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सामूहिक विवाह को नए जोड़ों की 'न', आकर्षण के बाद भी नए जोड़े कर रहे किनारा

मेरठ (नवनीत शर्मा)। सर्वसमाज के नव दंपतियों को एक मंडप में नवजीवन की डोर में बांधने के लिए

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 01:00 PM (IST)
सामूहिक विवाह को नए जोड़ों की 'न', आकर्षण के बाद भी नए जोड़े कर रहे किनारा
सामूहिक विवाह को नए जोड़ों की 'न', आकर्षण के बाद भी नए जोड़े कर रहे किनारा

मेरठ (नवनीत शर्मा)। सर्वसमाज के नव दंपतियों को एक मंडप में नवजीवन की डोर में बांधने के लिए शुरू की गई योजना से लोगों का मोह भंग शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी करने के लिए नए जोड़े तैयार ही नहीं हो रहे हैं। विवाह कराने के लिए निर्धारित किए लक्ष्य का मात्र 15 फीसदी ही पूरा हो सका है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शादी कराने के लिए सामूहिक विवाह योजना छह माह पहले शुरू की थी। तब हर माह जोड़ों का चयन कर विवाह कराना था। योजना के अनुसार विवाह कराने के साथ जोड़ों को आशीर्वाद के रूप में 30 हजार रुपये सरकार को हर जोड़े पर खर्च करने हैं, लेकिन योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। मंडल के सभी छह जिलों के लिए शासन ने लक्ष्य निर्धारित कर 31 मार्च तक रिपोर्ट तलब की थी। लक्ष्य के अनुसार मंडल में 5514 जोड़ों की सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत शादी कराई जानी है, लेकिन वित्त वर्ष बीतने तक मात्र 650 जोड़ों को ही जिला प्रशासन सामूहिक रूप से शादी कराने के लिए तैयार कर सका है। इसमें सबसे खराब हालत मेरठ, बुलंदशहर और गाजियाबाद की है। यहां बड़ा लक्ष्य निर्धारित होने के बाद भी सरकारी अमला गिनती के जोड़ों को ही शादी करने के लिए राजी कर सका है। पहला आयोजन ही विवादों में घिरा

मेरठ में विभिन्न वर्गो के 85 जोड़ों को विवाह बंधन में दो माह पहले बांधा गया, लेकिन विवाह के दौरान मिले उपहार और बाद में प्रमाण पत्र और धनराशि के लिए जोड़ों को लगातार चक्कर कटवाए गए। अभी भी करीब तीन दर्जन से अधिक जोड़े अपने विवाह प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। इसके अलावा उपहार में मिले मोबाइल, कपडे़ और गहनों को लेकर भी लगातार शिकायतें आ रही हैं। सबका साथ पसंद नहीं

सामूहिक रूप से होने वाले विवाह समारोह में काफी कम संख्या में जोड़ों के शामिल होने का एक कारण नए जोड़ों की पसंद भी है। शादी की तैयारी कर रहे कई जोड़ों ने सबके साथ शादी पसंद नहीं है, कहकर योजना में शामिल होने से इंकार कर दिया है। प्रशासन भी हुआ लापरवाह

योजना के संबंध में बडे़ स्तर पर प्रचार-प्रसार करने और आमजन को जोड़ने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने योजना को सिर्फ सरकारी कार्यालयों में पोस्टर लगाने तक ही सीमित रखा। इसके अलावा गांव-देहात में होने वाले विवाह कार्यक्रमों से भी खुद को दूर रखा। जिस कारण आमजन योजना से नहीं जुड़ सकी। मंडल में योजना की स्थिति

जिला लक्ष्य पूर्ति

गाजियाबाद 1571 141

बुलंदशहर 1208 100

मेरठ 1191 85

गौतमबुद्धनगर 578 70

हापुड़ 490 161

बागपत 476 93 मेरठ मंडलायुक्त डॉ प्रभात कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए मंडल के सभी जिलों को विशेष रूप से निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही योजना के प्रचार के लिए भी कहा गया है। योजना लक्ष्य से पीछे क्यों है, इसकी समीक्षा कर सुधार कराया जाएगा।


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