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बाहरी क्षेत्रों में बने पटाखों के गोदाम, पुलिस-प्रशासन बेखबर

सरधना में घर के अंदर पटाखों के जखीरे में विस्फोट से दो लोगों की मौत ने कई सवाल जिंदा कर दिए हैं। सवाल है कि हादसे के बाद ही क्यों पुलिस और प्रशासनिक अफसर योजना बनाने में जुटते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:07 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 07:07 AM (IST)
बाहरी क्षेत्रों में बने पटाखों के गोदाम, पुलिस-प्रशासन बेखबर

मेरठ, जेएनएन। सरधना में घर के अंदर पटाखों के जखीरे में विस्फोट से दो लोगों की मौत ने कई सवाल जिंदा कर दिए हैं। सवाल है कि हादसे के बाद ही क्यों पुलिस और प्रशासनिक अफसर योजना बनाने में जुटते हैं। यदि त्योहार के मद्देनजर पहले से ही तैयारी की जाए तो ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं। सिर्फ सरधना ही नहीं भावनपुर के अब्दुल्लापुर, मेडिकल के कमालपुर और मोदीपुरम क्षेत्र में पटाखों के बड़े गोदाम हैं। यहां बाहर से पटाखे लाकर स्टाक करने के बाद पूरे शहर को आपूर्ति होती है। भावनपुर, श्यामनगर, तारापुरी और गुदड़ी बाजार में पटाखे बनाए भी जाते हैं। पुलिस और प्रशासनिक अफसर दावा कर रहे हैं कि इन स्थानों पर पटाखे बनाने का काम बंद है। उनका कहना है कि मेडिकल और पल्लवपुरम क्षेत्र में लाइसेंसी दुकानों पर पटाखों की बिक्री होती है। कुछ आतिशबाज चोरी-छिपे आतिशबाजी तैयार कर रहे हैं, लेकिन 95 फीसद आतिशबाजों ने पुलिस-प्रशासन की सख्ती के कारण न आतिशबाजी तैयार की और न ही दुकानों को लेकर कोई तैयारी की है। पुलिस इसके लिए छापामारी अभियान चलाकर पटाखों का जखीरा पकड़ने की तैयारी कर रही है।

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तीन दिन पहले ग्रीन पटाखों के देंगे लाइसेंस

दीपावली पर आतिशबाजी का बाजार गर्म हो सकता है। शहर से बाहर गोदामों में पटाखों का जखीरा बढ़ने की आशंका बढ़ती जा रही है। हालांकि अभी तक पटाखे बेचने के लिए किसी को भी दमकल विभाग की तरफ से अनुमति नहीं दी जा रही। सीएफओ संतोष राय का कहना है कि दीपावली से तीन दिन पहले ही ग्रीन पटाखों के लाइसेंस जारी होंगे। तेज आवाज के प्रदूषण वाले पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।

महंगे पटाखे जेब में लगा देंगे आग

कुछ कारोबारियों ने स्वीकारा कि पिछले वर्षो का स्टाक बचा हुआ है। वही आतिशबाजी बेचेंगे। ऐसे में आसार हैं कि आतिशबाजी का शौक इस बार महंगा पड़ सकता है। आतिशबाजी कम होगी और मांग अधिक। ऐसे में कीमत पिछले साल के मुकाबले कई गुना अधिक रहने के आसार हैं। आतिशबाजों के अनुसार तेज आवाज के पटाखों के साथ ही अधिक बारूद वाले पटाखों पर रोक है। ऐसे में इस बार आतिशबाजी की कमी रहेगी तो पटाखे महंगे होंगे।

दिल्ली-सहारनपुर से लाकर बेचेंगे ब्रांडेड पटाखे

पटाखा व्यापारियों का कहना है कि दिवाली मेले के लिए लाइसेंस मिला तो सहारनपुर से आतिशबाजी लाकर बेच सकते हैं। पटाखों में लगने वाले कागज सहित अन्य कच्चा माल भी अब दोगुना महंगा हो गया है। अब बने हुए पटाखे दिवाली तक सूख भी नहीं पाएंगे। इधर, पटाखा बिक्री की तैयारी में जुटे व्यापारियों का कहना है कि सहारनपुर और दिल्ली से ब्रांडेड पटाखे लाएंगे और लाइसेंस बनवाकर बिक्री करेंगे। पिछले साल बने थे 100 लाइसेंस

पिछले साल की बात करें तो शस्त्र अनुभाग ने फायर विभाग की रिपोर्ट के बाद करीब 100 लाइसेंस जारी किए थे। पटाखा दुकानदारों ने जिमखाना मैदान में दुकानें लगाई थीं। ये सब दुकानदार इस बार भी पटाखे के लाइसेंस बनवाने के प्रयास में लगे हैं।

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सरधना की घटना के बाद सभी थाना प्रभारियों को अवैध पटाखों के गोदाम पकड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं। बाहरी इलाकों में सभी गोदामों पर छापामारी की जाएगी। घरों में पटाखे बनाने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है ताकि सरधना जैसे हादसे की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस ने पिछले पांच सालों में पटाखा बेचने और बनाने वालों का रिकार्ड जुटाया है। उन्हें थाने में बुलाकर पूछताछ की जाएगी।

अजय साहनी, एसएसपी


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