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65 लाख की ठगी में तेलंगाना पुलिस का छापा, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, मेरठ : पॉलिसी के नाम पर ठगी करने के मामले में बुधवार को तेलंगाना पुलिस

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 02:35 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 02:35 AM (IST)
65 लाख की ठगी में तेलंगाना पुलिस का छापा, दो गिरफ्तार
65 लाख की ठगी में तेलंगाना पुलिस का छापा, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, मेरठ : पॉलिसी के नाम पर ठगी करने के मामले में बुधवार को तेलंगाना पुलिस ने यहां छापा मारकर दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम के मुताबिक, आरोपियों ने फोन पर पॉलिसी कराने की एवज में अलग-अलग लोगों को 65 लाख रुपये की ठगी की है।

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बुधवार को तेलंगाना पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने इंस्पेक्टर केवीएम प्रसाद के नेतृत्व में गंगानगर ओ-ब्लॉक में छापा मारकर दो युवकों को गिरफ्तार किया। इंस्पेक्टर ने बताया कि गत वर्ष उनके यहां पॉलिसी कराने के नाम पर एक ठगी का मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें ग्राहकों को कम समय में अधिक मुनाफा देने का लालच देकर ऑनलाइन फंड ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में दर्जनभर लोगों से कुल 65 लाख रुपये की ठगी हुई थी। गत तीन नवंबर को भी एसआई दिलीप ¨सह के नेतृत्व में तेलंगाना पुलिस ने एक एचसीपी के पुत्र समेत कई युवकों से पूछताछ की थी, लेकिन उस समय कोई ठोस सबूत न मिलने के कारण अगले दिन पुलिस लौट गई थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि बुधवार को मोबाइल व सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई कर शुभम सिसौदिया पुत्र रविंद्र कुमार मूल निवासी बीरतला शेरकोट बिजनौर व हाल पता सेक्टर 6 शास्त्रीनगर के साथ मानविंद्र सिंह राघव पुत्र राजीव कुमार निवासी ओ-75 गंगानगर को गिरफ्तार किया गया है।

एसओ गंगानगर आशुतोष कुमार ने बताया कि बुधवार शाम दोनों को कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जाना था, लेकिन मेडिकल कराने में देरी होने के चलते कोर्ट में पेशी नहीं हो पाई। गुरुवार सुबह कोर्ट में पेशी के बाद तेलंगाना पुलिस दोनों को अपने साथ ले जाएगी।

'अच्छा मुनाफा है, पॉलिसी ले लो'

इंस्पेक्टर केवीएम प्रसाद ने बताया कि दोनों आरोपी पहले एक फाइनेंशियल कंपनी में काम कर चुके हैं। दोनों ही इंश्योरेंस प्रक्रिया की जानकारी रखते हैं। मानविंद्र अलग-अलग सिम बदलकर दूसरे राज्यों के लोगों को मुनाफे का लालच देकर फंसाता था। बाद में शुभम उनसे एकाउंट में रुपये जमा कराने का काम करता था। खाते में रुपये जमा होने के बाद वह सिम बदल देते थे।


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