, परतापुर शंकर विहार फेस-एक स्थित आश्रय स्थल में भी इतने ही कर्मचारी तैनात किए गए हैं। यह दोनों आश्रय स्थल की जिम्मेदारी स्वयं सेवी संगठन के पास है। इसी तरह मेडिकल कॉलेज के समीप और रोहटा रोड स्थित आश्रय स्थल में भी कामगारों को रोकने के लिए व्यवस्था की गई है। पीओ डूडा ने कहा कि यहां पर भोजन के पैकेट भी मुहैया कराए जाएंगे। यह जिम्मेदारी आश्रय स्थलों का संचालन कार्य देख रहे स्वयं सेवी संगठन उठाएंगे। हाथ धुलने के लिए सैनिटाइजर और साबुन की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार से यह व्यवस्था सुचारू करनी है। कामगारों का हेल्थ चेकअप कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की मदद ली जाएगी।
इन रैनबसेरों में रुक सकेंगे
नगर निगम अंगर्तत शहर में 12 रैन बसेरे हैं। टाउन हाल परिसर में एक, बच्चा पार्क में एक,सूरजकुंड में दो, मेडिकल कॉलेज परिसर में एक, शेरगढ़ी में एक, नौचंदी मैदान में एक, मेादीपुरम फेस दो में दो, कासमपुर शराब मिल के पास एक, भोला की झाल के पास एक, मुल्तान नगर और गगोल रोड स्थित हवाई पट्टी पर एक रैन बसेरा है। जहां पर बेड, बिस्तर, शौचालय और स्नानागार जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। कामगारों को इन रैनबसेरों में ठहराया जाएगा। महिला विकास समिति को रैनबसेरों की जिम्मेदारी दी गई है।
आश्रय स्थल व रैनबसेरों में पहुंचाएंगे वाहन
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत बने आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए एक टेंपो चलाया गया है। जबकि रैनबसेरों में पहुंचाने के लिए दो ई-रिक्शा लगाए गए हैं। रविवार शाम को सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई। शाम को बच्चा पार्क, मेट्रो प्लाजा, भूमिया के पुल से 18 कामगारों को ई-रिक्शा के जरिए रैनबसेरों में छोड़ा गया है। यह व्यवस्था लॉकडाउन तक जारी रहेगी।
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रुकने के लिए इन नंबरों पर करें कॉल
नगर निगम के आश्रय स्थल में जो कामगार ठहरना चाहते हैं, वो इन मोबाइल नंबर 9368966818 और 7906597933 पर कॉल कर सकते हैं। जो कामगार रैनबसेरों में रुकना चाहते हैं तो वह मोबाइल नंबर 8273308654 पर कॉल कर सकते हैं। सूचना पर टेंपो या ई-रिक्शा कामगार तक पहुंचेगा और रैनबसेरों व आश्रय स्थल तक छोड़ेगा।