रिजल्ट के साथ डिजिलाकर पर दिखेगी सीसीएसयू मेरठ की डिग्री, फिलहाल यह आ रही परेशानी
सीसीएसयू के डिजिलाकर पर करीब डेढ़ लाख छात्रों की डिग्री और मार्कशीट अपलोड हो गई है। विश्वविद्यालय की ओर से 50 लाख डिग्री और मार्कशीट का डेटा डिजिलाकर को भेजा गया है लेकिन कुछ मार्कशीट का फार्मेट अलग है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। सीबीएसई की तरह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) की मार्कशीट और डिग्री डिजिलाकर पर दिखने लगी है। आने वाले समय में रिजल्ट निकलने के साथ ही विश्वविद्यालय की डिग्री और मार्कशीट डिजिलाकर पर होगी। इसके लिए राजभवन की ओर से निर्देश भी दिए गए हैं। फिलहाल अभी डिजिलाकर पर डिग्री अपलोड करने की प्रक्रिया धीमी है।
डिजिलाकर पर डेढ़ लाख छात्रों की डिग्री और मार्कशीट अपलोड
डिजिलाकर पर करीब डेढ़ लाख छात्रों की डिग्री और मार्कशीट अपलोड हो गई है। विश्वविद्यालय की ओर से 50 लाख डिग्री और मार्कशीट का डेटा डिजिलाकर को भेजा गया है, लेकिन सीसीएसयू में कुछ मार्कशीट का फार्मेट अलग- अलग होने से डिजिलाकर पर यह डेटा अपलोड नहीं किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को इसके लिए विश्वविद्यालय ने पत्र लिखा है। डिजिलाकर पर एक दिन पहले सीसीएसयू का लोगो नहीं दिख रहा था। जिसका राजभवन ने भी संज्ञान लिया है। इसके बाद अब विश्वविद्यालय का लोगो डिजिलाकर पर दिखने लगा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को रिजल्ट के साथ ही डिजिलाकर पर मार्कशीट और डिग्री अपलोड करने के लिए कहा है। लेकिन विवि की अलग-अलग फार्मेट की डिग्री की वजह से डिजिलाकर को डेटा अपलोड करने में दिक्कत आ रही है।
आधार नंबर से देखें अपनी डिग्री
डिजिलाकर पर वर्ष 2015 के बाद उत्तीर्ण हुए छात्र- छात्राओं की डिग्री और मार्कशीट अपलोड है। जिन छात्रों की मार्कशीट डिजिलाकर पर अपलोड है। वह अपना आधार नंबर डालकर डिग्री और मार्कशीट को देख सकते हैं।
21 कोर्स के रिजल्ट अधूरे
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि का दीक्षा समारोह 23 दिसंबर को है। जिसके लिए मेरिट लिस्ट तैयार की जा रही है। कई विषयों में टापर लिस्ट जारी हो गई है। तो दूसरी ओर अभी 21 कोर्स के रिजल्ट नहीं घोषित किए गए हैं। दीक्षा की तिथि को देखते हुए कुलपति ने इन सभी का रिजल्ट जल्द से घोषित करने के लिए कहा है।
विषम सेमेस्टर में कोड पुस्तिका तय
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर की परंपरागत पाठ्यक्रमों की विषय कोड पुस्तिका तैयार हो गई है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर इसे अपलोड कर दिया गया है। कालेजों से कहा गया है कि वह इसके विषय में छात्र-छात्राओं को बताएं, जिससे परीक्षा के समय में कोड भरने में किसी भी तरह की गलती न हो।