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संजय के सुसाइड नोट पर पाच के खिलाफ मुकदमा

अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में आरोपित संजय मोतला के फासी लगाने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 07:45 AM (IST)
संजय के सुसाइड नोट पर पाच के खिलाफ मुकदमा
संजय के सुसाइड नोट पर पाच के खिलाफ मुकदमा

मेरठ, जेएनएन। अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में आरोपित संजय मोतला के फासी लगाने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया। बुधवार देर रात फंदे से उतारने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। गुरुवार सुबह स्वजन को घर में संजय का लिखा एक सुसाइड नोट मिल गया। इस आधार पर परिवार के लोगों ने मुकदमा दर्ज करने की माग की। पुलिस द्वारा लेटलतीफी करने पर स्वजन ने शव को चार घटे तक थाने में रखकर उसे वहीं जलाने का प्रयास किया। हालाकि, पुलिस ने शव वहा से उठवा दिया। इस पर आक्रोशित लोगों ने शव को एंबुलेंस में रखकर दिल्ली हाईवे पर दादरी में जाम लगाने की चेतावनी दी। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने अंतत: दौराला थाने में मृत अधिवक्ता के दोनों बेटों समेत पाच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

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13 फरवरी को गंगानगर के ईशापुरम निवासी अधिवक्ता ओमकार तोमर ने घर के अंदर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट के आधार पर भाजपा विधायक दिनेश खटीक समेत 14 लोगों को नामजद किया गया था। इसके बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने आरोपितों की धरपकड़ के लिए पुलिस को 48 घटे दिया था। इधर, आरोपितों की फरारी के बाद पुलिस ने उनके स्वजन को हिरासत में लेकर दबाव बनाया था। आत्महत्या में नामजद संजय मोतला की पत्नी नीलम, मा संतरा और भाई की पत्नी गीता को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इससे क्षुब्ध होकर संजय मोतला ने बुधवार रात खेत में जामुन के पेड़ से लटककर जान दे दी। काफी तनाव के बीच देर रात ढाई बजे संजय के शव को कप्तान ने मौके पर पहुंचकर उतरवाया। एसपी सिटी अखिलेश नारायण ने बताया कि परिवार के सदस्यों को घर के अंदर डायरी से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें अधिवक्ता ओमकार तोमर के बेटे लव तोमर, दिव्येश तोमर, भाई शिवकुमार, भतीजे दिव्य उर्फ गुड्डू और बहनोई अशोक पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। पोस्टमार्टम के बाद स्वजन ने शव को पहले दौराला थाने के सामने एंबुलेंस में रख दिया। उसके बाद चार घटे तक थाने के अंदर रखकर उसे वहीं जलाने की कोशिश की। स्वजन सुसाइड नोट पर मुकदमा दर्ज करने की माग कर रहे थे। इस दौरान जब मुकदमा दर्ज करने से इन्कार किया गया तो लोगों ने दादरी में दिल्ली हाईवे पर शव रखकर जाम लगाने की कोशिश की। उसके बाद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने एडीजी राजीव सभरवाल से बातचीत की। उन्होंने तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद दौराला थाने में पाचों आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

अधिवक्ता आत्महत्या प्रकरण के आरोपित संजय मोतला के खुदकुशी करने के बाद मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने पाच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। साक्ष्यों के आधार पर ही आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।

-अजय साहनी, एसएसपी

दोनों तरफ से अब तक नामजद

अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में आरोपित

- दिनेश खटीक, भाजपा विधायक हस्तिनापुर

- संजय मोतला (ओमकार की पुत्रवधू के चचेरे भाई, अब दिवंगत)

- धर्मपाल, पूर्व प्रधान कुंडा फलावदा

- संतरपाल, पूर्व प्रधान गगसोना फलावदा

- जोगेंद्र, निवासी सिखेड़ा खतौली (ओमकार की पुत्रवधू के परिजन)

- योगेंद्र, निवासी सिखेड़ा (ओमकार की पुत्रवधू के परिजन)

- विनीत, निवासी खतौली (ओमकार की पुत्रवधू के भाई)

- रवित उर्फ रचित, खतौली (ओमकार की पुत्रवधू के भाई)

- स्वाति, निवासी खतौली (ओमकार की पुत्रवधू)

- राजकुमार, खतौली (ओमकार की पुत्रवधू के पिता)

- मुकेश, खतौली (ओमकार की पुत्रवधू की मा)

- मनोज मोतला, खतौली (ओमकार की पुत्रवधू के परिजन)

- बलराज, निवासी खेड़की मवाना। (विधायक के करीब)

- मुनेंद्र, प्रधान निडावली (विधायक के करीब)

संजय मोतला आत्महत्या प्रकरण में आरोपित

- लव तोमर, निवासी ईशापुरम (ओमकार तोमर के बड़े बेटे)

- दिव्येश तोमर, निवासी ईशापुरम (ओमकार तोमर के छोटे बेटे)

- शिवकुमार, निवासी ऐंची परीक्षितगढ़ (ओमकार तोमर के भाई)

- दिव्य उर्फ गुड्डू, निवासी ऐंची (ओमकार तोमर के बेटे)

- अशोक, निवासी भिड़वारा (ओमकार तोमर के बहनोई)

अभी तक विधायक के खिलाफ साक्ष्य नहीं : एसएसपी

एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में विधायक दिनेश खटीक समेत 14 आरोपित बनाए गए हैं। सुसाइड नोट में विधायक का नाम लिखा हुआ था। उसे कब्जे में एफएसएल जाच के लिए भेज दिया है। सुसाइड नोट के अलावा अभी तक विधायक के खिलाफ कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है। सुसाइड नोट को एफएसएल जाच के बाद ही साक्ष्य के रूप में प्रयोग किया जाएगा। फिलहाल विधायक के खिलाफ कोई ऐसा सुबूत नहीं मिला है, जिससे उन्हें दोषी बताया जाए। विवेचना अभी अपने पहले पड़ाव पर है। पुलिस प्रत्येक तथ्य की जाच पड़ताल कर रही है। साक्ष्य मिलने के बाद ही विधायक और अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।

कार्रवाई के लिए 18 घटे तक शव की हुई दुर्गति

संजय मोतला आत्महत्या प्रकरण में कार्रवाई को लेकर पुलिस कठघरे में आ गई। आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए करीब 18 घटे तक शव की दुर्गति हुई। थाने से लेकर घटना स्थल पर इंसानियत तार तार होती दिखाई दी। ग्रामीण और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद छह घटे तक शव पेड से लटका रहा। उसके बाद सुसाइड नोट मिलने पर भी पुलिस ने कार्रवाई में हाथ खींच लिए। फिर पीड़ित परिवार ने शव को पहले थाने के बाहर हाईवे पर रखा। उसके बाद थाने में इंस्पेक्टर के आवास के सामने जलाने तक का प्रयास कर डाला। तब भी पुलिसकíमयों को दिल नहीं पसीजा। बल्कि पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शव के साथ परिवार के लोगों को वहा से हटा दिया। उसके बाद परिवार के लोगों ने हाईवे पर शव रखकर जाम लगाने की चेतावनी दी, तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

इसी तरह अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में भी दिनभर हंगामा हुआ था। तब भी मुकदमे के लिए स्वजन और आक्रोशित दुखी अधिवक्ताओं तथा विभिन्न पार्टी के नेताओं को थाने के बाहर जाम लगाना पड़ा था। लंबा समय बीतने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। गुरुवार को संजय मोतला आत्महत्या प्रकरण में भी पुलिस कार्रवाई का यही हाल रहा। दिनभर शव की दुर्गति कराने के बाद आखिरकार मुकदमा दर्ज किया गया। यदि शाम को मुकदमा दर्ज करने में पुलिस देरी करती तो ग्रामीण दादरी पुलिस चौकी के बाहर एकत्र हो गए थे। शव को हाईवे पर रखा जा रहा था, तभी इंस्पेक्टर सरधना ने वाट्सएप पर थाने से एफआइआर की प्रति मंगाई। उसके बाद पीड़ित परिवार को समझाकर शव का अंतिम संस्कार किया गया। सवाल है कि आखिरकार पुलिस कार्रवाई के लिए शव की दुर्गति क्यों हो।

इंस्पेक्टर पर परिवार ने लगाए मौखिक आरोप

संजय मोतला के भाई ओमवीर ने बताया कि अधिवक्ता के दोनों बेटे और उनके रिश्तेदार संजय मोतला की गिरफ्तारी को दबाव बना रहे थे। उसके बाद पुलिस ने ताडव किया। संजय की पत्नी नीलम और मा संतरा तथा छोटे भाई की पत्नी गीता को भी पुलिस उठा ले गई थी। बाद में पुलिस ने तीनों महिलाओं को छोड़ दिया। ओमवीर ने इंस्पेक्टर पर भी उत्पीड़न का आरोप लगाया है। एसएसपी का कहना है कि पीड़ित पक्ष के बयान दर्ज कराए जाएंगे। यदि उन्होंने इंस्पेक्टर पर आरोप लगाए तो उन्हें विवेचना में शामिल कर लिया जाएगा।

खतौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर बैठी जाच

अधिवक्ता ओमकार आत्महत्या प्रकरण में खतौली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खतौली थाने में दर्ज मुकदमों में पुलिस कार्रवाई करती तो शायद अधिवक्ता को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती। अधिवक्ता की आत्महत्या नहीं होती तो संजय मोतला भी फासी नहीं लगाते, जबकि खतौली थाने में अधिवक्ता के बेटे लव तोमर की पत्नी स्वाति की तरफ से दो मुकदमे दर्ज थे। पुलिस उक्त मुकदमों में आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज देती तो समझौता कराने की नौबत नहीं आती। ऐसे में खतौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एडीजी राजीव सभरवाल ने खतौली पुलिस से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है। साथ ही एसएसपी से पूरे घटनाक्रम पर जाच रिपोर्ट मागी गई है। माना जा रहा है कि खतौली इंस्पेक्टर पर भी गाज गिर सकती है।

सुसाइड नोट असली हो तो मैं खुद कर दूंगा सरेंडर

संजय मोतला की आत्महत्या ने पूरे घटनाक्रम को ही बदल दिया है। अधिवक्ता ओमकार के दोनों बेटे लव और दिव्येश को भी आत्महत्या प्रकरण में नामजद किया गया है। लव तोमर ने बताया कि पुलिस सुसाइड नोट डायरी से मिलने का दावा कर रही है। अगर सुसाइड नोट असली हो तो में खुद ही कोर्ट में सरेंडर कर दूंगा। लव ने यह भी बताया कि संजय मोतला आत्महत्या एक साजिश का हिस्सा है, जो स्वाति के पिता राजकुमार और विधायक दिनेश खटीक ने रची है। दिनेश खटीक इसके जरिए खुद को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। चाहे हमें जेल जाना पड़े, मगर दिनेश खटीक की गिरफ्तारी कराकर रहेंगे। उनकी वजह से ही हमारे ऊपर से पिता का साया उठ गया। लव तोमर ने बताया कि संजय मोतला आत्महत्या प्रकरण के बाद पुलिस ने हमारे पिता की आत्महत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की है।

दोनों मुकदमों में पुलिस दिखाए निष्पक्षता

लव तोमर ने कहा कि पहले अधिवक्ता ओमकार तोमर, उसके बाद आत्महत्या में आरोपित बनाए गए संजय मोतला ने जान दे दी है। पुलिस दोनों ही मुकदमों में निष्पक्षता के आधार पर कार्रवाई करे। पुलिस से अपील की जा रही है कि दोनों घटनाओं में मिले सुसाइड नोट की एफएसएल जाच कराकर विवेचना का हिस्सा बनाया जाए ताकि दोनों ही घटनाओं के सही आरोपितों को सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता आत्महत्या काड में राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद ही संजय मोतला इतना घबरा गए थे। संजय के सुसाइड नोट की भी पुलिस को एफएसएल से जाच कराई जानी चाहिए। उसके बाद भी यदि हमारा कोई कुसूर सामने आए तो खुद ही पुलिस को सौंप दूंगा।


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