सीसीएसयू की परीक्षाएं 10 जून से कराने की तैयारी
चौधरी चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) ने अपनी छूटी हुई परीक्षाएं 10 जून से शुरू हो सकती है।
मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) ने अपनी छूटी हुई परीक्षाएं 10 जून से शुरू कराने की तैयारी कर ली है। इस बार परीक्षा में प्रश्न-पत्र में अधिक विकल्प दिए जाएंगे। प्रश्नों की संख्या कम की जाएगी, लेकिन प्रश्न-पत्र का पूर्णाक नहीं बदला जाएगा। प्रश्नों के अंक पहले की ही भांति रहेंगे तथा प्रश्नों की संख्या भी समय के अनुपात में रहेगी। प्रश्न-पत्र कितने घंटे का होगा, यह अभी तय नहीं किया गया है। परीक्षा समिति की मंगलवार को हुई आपातकालीन बैठक में वैश्विक महामारी को देखते हुए शासन के आदेश पर मुख्य परीक्षाओं के संपादन और मूल्यांकन को लेकर निर्णय किया गया। कॉलेजों में मूल्यांकन केंद्र
मेरठ और सहारनपुर मंडल में जो क्षेत्र ग्रीन और आरेंज जोन हैं, वहां मूल्यांकन कार्य किया जाएगा। अभी तक केंद्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था की जा रही थी। इस बार के लिए मूल्यांकन अन्य जिलो में सेंटर बनाकर किए जाएंगे। मूल्यांकन की निगरानी के लिए विवि स्तर पर मूल्यांकन नियंत्रक और कॉलेज स्तर पर समन्वयक की तैनाती की जाएगी। विवि उत्तर पुस्तिकाओं और ओएमआर शीट पर बार कोडिग कराकर कॉलेजों को उपलब्ध कराएगा। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद विवि स्तर पर ओएमआर से मिलान किया जाएगा। इसके बाद विवि मेरठ और सहारनपुर के मंडलायुक्तों को पत्र लिखकर मूल्यांकन कराए जाने के लिए अनुरोध करेगा। मूल्यांकन कार्य में शिक्षक, कर्मचारियों और वाहनों को पास जारी करने के लिए अनुरोध किया गया है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों को आने-जाने में असुविधा न हो। डिग्री कॉलेजों को प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के निर्देश
परीक्षा समिति ने विवि से जुड़े सभी कॉलेजों के प्राचार्य को अपने स्तर पर प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के लिए कहा है। इसमें प्राचार्य अपने कॉलेज को छोड़कर किसी दूसरे कॉलेज के शिक्षक को परीक्षक और सेवानिवृत परीक्षक बुलाकर प्रयोगात्मक परीक्षाएं करा सकते हैं। शासन को भेजा प्रस्ताव
परीक्षा समिति ने 10 जून से परीक्षाएं कराने का कार्यक्रम बनाकर शासन को भेजने का निर्णय लिया है। यदि शासन अनुमति प्रदान करता है तो सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराते हुए इस वर्ष की शेष परीक्षाएं कराई जाएंगी। ये रहे बैठक में
कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. वाई. विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अश्विनी कुमार आदि अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।