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CCSU Meerut News: नई शिक्षा नीति के लिए सीसीएसयू तैयार, नए सिलेबस पर कल लगेगी एकेडमिक काउंसिल की मुहर

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सत्र 2021- 22 से स्नातक कक्षाओं में नई शिक्षा नीति लागू की जानी है। जिसके लिए स्नातक का स्तर पर सभी विषयों के पाठ्यक्रम तय कर लिए गए हैं। इस क्रम में कालेजों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 02:30 PM (IST)
मेरठ में बुधवार को एकेडमिक काउंसिल यानी विद्वत परिषद की बैठक बुलाई गई है।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों में इस शैक्षिक सत्र से ही नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी की गई है। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर नए सिलेबस भी तैयार हो चुके हैं। बुधवार को इस सिलेबस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए एकेडमिक काउंसिल यानी विद्वत परिषद की बैठक बुलाई गई है।

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विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सत्र 2021- 22 से स्नातक कक्षाओं में नई शिक्षा नीति लागू की जानी है। जिसके लिए स्नातक का स्तर पर सभी विषयों के पाठ्यक्रम तय कर लिए गए हैं। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक में इस बार छात्रों को विषय चुनने की आजादी रहेगी। छात्र कला, विज्ञान, वाणिज्य के विषयों को एक साथ भी ले सकेंगे। हालांकि, संकाय और विषय को लेकर छात्रों में दुविधा ना रहे इसके लिए भी व्यवस्था की गई है। नई शिक्षा नीति के अनुसार जिस संकाय में छात्र 60 फीसद से अधिक क्रेडिट हासिल करेंगे। उसी संकाय से उन्हें डिग्री दी जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को परंपरागत पढ़ाई के अलावा रोजगारपरक और कौशल विकासपरक पाठ्यक्रम भी पढ़ने को मिलेगा।

इसके लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर पॉलिटेक्निक और आईटीआई से भी करार करने के लिए कहा गया है। अभी तक कॉलेजों की ओर से ऐसे किसी करार की जानकारी नहीं मिली है। विश्वविद्यालय जहां इस शैक्षणिक सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी में वहीं प्रदेश के कुछ विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति और नए सिलेबस को लेकर कई तरह की आपत्तियां भी दर्ज कराई गई हैं। विश्वविद्यालयों की ओर से कोरोना वायरस को देखते हुए इस बार नई शिक्षा नीति नहीं लागू करने का भी अनुरोध किया गया है।

उधर, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके तनेजा का कहना है कि कोविड-19 शिक्षा और शिक्षकों की चुनौती बढ़ी है। इसमें नई शिक्षा नीति को एक संभावना के तौर पर लेना चाहिए। नई शिक्षा नीति में छात्रों के सर्वांगीण विकास की बात की गई। इस सिलेबस में बहुत अधिक बदलाव नहीं है इसलिए शिक्षकों को भ्रमित या घबराने होने घबराने की जरूरत नहीं है।उन्होंने यह भी साफ किया कि विश्वविद्यालय स्तर पर नई शिक्षा नीति लागू करने की पूरी तैयारी शुरू हो गई है।


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