सर्विस रोड पर कैंटर ने पिता-पुत्र को कुचला
पल्लवपुरम क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे की सर्विस रोड पर मंगलवार को बाइक सवार पिता-पुत्र को कैंटर ने कुचल दिया।
मेरठ, जेएनएन। पल्लवपुरम क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे की सर्विस रोड पर मंगलवार को बाइक सवार पिता-पुत्र को कैंटर ने कुचल दिया। हादसे के बाद कैंटर का ड्राइवर फरार हो गया। भीड़ ने हेल्पर को पकड़कर पीटा और पुलिस को सौंपा। पुलिस पिता-पुत्र को अस्पताल ले गई, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दौराला के मदारीपुर गांव निवासी 45 वर्षीय मनोज सैनी मोदीपुरम की कॉन्टिनेंटल कंपनी के पाइपलाइन विभाग में नौकरी करते थे। मनोज के साथ उनका 22 वर्षीय बेटा नितिन भी वेल्डिंग विभाग में नौकरी करता था। नितिन की सात महीने पूर्व ही नौकरी लगी थी। मंगलवार सुबह आठ बजे दोनों बाइक से ड्यूटी करने कंपनी पहुंचे थे। दोपहर बाद चार बजे ड्यूटी समाप्त कर गांव को चल दिए। बाइक नितिन चला रहा था। उसने हेलमेट भी पहना था। कंपनी के गेट से आधा किलोमीटर आगे निर्माणाधीन पल्हैड़ा फ्लाईओवर के सामने हाईवे की सर्विस रोड पर पहुंचते ही तेज रफ्तार में हरिद्वार की तरफ जा रहे कैंटर ने बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही पिता-पुत्र करीब बीस फीट दूर जा गिरे। कैंटर उनके ऊपर से उतर गया। राहगीरों ने शोर मचाया तो ड्राइवर कूदकर फेज-दो के अंदर भाग गया। पुलिस ने शवों को मर्चरी पहुंचाया। मदारीपुर गांव से स्वजन, ग्रामीण और कंपनी के कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए। भीड़ को देख दौराला और कंकरखेड़ा थाना पुलिस को भी बुलाया गया। इनका कहना- पीड़ित परिवार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। हेल्पर गिरफ्तार है। फरार ड्राइवर को गिरफ्तार किया जाएगा। गाड़ी भी कब्जे में है। -दिग्विजय नाथ शाही, थानाध्यक्ष पल्लवपुरम पत्नी और तीन बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल मनोज की पत्नी ओमवीरी और पुत्र कार्तिक उर्फ भोला, बेटी अनु व तनु का रो-रोकर बुरा हाल है। मनोज व नितिन को याद करते हुए वे बिलख रहे हैं। ओमवीरी यही कह रही थी कि 'तुम तो जल्द आ रहा हूं, यह कहकर ड्यूटी से चले थे। मगर, घर आने की बजाए दुनिया ही छोड़कर चले गए। अब हमारा क्या होगा'। ड्यूटी पर हंसी-मजाक कर सभी को खुश रखते थे पिता-पुत्र कॉन्टीनेंटल कंपनी में मनोज व नितिन के सहकर्मियों ने बताया कि पिता-पुत्र का व्यवहार बहुत मधुर था। नए कर्मचारी मनोज को गुरुजी कहते थे। मनोज भी नए कर्मचारियों को मन से काम सिखाते थे। ड्यूटी के दौरान दोनों हंसी-मजाक कर सभी को खुश रखते थे। नितिन अपने पिता का बहुत ख्याल रखता था। इनके काम से कंपनी के अधिकारी भी प्रसन्न थे। नितिन ने एक लाख रुपये की नई बाइक कुछ दिन पूर्व ही खरीदी थी। ड्यूटी पर समय से पहले आते थे। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अच्छे सहकर्मी के साथ बहुत अच्छे दोस्त भी खो दिए हैं।