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पोषक वाटिका के जरिए संवारेंगे बच्‍चों की सेहत, विकसित होंगे ऑक्सीजन पार्क Meerut News

बच्‍चों की सेहत को लेकर योगी सरकार ने योजनाओं की नई जीवनरेखा खींची है। पोषण माह के दौरान छह वर्ष की उम्र तक के बच्चों की सेहत को नए सिरे से संवारा जाएगा।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 01:07 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 02:00 PM (IST)
पोषक वाटिका के जरिए संवारेंगे बच्‍चों की सेहत, विकसित होंगे ऑक्सीजन पार्क Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। बच्चों की सेहत ही स्वास्थ्य की नींव है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने योजनाओं की नई जीवनरेखा खींची है। बच्चों की सेहत के लिए सभी ब्लाकों में पोषण वाटिकाएं बनाई जाएंगी, जहां औषधीय पौधों से विटामिन बरसेगा। पोषण माह के दौरान छह वर्ष की उम्र तक के सभी बच्चों की सेहत को नए सिरे से संवारा जाएगा। आधा दर्जन विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। सितंबर पूरी तरह बच्चों की सेहत को समर्पित होगा।

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पिता को मिलेगा जॉब कार्ड
कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के पिता के रोजगार के लिए उन्हें मनरेगा में काम मिलेगा। योजना के मुताबिक उनका जॉब कार्ड बनेगा। अन्य योजनाओं में भी इन्हें वरीयता मिलेगी। आपूर्ति विभाग उनका राशन कार्ड बनाएगा।

हर स्कूल में अब वॉश बेसिन
शौच के बाद ठीक से हाथ न धोने से कई बीमारियां पनपती हैं। इससे बच्चों का वजन कम होने के साथ ही एनीमिया भी हो जाता है। प्रशासन हर स्कूल में वॉश बेसिन बनाकर हाथ धोने के लिए लिक्विड सोप उपलब्ध कराएगा। सीडीओ कार्यालय में एक बाक्स रखा जाएगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति कपड़े की तर्ज पर साबुन भी दान कर सकेगा।

मेरठ में विकसित होंगे ऑक्सीजन पार्क
अमृत योजना के तहत शहर में ऑक्सीजन पार्क विकसित किए जाएंगे। लखनऊ स्थित रीजनल सेंटर अर्बन एंड एनवायरमेंटल स्टडीज के विशेषज्ञों ने इसकी आवश्यता जताई है। जिसके बाद नगर निगमों से नगर विकास विभाग ने प्रस्ताव मांगे हैं। इसी कड़ी में मेरठ नगर निगम भी प्रस्ताव भेजेगा। दिनोंदिन शहरों में पेड़ों की संख्या घट रही है। घर हो या घर के बाहर, लोग कंक्रीट का जाल बिछा रहे हैं। इससे वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड और ऑक्सीजन की मात्रा में संतुलन बिगड़ रहा है।

डिमांड होगी पूरी
इसका दुष्प्रभाव शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। ऑक्सीजन की डिमांड अधिक है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में नहीं है। लखनऊ स्थित रीजनल सेंटर अर्बन एंड एनवायरमेंटल स्टडीज के विशेषज्ञों की बैठक में यह बात सामने आई है। इस बैठक में सभी नगर निगम के अमृत सेल से जुड़े अधिकारियों को बुलाया गया था। मेरठ से भी अधिकारी शामिल हुए थे। रीजनल सेंटर अर्बन एंड एनवायरमेंटल स्टडीज के विशेषज्ञों ने ऑक्सीजन डिमांड पूरी करने के लिए शहरों में ऑक्सीजन पार्क विकसित करने की सलाह दी है।

15 पार्को का भेजा जाएगा प्रस्ताव
नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम से ऑक्सीजन पार्क विकसित करने के लिए प्रस्ताव मांगा है। जिसकी तैयारी में अमृत सेल के अधिकारी जुट गए हैं। करीब 15 पाकोर्ं का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि ऑक्सीजन पार्क प्रथम दृष्टया घनी आबादी वाले क्षेत्र में विकसित किए जाएंगे।

ये पौधे पूरी करेंगे ऑक्सीजन डिमांड
ऑक्सीजन पार्क में पीपल, नीम, बरगद, एलोवेरा, राम तुलसी, पाम-ट्री और बांस के पौधे लगाए जाएंगे। ईको फ्रेंडली प्लांट से पार्क सुसज्जित होगा। पार्क की बाउंड्रीवाल की जाएगी। बच्चों के खेलने-कूदने के लिए उपकरण लगाए जाएंगे।

अमेजन के जंगल में आग से पैदा हुआ संकट
अमृत सेल के आइटी ऑफिसर अंचुल गुप्ता ने बताया कि ब्राजील में स्थित अमेजन के जंगलों में आग लगने के बाद पूरी दुनिया के सामने वातावरण में ऑक्सीजन डिमांड का संतुलन बनाए रखने का नया संकट पैदा हो गया है। दरअसल, अमेजन के जंगल से पूरी दुनिया को 20 फीसद ऑक्सीजन मिलती है। ऐसे में ऑक्सीजन पार्क भविष्य में ऑक्सीजन की डिमांड पूरी करेंगे।

कुछ यूं होगी सेहत की डगर
0 से 6 साल तक के बच्चों पर फोकस होगा
2,25,778 बच्चों की सेहत जांची जाएगी
पहले दिन बच्चों का वजन किया जाएगा
आइसीडीसी, पंचायती राज, हेल्थ, ग्राम विकास, बेसिक शिक्षा व आपूर्ति विभाग समेत छह का सहयोग
शिक्षा विभाग आयरन देगा। पंचायती राज वॉश बेसिन लगाएगा
हर ब्लाक में 25-25 पोषण वाटिकाएं बनाई जाएंगी
दान पेटिका में खिलौना भी दान किया जा सकेगा
2500 आशाएं और इतनी ही सहायिकाओं की ड्यूटी होगी

वाटिका में सजेगी सेहत की कक्षा
मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर माहभर का कार्यक्रम बनाया है। इसमें आशाओं की बड़ी भूमिका होगी। हर ब्लाक के 25-25 आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनेगी। विटामिनयुक्त नींबू, पपीता, सहजन व फोलिक एसिड से संपन्न रेशेदार पत्तियों वाले पौधे बच्चों की सेहत सुधारेंगे। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि ये माहभर का वृहत कार्यक्रम है, जिसमें 0-6 वर्ष उम्र के बीच से कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की सूची बनाई जाएगी। उन्हें हायर सेंटरों में रेफर किया जाएगा।

इनका कहना है
कुपोषित बच्चों के मां-बाप को पहली बार जॉब कार्ड व राशनकार्ड देने की योजना है। उनका श्रम विभाग में पंजीकरण भी होगा। पोषण माह के दौरान बच्चों को ऊपरी आहार देने पर फोकस होगा। सितंबर के बाद रिपोर्ट का आकलन भी होगा।
- विनीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

कुपोषण बचपन के लिए बड़ा अभिशाप है। आज भी 45 फीसद बच्चों में वजन और खून की कमी है। शिशुओं को छह माह तक स्तनपान कराने के बाद ही ऊपरी आहार देना चाहिए। बच्चों में हाथ धोने की आदत विकसित करने से उन्हें कई बीमारियों से बचाया जा सकता है।
- डा. अमित उपाध्याय, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ

अमृत योजना के तहत प्रस्ताव मांगा गया है। मेरठ शहर में करीब 15 ऑक्सीजन पार्क विकसित किए जाएंगे। एक पार्क को विकसित करने में लगभग 20 लाख रुपये खर्च का अनुमान है।
- पीके अग्रवाल, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ, अमृत सेल नगर निगम 


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