'आरक्षण को खत्म करो वरना आर्थिक आधार पर लागू करो'
अखिल भारतीय ब्राह्माण महासभा के तत्वावधान में रविवार को ब्राह्माण युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में आए सभी वक्ताओं ने दहेज प्रथा व नशा जैसी कुरीतियों से दूर रहने की अपील की। साथ ही समाज के हित के लिए सभी से एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने आरक्षण को समाप्त करने अथवा आर्थिक आधार पर लागू करने की जोरशोर से मांग की।
मेरठ। अखिल भारतीय ब्राह्माण महासभा के तत्वावधान में रविवार को ब्राह्माण युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में आए सभी वक्ताओं ने दहेज प्रथा व नशा जैसी कुरीतियों से दूर रहने की अपील की। साथ ही समाज के हित के लिए सभी से एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने आरक्षण को समाप्त करने अथवा आर्थिक आधार पर लागू करने की जोरशोर से मांग की।
गढ़ रोड स्थित प्रेम प्रयाग कालोनी में कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि मदरहुड विवि के कुलपति धर्मेद्र भारद्वाज रहे। उद्घाटन विधायक सत्यवीर त्यागी, पूर्व विधायक दामोदर शर्मा व संयुक्त व्यापार संघ महामंत्री अरुण वशिष्ठ ने किया। अतिथियों ने महासभा की पत्रिका ब्राह्माण दर्पण का भी विमोचन किया।
सम्मेलन में समाज की 11 विभूतियों को विशिष्ट योगदान के लिए ब्राह्माण शिरोमणि से सम्मानित किया गया। इनमें दीपक शर्मा, राजकुमार शर्मा, मनोज शास्त्री, आनंद शर्मा, अजय भराला, महावीर शर्मा, शिक्षिका पूनम शर्मा, अभिजीत दूबे, अपूर्व गौड़ व डीडी शर्मा शामिल रहे। जबकि 15 विभूतियों को सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने के लिए सम्मानित किया गया। इनमें त्रिलोक चंद शर्मा, विश्वनाथ दधीचि, धर्मेद्र शर्मा, दिलीप कुमार शर्मा, कालीचरण शर्मा, श्याम सुंदर शर्मा, जितेंद्र शर्मा, विनोद मिश्रा, ओमकार शर्मा, प्रशांत कौशिक, पं. अश्वनी कौशिक, संजय शर्मा, पूनम शर्मा व राजेश शर्मा आदि शामिल हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सतेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि समाज के नौजवान लड़कों की सूची तैयार करें। वह जिस भी पार्टी में हैं, उन्हें आगे बढ़ाने का काम करे। संचालन राष्ट्रीय महासचिव पं. राजकुमार शर्मा ने किया। यज्ञदत्त शर्मा, सचिन कौशिक, सुनील शर्मा, अशोक शर्मा आदि मौजूद रहे।
सम्मेलन में 60 की बनी बात
परिचय सम्मेलन में करीब सौ युवक-युवतियों के परिजनों ने पत्रिका में दिए गए बायोडाटा के माध्यम से आपस में वार्ता की। इनमें से करीब 60 परिवारों में बेटा-बेटी के रिश्ते के लिए सहमति बनी।
तो वाजपेयी होते उप मुख्यमंत्री
सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेश्वर दत्त शर्मा ने एक जनप्रतिनिधि पर भी निशाना साधा। कहा कि यदि वह थोड़ा सहयोग कर देते तो भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी विधानसभा चुनाव जीतते तथा उप मुख्यमंत्री बनते। भविष्य में ऐसा न हो। इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा।