भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी पर दर्ज केस वापस होंगे
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी पर दर्ज मुकदमों को शासन ने वापस लेने की तैयारी कर ली है। बलवा और सरकार संपत्ति को क्षति पहुंचाने के मुकदमे भी इसमें शामिल हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 11:09 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 11:09 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के विरुद्ध वर्ष 2006 और किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी के विरुद्ध वर्ष 2007 में दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने की तैयारी शासन ने की है। इनके संबंध में डीएम, एसपी और अभियोजन अधिकारी से स्पष्ट मत पूछा गया है। शासन के ये पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हो गए हैं।
12 वर्ष पुराने हैं मुकदमे
शासन से विशेष सचिव जेपी सिंह द्वारा जिन मामलों पर जानकारी मांगी गई है, उनमें थाना भावनपुर में दर्ज बलवा व अन्य धाराओं का मुकदमा संख्या 242/2015 राज्य बनाम पवनेश तथा थाना खरखौदा का मुकदमा संख्या 35/2007 धारा 127 क (लूटपाट की संपत्ति प्राप्त करना) तथा जनप्रतिनिधि अधिनियम में दर्ज राज्य बनाम सत्यवीर त्यागी शामिल है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व शहर विधायक लक्ष्मीकांत बाजपेयी के विरुद्ध थाना सिविल लाइन में बलवा और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने की धाराओं में दर्ज मुकदमा संख्या 97/2006 पर भी मत मांगा गया है।
जनहित में खत्म होंगे मुकदमे
शासन से जिला प्रशासन को प्राप्त पत्रों में मुकदमों की पूर्ण जानकारी, विवेचना में बरामदगी, क्रास केस यदि दर्ज हो, चोट का विवरण, केस डायरी में दर्ज साक्ष्य के साथ वाद वापसी के संबंध में अभियोजन अधिकारी का स्पष्ट मत, पुलिस अधीक्षक का स्पष्ट मत तथा डीएम का स्पष्ट मत पूछा गया है। यह सबकुछ जनहित के दृष्टिगत बताना है।
हमने मांग की है
लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि विक्टोरिया पार्क अग्निकांड के दौरान रातभर हमने लोगों को बचाने का काम किया। अगले दिन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह मेरठ आए थे। हमने उनसे मिलने की मांग की, लेकिन अफसरों ने मिलने नहीं दिया। सीएम जाने लगे तो मैं रस्सा कूदकर सीएम की गाड़ी तक पहुंच गया। इसी घटनाक्रम को लेकर तत्कालीन डीआइजी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था। जोकि आपराधिक केस नहीं है। हमने इस केस को वापस कराने की मांग की है। इस पर कार्रवाई हो रही है।
इन मुकदमों पर मांगी रिपोर्ट
242/2015 थाना भावनपुर
राज्य बनाम पवनेश
धारा 147 बलवा, 149 विधि विरुद्ध जनसमूह में शामिल रहना, 341 सरकारी काम में बाधा, 336 दूसरों की सुरक्षा को खतरा पहुंचाया, 427 सरकारी क्षति, 453 व 7 सीएलए एक्ट
35/2007 थाना खरखौदा
राज्य बनाम सत्यवीर त्यागी
धारा 127क लूटी संपत्ति प्राप्त करना
जनप्रतिनिधि अधिनियम
97/2006 थाना सिविल लाइन
धारा 147 बलवा, 504 अपमान करना, 506 धमकाना, 352 आपराधिक कार्य के लिए बल प्रयोग, 34 जानबूझकर सरकारी क्षति पहुंचाना
12 वर्ष पुराने हैं मुकदमे
शासन से विशेष सचिव जेपी सिंह द्वारा जिन मामलों पर जानकारी मांगी गई है, उनमें थाना भावनपुर में दर्ज बलवा व अन्य धाराओं का मुकदमा संख्या 242/2015 राज्य बनाम पवनेश तथा थाना खरखौदा का मुकदमा संख्या 35/2007 धारा 127 क (लूटपाट की संपत्ति प्राप्त करना) तथा जनप्रतिनिधि अधिनियम में दर्ज राज्य बनाम सत्यवीर त्यागी शामिल है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व शहर विधायक लक्ष्मीकांत बाजपेयी के विरुद्ध थाना सिविल लाइन में बलवा और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने की धाराओं में दर्ज मुकदमा संख्या 97/2006 पर भी मत मांगा गया है।
जनहित में खत्म होंगे मुकदमे
शासन से जिला प्रशासन को प्राप्त पत्रों में मुकदमों की पूर्ण जानकारी, विवेचना में बरामदगी, क्रास केस यदि दर्ज हो, चोट का विवरण, केस डायरी में दर्ज साक्ष्य के साथ वाद वापसी के संबंध में अभियोजन अधिकारी का स्पष्ट मत, पुलिस अधीक्षक का स्पष्ट मत तथा डीएम का स्पष्ट मत पूछा गया है। यह सबकुछ जनहित के दृष्टिगत बताना है।
हमने मांग की है
लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि विक्टोरिया पार्क अग्निकांड के दौरान रातभर हमने लोगों को बचाने का काम किया। अगले दिन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह मेरठ आए थे। हमने उनसे मिलने की मांग की, लेकिन अफसरों ने मिलने नहीं दिया। सीएम जाने लगे तो मैं रस्सा कूदकर सीएम की गाड़ी तक पहुंच गया। इसी घटनाक्रम को लेकर तत्कालीन डीआइजी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था। जोकि आपराधिक केस नहीं है। हमने इस केस को वापस कराने की मांग की है। इस पर कार्रवाई हो रही है।
इन मुकदमों पर मांगी रिपोर्ट
242/2015 थाना भावनपुर
राज्य बनाम पवनेश
धारा 147 बलवा, 149 विधि विरुद्ध जनसमूह में शामिल रहना, 341 सरकारी काम में बाधा, 336 दूसरों की सुरक्षा को खतरा पहुंचाया, 427 सरकारी क्षति, 453 व 7 सीएलए एक्ट
35/2007 थाना खरखौदा
राज्य बनाम सत्यवीर त्यागी
धारा 127क लूटी संपत्ति प्राप्त करना
जनप्रतिनिधि अधिनियम
97/2006 थाना सिविल लाइन
धारा 147 बलवा, 504 अपमान करना, 506 धमकाना, 352 आपराधिक कार्य के लिए बल प्रयोग, 34 जानबूझकर सरकारी क्षति पहुंचाना
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