बच्चों को देना होगा डायबिटीज का ज्ञान..तब संभलेगी स्थिति
देश में डायबिटीज की स्थिति भयावह है। विश्व में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। इसकी रोकथाम करनी है तो बच्चों को भी डायबिटीज नियंत्रण रखने की शिक्षा देनी होगी। बीमारी के प्रति जागरूक करना होगा। यह बातें कॉर्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के सरत चंद्र ने कहीं।
मेरठ । देश में डायबिटीज की स्थिति भयावह है। विश्व में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। इसकी रोकथाम करनी है, तो बच्चों को भी डायबिटीज नियंत्रण रखने की शिक्षा देनी होगी। बीमारी के प्रति जागरूक करना होगा। यह बातें कॉर्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के सरत चंद्र ने कहीं।
रविवार को वह होटल ब्रावरा में द रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया यूपी चैप्टर के आठवें वार्षिक अधिवेशन को संबोधन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन माता-पिता को डायबिटीज है। वह अपने बच्चों को बीमारी के बारे में बताएं। हर छह माह में ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं। इसके साथ ही स्कूलों में डायबिटीज की काउंसिलिंग शुरू करने की जरूरत है। बच्चों को यह भी बताना जरूरी है कि खेल के मैदान पर समय बिताएं। टीवी-मोबाइल से दूर रहना जरूरी है। कहा कि शुगर, ब्लड प्रेशर, कालेस्ट्रॉल और सिगरेट-बीड़ी के नशे पर नियंत्रण ही इस बीमारी का बचाव है। साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉ. आलोक गुप्ता ने बताया कि डायबिटीज पर साल भर में हुई रिसर्च से देशभर के विशेषज्ञ रूबरू हुए। नई जानकारियों को अमल लाया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि मरीज और बीमारी की गाइड लाइन के बीच जो गैप है, उसे दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि डायबिटीज की रोकथाम के लिए जनता से संवाद की जरूरत है। अधिवेशन में प्रमुख रूप से वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव अग्रवाल, डा. अदीप मित्रा, डा. वीरोत्तम तोमर, डा. एसपी सोंधी, डा. राकेश ऐरन, डा. विश्वजीत बैंबी, डा. तनुराज सिरोही, डा. पीके बंसल आदि चिकित्सक मौजूद रहे।
हार्ट फेल होने का छह गुना खतरा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश के निजी चिकित्सक रहे डॉ. सीवी राम भी हैदराबाद से अधिवेशन में आए। उन्होंने बताया कि डायबिटीज होने पर शरीर में खून के कण चिपकने लगते हैं। खून गाढ़ा हो जाता है। शरीर की अधिकांश धमनियां और हृदय की धमनियां भी सिकुड़ने लगती हैं। यही कारण है कि डायबिटीज रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा चार से छह गुना अधिक होता है।
बेरियाट्रिक सर्जरी काफी लाभदायक
अहमदाबाद से आए डॉ. महेंद्र नरवरिया ने बताया कि उन्होंने बड़ी संख्या में मोटापे से ग्रस्त लोगों की बेरियाट्रिक सर्जरी की है। इसके बाद 83 प्रतिशत केस में डायबिटीज नार्मल अवस्था में पहुंच गई। 50 फीसद केस ऐसे रहे, जिनमें दस साल तक ब्लड प्रेशर, धड़कन भी सामान्य रही। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानक रखते हुए बताया कि जिन मरीजों में बीएमआई 35 से ज्यादा होता है, वह बेरियाट्रिक सर्जरी करा सकते हैं। इससे 80 फीसद वजन कम हो जाता है। 68 प्रतिशत ब्लड प्रेशर और 76 प्रतिशत सोते समय श्वास नली बंद होने का खतरा कम हो जाता है।
शरीर में कई घड़ियां, सबका अपना काम
डॉ. एनएस वर्मा ने बताया कि हमारे शरीर में कई प्रकार की घड़ियां लगातार चलती रहती हैं। इनमें कुछ का समय मिनट और कुछ का 24 घंटे भी हो सकता है। जैसे हृदय की घड़ी मस्तिष्क की घड़ी नींद की घड़ी और लिवर व पैंक्रियाज की घड़ी। कहा कि रात में देर तक जागना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जो लोग शाम सात बजे से तड़के पांच बजे तक कुछ नहीं खाते हैं, उनका स्वास्थ्य सबसे उत्तम होता है। कहा कि लंबी आयु जीना है तो प्राकृतिक शारीरिक घड़ियों से तालमेल बैठाना पड़ेगा।
बनारस में अगला अधिवेशन
अधिवेशन के समापन पर आरएसएसडीआई यूपी चैप्टर की जनरल बॉडी की बैठक हुई। इसमें आरएसएसडीआई यूपी चैप्टर के चेयरमैन डॉ. एनके सोनी ने कार्यकाल पूरा होने पर अपना चार्ज झांसी के डा. आरआर सिंह को सौंपा। बताया गया कि नौवां अधिवेशन 2020 में बनारस में होगा। इसके साथ ही तीन दिवसीय अधिवेशन का रविवार को समापन हो गया।