मुख्यमंत्री जी! आवारा कुत्तों के आतंक से बच्चों से बुजुर्ग तक सब परेशान
जागरण संवाददाता मेरठ आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से बच्चों से बुजुर्ग तक सब परेशान हैं। इनसे
जागरण संवाददाता, मेरठ: आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से बच्चों से बुजुर्ग तक सब परेशान हैं। इनसे निजात दिलाइ जाए। क्लब 60 ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह ट्वीट किया है। साथ ही जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है।
क्लब 60 के सदस्य हरि विश्नोई ने ट्वीट और जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को डिफेंस कालोनी में पिता-पुत्र को खूंखार आवारा कुत्तों के द्वारा निशाना बनाने, साकेत और एच ब्लाक शास्त्रीनगर में भी आवारा कुत्तों से बढ़ती परेशानी से अवगत कराया है। यह भी उल्लेख किया है कि आवारा कुत्तों से बढ़ती पीड़ा को कोई सुनता नहीं है। क्लब 60 ने मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को भी यह ट्वीट किया है। नगर निगम, वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग से आपसी समंवय बनाकर आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। वन विभाग के डीएफओ को भी क्लब 60 के सदस्यों ने पत्र भेजकर आग्रह किया है। शिकायत की है कि एच ब्लाक शास्त्रीनगर सहित शहर के सभी मोहल्लों में आवारा कुत्तों से लोग परेशान हैं। नगर निगम से बार-बार कहा गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिकायत दर्ज कराने वालों में एच ब्लाक शास्त्रीनगर से गिरीश शुक्ला, नितिन सचदेवा समेत अन्य लोग शामिल है।
मोटरसाइकिल सवार पर झपट्टा मारते हैं आवारा कुत्ते
वहीं, भगत सिंह पार्क सेक्टर आठ शास्त्री नगर के निवासी अशोक कुमार अग्रवाल समेत अन्य लोगों ने कहा कि न जाने कितनी बार ऐसा हो चुका है कि कालोनी में कोई गेस्ट आते हैं। वापसी में उनकी मोटरसाइकिल पर आवारा कुत्तों का झुंड झपट पड़ता है और लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। कालोनी में महिलाओं का सुबह-शाम घूमना कठिन है। बच्चे बाहर दुकान से सामान लेने के लिए जाने से डरते हैं। इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार ऐसा लगता है कि 15- 20 आवारा कुत्तों का एक साथ जुलूस निकल रहा है। इससे निजात मिलनी चाहिए
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पाश इलाके साकेत में बच्चों का घरों से निकलना हो गया बंद
जागरण संवाददाता,मेरठ: आवारा कुत्तों की दहशत इस कदर लोगों के दिलों में बैठ गई है कि साकेत जैसे पाश इलाके में बच्चों का घरों से निकलना बंद हो गया है। छोटे-छोटे बच्चे सड़कों पर खेलने, साइकिल चलाना सीखने या पार्क में जाने से वंचित हो रहे हैं। क्योंकि सड़क पर घूम रहे आवारा कुत्तों के झुंड उन पर हमला न कर दे इस डर से माता-पिता उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं देते हैं। डिफेंस कालोनी की घटना के बाद यह डर कई गुना बढ़ गया है। बुजुर्ग भी अकेले घर से बाहर निकलने में घबराते हैं। साकेत में गोल मार्केट, धनवंतरि हास्पिटल, मुर्ती हास्पिटल, मैनावती पार्क, राठी अपार्टमेंट्स, इ एवं डी ब्लाक, सेंट ल्यूक हास्पिटल, शर्मा नगर, शिव मंदिर और आर्य समाज मंदिर के आसपास आवारा कुत्तों का आतंक हैं। इन स्थानों पर लोग आवारा कुत्तों से बचते-बचाते गुजरते हैं। साकेत निवासी क्षितिज माथुर ने बताया कि आवारा कुत्तों की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मांग की है कि नगर निगम आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए बिना देरी किये नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन अभियान चलाए। द मेरठ सहकारी आवास समिति लिमिटेड के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष शशांक शर्मा ने भी नगर निगम से मांग की है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। कई बार पत्र लिखा गया है लेकिन नगर आयुक्त की तरफ से कोई कार्रवाई न किये जाने से लोगों में निराशा है।
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नगर आयुक्त से मिलेंगे डिफेंस कालोनी के लोग
जागरण संवाददाता, मेरठ: डिफेंस कालोनी में आवारा कुत्तों का डर लोगों में बैठा हुआ है। नगर निगम की ओर से अभी तक आवारा कुत्तों को पकड़कर न तो नसबंदी की है और न ही एंटी रैबीज वैक्सीनेशन किया है। जिससे लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं।
पीड़ित बच्चे के पिता वैभव अग्रवाल ने कहा कि सुबह-शाम घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। बच्चा उसी दिन से सहमा हुआ है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को इस घटना के बाद गंभीरता दिखानी चाहिए थी। लेकिन अभी तक आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के कोई प्रयास नहीं किये गये हैं। वहीं, कालोनी के ही सौरभ अग्रवाल ने कहा कि शनिवार को नगर आयुक्त मनीष बंसल से मुलाकात करेंगे। उनसे मांग करेंगे कि जल्द से जल्द आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने नसबंदी शुरू कराएं। एंटी रैबीज वैक्सीनेशन कराया जाए।
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इनसेट:--
सोमवार को आएंगे एजेंसी के लोग, वार्ता के बाद तय होगी नसबंदी अभियान की तिथि
जागरण संवाददाता, मेरठ: आवारा कुत्तों को पकड़ने को लेकर नगर निगम तमाम नियमों की दुहाई देता है। लेकिन पालतू कुत्तों का लाइसेंस का नियम हो या फिर एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन का नियम। इनका पालन भी नहीं कर रहा है। जिसे लेकर जनता में आक्रोश है। हालांकि डिफेंस कालोनी के मामले के बाद से नगर आयुक्त मनीष बंसल ने थोड़ी गंभीरता दिखाई है। लेकिन शहरवासियों को यकीन तभी होगा जब नसबंदी अभियान शुरू होगा।
नगर आयुक्त मनीष बंसल ने एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन का काम नियमानुसार कराने की जिम्मेदारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दो टेंडर आए थे। जिसमें से अलीगढ़ की तिरुपति फाउंडेशन एजेंसी के टेंडर को स्वीकृति दी गई है। एजेंसी ने 918 रुपये की दर से प्रति कुत्ते की नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन का टेंडर डाला है। नगर आयुक्त ने एजेंसी के संचालक को बुलाया है। सोमवार को एजेंसी के लोग आएंगे। नगर आयुक्त से वार्ता होगी। जिन शतरें पर नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा, उन पर चर्चा की जाएगी। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की सलाह भी ली जाएगी। परतापुर के शंकर नगर फेज-दो में आवारा कुत्तों का शेल्टर होम तैयार हो गया है। एजेंसी के लोगों को शेल्टर होम भी दिखाया जाएगा। शेल्टर होम में ही शहर से आवारा कुत्तों को पकड़कर लाना है। यहीं पर उनकी नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन किया जाएगा। तीन से चार दिन तक आवारा कुत्तों को यहां पर रखा जाएगा। इसके बाद जिन स्थानों से आवारा कुत्तों का लाया गया होगा वहीं पर छोड़ा जाएगा। यह सारा काम एजेंसी को करना है। नगर निगम केवल एजेंसी को आवारा कुत्तों को पकड़ने का वाहन मुहैया कराएगा। नगर आयुक्त मनीष बंसल ने कहा कि एजेंसी से वार्ता के बाद ही नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन की तिथि तय की जाएगी।
पालतू कुत्ते का लाइसेंस लेना होगा अनिवार्य
नगर आयुक्त मनीष बंसल ने कहा कि शहर में पालतू कुत्तों का लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नगर निगम के गजट नोटिफिकेशन में प्राविधान है। पूर्व में इसे लागू नहीं किया गया है। लेकिन नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद इसे सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। कुत्तों को पालने के संबंध में कई नियम हैं। सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर जुर्माने का प्राविधान भी है। एंटी रैबीज वैक्सीनेशन कराने का भी प्राविधान है। जिसकी मानीटरिग भी की जाती है।
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दिलीप.......