मेरठ में धूमधाम से मना महर्षि वाल्मीकि का जन्मोत्सव, रामचरितमानस का किया पाठ
कोरोना के खौफ के बीच शहर में जगह-जगह महर्षि वाल्मीकि का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया। महर्षि वाल्मीकि प्रतिमा स्थलों पर साफ सफाई की गई और लाइटों की भव्य सजावट हुई। लोगों ने हर्षोंलास के साथ जन्म उत्सव भी मनाया।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना के खौफ के बीच शहर में जगह-जगह महर्षि वाल्मीकि का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया। महर्षि वाल्मीकि प्रतिमा स्थलों पर साफ सफाई की गई और लाइटों की भव्य सजावट हुई। लोगों ने हर्षोंलास के साथ जन्म उत्सव भी मनाया। इस दौरान लोगों जुटे रहे। लोगों ने महर्षि वाल्मिकी की फोटो पर मार्ल्यापण किया। इस बीच भड़ारे का आयोजन किया गया। लोगों ने महर्षि वाल्मिकी की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण किया।
घंटाघर स्थित महर्षि वाल्मिकी की प्रतिमा पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने माल्यार्पण किया। कैंट बोर्ड के कार्यालय के सामने भी प्रतिमा पर फूल मालाऐ चढ़ई गई। कैंट स्थितबल जी शनि धाम मंदिर में अखंड रामायण का पाठ आयोजित किया गया। संगीतमय अखंड रामायण के पाठ में श्रद्धालुओं ने अधिक दूरी बनाए रखते हुए रामचरितमानस का पाठ किया। महेंद्र दास ने कहा भगवान वाल्मीकि का जीवन हमें समाज में समरसता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन हुआ। शासन के निर्देशों के तहत कही भी लाउडस्पीकर इत्यादि नहीं बजाए गए।
सिंचाई विभाग अधिकारियों ने कराया मध्य गंगा नहर कालोनी में रामायण पाठ
बाल्मीकि जयंती के अवसर पर सिंचाई विभाग की ओर से मध्य गंगा नहर कॉलोनी स्थित हनुमान मंदिर में रामायण पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल व संजीव जैन सिक्का ने फीता काटकर किया। कथावाचक राकेश कांत कौशिक ने महर्षि बाल्मीकि रचित रामायण का भावपूर्ण पाठ किया। अधिशासी अभियंता अरुण कुमार गंगा नहर के अधिशासी अभियंता आशुतोष सारस्वत, अधिशासी अभियंता द्रुण कुमार, अरुण कुमार एसडीओ पंकज कुमार जैन, अवर अभियंता अशोक कुमार जैन, जागेश कुमार, सत्यवीर सिंह, पंकज कुमार जयप्रकाश, अमित त्यागी, मुकुल त्यागी, प्रमोद कुमार व कॉलोनी के निवासी कार्यक्रम में मौजूद रहे। अधिशासी अभियंता द्रुण कुमार ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार बाल्मीकि जयंती के अवसर पर रामायण का पाठ कराया गया है। महर्षि बाल्मीकि विश्व के आदि कवि हैं। जिन्होंने विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य की रचना बेहद सुंदरता से की है।