उदय होते सूर्य को दिया अर्घ्य, छाया पर्व का उल्लास
छठ पर्व के अंतिम दिन भक्ति और आस्था का संगम हिलोरे लेता नजर आया। सूर्य देव की उपासना कर रहे भक्तों की पवन देव ने खूब परीक्षा ली।
मेरठ, जेएनएन। छठ पर्व के अंतिम दिन भक्ति और आस्था का संगम हिलोरे लेता नजर आया। सूर्य देव की उपासना कर रहे भक्तों की पवन देव ने खूब परीक्षा ली। शनिवार को घंटों भक्त भीगे वस्त्र धारण किए जल कुंड में खड़े सूर्योदय की प्रतीक्षा करते रहे। 36 घंटे से अन्न-जल त्यागे भक्तों का शरीर मारे ठंड के ठिठुरा जा रहा था। इनमें 70 साल की वृद्धा से लेकर नवविवाहिता भी शामिल थीं।
गढ़ रोड स्थित गांधी आश्रम में तड़के चार बजे ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हो गए। यहां पर 20 हौज में पानी भर कर अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई। पारंपरिक पोशाक में आई महिलाओं ने धूप-दीप जलाकर छठ मइया की पूजा की। फल, सब्जी और पकवान का भोग लगाया। जिन भक्तों ने व्रत रखा था वह साढ़े चार बजे से कुंड में उतरना शुरू हो गए। कुंड में उतरते ही डुबकी लगाई। भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए नारियल, धूपबत्ती इत्यादि हाथ में लेकर उनके दर्शन की प्रतीक्षा में खड़े रहे। जैसे ही पौ फटने लगी व्रतियों के चेहरे खिल उठे। बैंड बाजे बजने लगे। शंख ध्वनि के बीच भक्तों ने अर्घ्य दिया। सूर्य देवता को निहार कुछ महिलाएं भावावेश में नृत्य करने लगीं। एक दूसरे को सिदूर लगाया। कुछ लोगों ने अपने बच्चों का मुंडन भी किया।
ऐसा ही नजारा प्रभातनगर में भी रहा। जुठरियो न केरवा नाहि तो अदिति देव रुठिएं सवेरवा, अरघ के रे बेरावा, पूजन के रे बेरावा, बहंगिया लचकत जाए जैसे भजनों की गूंज से माहौल भक्ति भाव से ओत प्रोत रहा। यहां पर 20 परिवारों ने पूजा की। 65 वर्षीय प्रमिला देवी बेटी संगीता और बेटे गोपाल के साथ अस्थाई कुंड में सुबह चार बजे प्रवेश कर गई। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में प्रोफेसर एके चौबे के आवास पर पूजन करने महिलाएं जुटीं। मोदी ओल्ड कालोनी में तालाब में 12 परिवारों ने पूजन किया। आरएन तिवारी, बाढू राम चौहान, पीएन यादव, राम नक्षत्र आदि शामिल रहे।