सजा के रूप में बाल वैज्ञानिकों ने की घर की सफाई
विज्ञान पुत्री बनी श्वेता चौधरी ने जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए सभी साथी बाल वैज्ञानिकों पर नजर रखी और उनके सामने आई हर मुश्किल के निदान को स्वयं खोजने को कहा।
मेरठ। वेद इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान घर सीजन-दो के आठवें दिन शनिवार को विज्ञान पुत्री ने साथी बाल वैज्ञानिकों की गलतियों को बताया और सजा सुनाई। सजा में विज्ञान घर की सफाई और खाना परोसने का आदेश दिया। शनिवार को विज्ञान घर के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय विज्ञान संचार एंव सूचना स्त्रोत संस्थान के निदेशक डॉ. मनोज पटेलिया थे।
जैसे-जैसे विज्ञान घर सीजन-दो अपने अंतिम चरण की ओर पहुंच रहा है, वैसे ही सभी बाल वैज्ञानिकों में विजेता बनने की होड़ दिखाई दे रही हैं। वह हर रोज नए-नए आविष्कार पर देर रात तक कार्य कर रहे हैं। उधर, विज्ञान पुत्री बनी श्वेता चौधरी ने जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए सभी साथी बाल वैज्ञानिकों पर नजर रखी और उनके सामने आई हर मुश्किल के निदान को स्वयं खोजने को कहा। विज्ञान पुत्री ने अनंत, साहिल तोमर व साहिल मैकडोनल द्वारा की गई गलतियों ों की सजा सुनाते हुए उन्हें खाना परोसने व पूरे विज्ञान घर की सफाई करने का आदेश दिया। शाम को उन्होंने आदेश का पालन किया। विज्ञान गुरु दीपक शर्मा ने बताया कि सभी बाल वैज्ञानिक अपने उद्देश्यों को पाने के लिए प्रयासरत हैं। स्कूल चेयरमैन अजित कुमार, सलीम, बेबी विहान, प्रधानाचार्य पर¨मदर ¨सह, मीनू तोमर, रीना, विनय, शिखा, आशीष, रोहित, रोहिणी, ऐश्वर्या आदि थे।
विज्ञान संचार की सर्वश्रेष्ठ भाषा स्थानीय भाषा है
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय विज्ञान संचार एंव सूचना स्त्रोत संस्था के निदेशक डॉ. मनोज पटेलिया ने विज्ञान घर में बाल वैज्ञानिकों से कहा कि विज्ञान संचार की सर्वश्रेष्ठ भाषा स्थानीय भाषा होती है। हम जिस क्षेत्र में भी जाएं, हमें वहां की स्थानीय भाषा में ही विज्ञान का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। उन्होंने देश की आगामी तकनीक और संचार के क्षेत्र में हो रहे नए-नए शोध के बारे में जानकारी दी। कहा कि अपने अंदर के बच्चे को हमेशा जीवित रखना चाहिए। एक सफल वैज्ञानिक बनने के लिए मानव के उत्प्रेरक, दिमाग की शुद्धता, बच्चे की तरह रवैया व उत्कृष्टता आदि बहुत जरूरी है।