डिजिलॉकर में सुरक्षित रहेंगे छात्रों के प्रमाण-पत्र, जब चाहे मार्कशीट,डिग्री का प्रिंट निकाल सकेंगे Meerut News
DigiLocker Concept In CCSU जल्द ही छात्र छात्राओं को अपने सर्टिफिकेट की सुरक्षा को लेकर सभी चिंताएं दूर हो जाएंगी। उनके सभी प्रमाण पत्र डिजिलॉकर अब सुरक्षित रहेंगे।
मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लाखों छात्र-छात्राओं को अपने सर्टिफिकेट की सुरक्षा को लेकर चिंता खत्म होने वाली है। जल्द ही सभी के सर्टिफिकेट डिजिलॉकर में दिखने लगेंगे। विश्वविद्यालय ने डिजिलॉकर में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। रजिस्ट्रेशन के बाद छात्र अपने मोबाइल फोन पर डिजिलॉकर का एप डाउनलोड कर जब चाहे अपनी मार्कशीट और डिग्री का प्रिंट निकाल सकेंगे।
छात्रों के नंबर होंगे सुरक्षित
सीसीएसयू के डिजिलॉकर में रजिस्ट्रेशन के बाद छात्रों के कोर्सवार नंबर ऑनलाइन सुरक्षित रहेंगे। छात्र इस पोर्टल पर अपना रोलनंबर, पता, मोबाइल नंबर, विषयवार नंबर, पंजीयन नंबर सब कुछ देख सकेंगे। नौकरी या किसी तरह के सत्यापन के लिए अभी छात्रों को विवि का चक्कर काटना पड़ता है या संबधित नियोक्ता की ओर से सत्यापन के लिए विवि में भेजना पड़ता है। डिजिलॉकर में छात्रों के नंबर आने के बाद ऑनलाइन ही सत्यापन हो जाएगा। छात्र जरूरत के अनुसार की उसकी प्रिंट भी निकाल सकेंगे।
मूल सर्टिफिकेट से अलग
विवि में अभी नैड यानी नेशनल एकेडमिक डिपाजिटरी की वेबसाइट पर छात्रों की डिग्री और मार्कशीट अपलोड की जा रही थी। अभी तक करीब 25 लाख डिग्री और मार्कशीट नैड पर अपलोड हो चुकी है। डिजिलॉकर की मार्कशीट भी मूल मार्कशीट से अलग फार्मेट में होगी। विवि में नैड के समन्वय प्रो. एमके गुप्ता ने बताया कि नैड पर डिग्री अपलोड का काम रुक गया है। अब विवि डिजिलॉकर पर रजिस्ट्रर्ड होगा। इससे छात्रों को अधिक सुविधा मिलेगी।
ऐसा है डिजिलॉकर
डिजिलॉकर यानी डिजिटल लॉकर भारत सरकार की ओर से संचालित है। यह एक तरह से इलेक्ट्रॉनिक तिजोरी की तरह है, जिसमें कोई भी अपने शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, कोई भी दस्तावेज सुरक्षित कर सकता है। आधार नंबर से लिंक डिजिलॉकर में ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर डालने के बाद सभी प्रमाण-पत्र की डिटेल सामने आ जाती है, जो आइटी एक्ट के तहत पूरी तरह से वैध प्रमाण-पत्र है।