चंद्रयान-2: कांवड़ यात्रा की छुट्टियों में छात्रों के लिए ये है नया होमवर्क Meerut News
मेरठ के स्कूलों ने भी चंद्रयान-2 के सफर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी से अपने छात्रों को समृद्ध करने का फैसला किया है। छात्रों को 48 दिनों का नया सिलेबस मिल गया है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 11:52 AM (IST)
मेरठ, [अमित तिवारी]। चांद पर चंद्रयान-2 के कदम पड़ने का बेसब्री से इंतजार पूरा देश कर रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस सफर पर निगाहें गड़ाए हुए हैं। मेरठ के स्कूलों ने भी चंद्रयान-2 के सफर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी से अपने छात्रों को समृद्ध करने का फैसला किया है। छात्रों को 48 दिनों का नया सिलेबस मिल गया है। कांवड़ यात्रा की छुट्टियों में होमवर्क भी इसी विषय पर है।
छात्रों में उत्सुकता
दीवान पब्लिक स्कूल के शिक्षक पीएस चौहान ने बताया कि सीनियर कक्षा के छात्रों में चंद्रयान को लेकर उत्सुकता है। अब कांवड़ की एक सप्ताह की छुट्टी में उन्हें यही होमवर्क दिया जाएगा। वह स्कूल खुलने पर चंद्रयान की ताजा स्थिति की जानकारी लेकर आएंगे। चंद्रयान के सफर से बच्चों को जोड़ने की कोशिश रहेगी। करीब 30 सालों से फिजिक्स पढ़ा रहे अमन अग्रवाल के अनुसार बच्चों को इस अभियान से जुड़ी ‘रॉकेट वुमन’ विनीथा से जुड़ी जानकारियों से जोड़ना बेहतर होगा।
11वीं में पढ़ते हैं सैटेलाइट व रॉकेट
प्रोब इंस्टीट्यूट से जुड़े अरुण अग्रवाल के अनुसार सीबीएसई की कक्षा 11वीं फिजिक्स के सिलेबस में रॉकेट प्रपल्जन, प्रिंसिपल ऑफ मोमेंटम, सैटेलाइट आदि के विषय में पढ़ाया जाता है। अब इन ¨बदुओं को पढ़ाने के दौरान बच्चों को चंद्रयान-2 के सफर से जोड़ना आसान होगा।
कराएंगे क्विज प्रतियोगिता
जिला विज्ञान क्लब की ओर से स्कूली बच्चों को चंद्रयान की गतिविधियां दिखाने के साथ ही क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इन प्रतियोगिताओं में बच्चों से चंद्रयान-2 के सफर से जुड़े तमाम पहलुओं पर प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके साथ ही मॉडल बनाने के लिए भी बच्चों को प्रेरित किया जाएगा। एमआइईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रो. राहुल जोशी ने छात्रों को चंद्रयान-2 का अध्ययन करने को कहा है।
छात्रों में उत्सुकता
दीवान पब्लिक स्कूल के शिक्षक पीएस चौहान ने बताया कि सीनियर कक्षा के छात्रों में चंद्रयान को लेकर उत्सुकता है। अब कांवड़ की एक सप्ताह की छुट्टी में उन्हें यही होमवर्क दिया जाएगा। वह स्कूल खुलने पर चंद्रयान की ताजा स्थिति की जानकारी लेकर आएंगे। चंद्रयान के सफर से बच्चों को जोड़ने की कोशिश रहेगी। करीब 30 सालों से फिजिक्स पढ़ा रहे अमन अग्रवाल के अनुसार बच्चों को इस अभियान से जुड़ी ‘रॉकेट वुमन’ विनीथा से जुड़ी जानकारियों से जोड़ना बेहतर होगा।
11वीं में पढ़ते हैं सैटेलाइट व रॉकेट
प्रोब इंस्टीट्यूट से जुड़े अरुण अग्रवाल के अनुसार सीबीएसई की कक्षा 11वीं फिजिक्स के सिलेबस में रॉकेट प्रपल्जन, प्रिंसिपल ऑफ मोमेंटम, सैटेलाइट आदि के विषय में पढ़ाया जाता है। अब इन ¨बदुओं को पढ़ाने के दौरान बच्चों को चंद्रयान-2 के सफर से जोड़ना आसान होगा।
कराएंगे क्विज प्रतियोगिता
जिला विज्ञान क्लब की ओर से स्कूली बच्चों को चंद्रयान की गतिविधियां दिखाने के साथ ही क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इन प्रतियोगिताओं में बच्चों से चंद्रयान-2 के सफर से जुड़े तमाम पहलुओं पर प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके साथ ही मॉडल बनाने के लिए भी बच्चों को प्रेरित किया जाएगा। एमआइईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रो. राहुल जोशी ने छात्रों को चंद्रयान-2 का अध्ययन करने को कहा है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें