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25 किस्मों की बासमती को 'जड़ से फुलंग' तक जांचा

दो दर्जन कृषि वैज्ञानिकों की राष्ट्रीय निरीक्षण टीम ने मोदीपुरम स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के फार्म हाउस में 25 किस्मों की बासमती धान की प्रजातियों को परखा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 06:00 AM (IST)
25 किस्मों की बासमती को 'जड़ से फुलंग' तक जांचा
25 किस्मों की बासमती को 'जड़ से फुलंग' तक जांचा

मेरठ। दो दर्जन कृषि वैज्ञानिकों की राष्ट्रीय निरीक्षण टीम ने मोदीपुरम स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के फार्म हाउस में 25 किस्मों की बासमती धान की प्रजातियों को परखा। टीम में शामिल वैज्ञानिकों ने धान की जड़ से फुलंग तक की लंबाई, मोटाई और उसमें कितने बाल हैं, इसके नमूने भरे। दो दिनों तक टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया और मुख्यालय दिल्ली रवाना हो गई।

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मोदीपुरम स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के फार्म हाउस में वर्तमान में 25 किस्मों की पूसा बासमती की प्रजाति मौजूद हैं, जिन पर काफी समय से शोध चल रहा है। इस प्रतिष्ठान को दो वर्ष पूर्व ही राष्ट्रीय परीक्षण के लिए उचित पाया गया, जिसके बाद फार्म हाउस को राष्ट्रीय परीक्षण के लिए मान्यता मिली। उसके बाद पहली बार 16 अक्टूबर को दो दर्जन कृषि वैज्ञानिकों की राष्ट्रीय निरीक्षण टीम ने फार्म हाउस का निरीक्षण किया। उन्होंने मीटर से धान की ऊंचाई, मोटाई को नापा। जड़ की मोटाई, फुलंग में बाल और उपजाऊ मिट्टी की क्वालिटी को भी जांचा।

एक-दो प्रजाति होंगी पास

प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक रितेश शर्मा का कहना है कि 25 किस्म की बासमती प्रजातियों पर शोध चल रहा है। राष्ट्रीय निरीक्षण टीम ने निरीक्षण कर नमूने भरे हैं। एक, दो प्रजाति भी टेस्ट में पास हो गई तो मानों मेहनत वसूल हो गई।

इन संस्थानों से आए वैज्ञानिक

राष्ट्रीय निरीक्षण टीम में भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान हैदराबाद, केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान कटक-उड़ीसा, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा-नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक शामिल हैं। जिनमें प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. गोपाल कृष्ण, डॉ. श्रीनिवासन, डॉ. ज्योति, डॉ. प्रमोद तोमर आदि वैज्ञानिक शामिल थे।


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