मेरठ बवाल के आरोपित बदर से मिल नहीं पाए चंद्रशेखर, पत्नी और बच्चों से मिलकर लौटे
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने शांतिमार्च के दौरान मेरठ शहर के तीन स्थानों पर अपने समर्थकों से मुलाकात की।
मेरठ, जेएनएन। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने शांतिमार्च के दौरान शहर के तीन स्थानों पर हुए बवाल की याद फिर से ताजा कर दी। मंगलवार को चंद्रशेखर अपने काफिले के साथ चौधरी चरण सिंह जेल पर पहुंचे। हल्ला मचा कि बवाल के आरोपित बदर अली से मिलने जा रहे हैं। वे बदर से नहीं मिल सके, लेकिन सुल्तानपुर के जितेंद्र से मिलने के बाद वापस लौट गए। इसके बाद बदर की ससुराल में पहुंचकर बच्चों और पत्नी से मिलकर बदर की मदद का भरोसा दिलाया।
मंगलवार का दोपहर चंद्रशेखर अपने काफिले के साथ चौधरी चरण सिंह जेल पर पहुंचे। जेल प्रशासन का कहना है कि चंद्रशेखर ने सुल्तानपुर के जितेंद्र उर्फ मुन्ना को मिलने के लिए पर्ची लगाई। तभी प्रशासनिक अफसरों को सूचना दी गई। डीएम के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी बनाने के बाद चंद्रशेखर को जितेंद्र से मिलने दिया। उसे जेल के अंदर बदर अली से मिलने नहीं दिया। तब तक विशेष समुदाय के लोगों की भीड़ जेल के बाहर पहुंच गई। चंद्रशेखर को वहां से बदर अली की ससुराल फैज-ए-आम लाया गया।
यहां पर बदर अली की पत्नी और बच्चों से मिलकर चंद्रशेखर ने बताया कि दलित-मुस्लिम गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ेगा। बदर अली पर अत्याचार किया गया है। उसके खिलाफ साजिश के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। भीम आर्मी बदर अली का साथ देगी। उसकी जमानत कर जेल से निकाला जाएगा। साथ ही बदर अली के खिलाफ साजिश करने वालों से भी निपटा जाएगा। हैरत की बात है कि चंद्रशेखर के साथ बवाल के सभी आरोपित घूम रहे थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. बीबी पांडेय ने बताया कि चंद्रशेखर एक आरोपित है। उसने रंगदारी के आरोपित जितेंद्र उर्फ मुन्ना से मिलने की पर्ची लगाई। दोनों सहारनपुर जेल में एक साथ रह चुके हैं। प्रशासनिक अफसरों की ओर से बनाई कमेटी की निगरानी में रावण को जितेंद्र से मिलवाया गया। उसने बदर अली की कोई पर्ची नहीं लगाई थी। जेल के अंदर भी बदर से उसे मिलने नहीं दिया गया।
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