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LokSabha Election 2019 : मिल परिसर में बैठकर ईवीएम की निगरानी करेंगे प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधि

चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और उनके प्रतिनिधियों को अब कताई मिल के बाहर नहींबल्कि परिसर के भीतर प्रशासनिक कक्ष के पास शिविर बनाकर बैठाया जाएगा।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 09:38 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 09:38 AM (IST)
LokSabha Election 2019 : मिल परिसर में बैठकर ईवीएम की निगरानी करेंगे प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधि
LokSabha Election 2019 : मिल परिसर में बैठकर ईवीएम की निगरानी करेंगे प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधि

मेरठ,जेएनएन। लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद मेरठ जनपद की सात विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम की निगरानी में तैनात विभिन्न प्रत्याशियों और उनके प्रतिनिधियों को अब कताई मिल के बाहर नहीं,बल्कि परिसर के भीतर प्रशासनिक कक्ष के पास शिविर बनाकर बैठाया जाएगा।

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तैयार हो गया है शिविर

शिविर तैयार भी हो गया है। प्रशासनिक अफसरों ने प्रत्याशियों और पार्टी जिलाध्यक्षों से कहा है कि वे प्रतिनिधियों को भीतर बैठाएं। अधिकारियों का कहना है कि बाहर बैठे लोगों को भीतर की गतिविधियां दिखाई नहीं देती,जिस कारण शिकायतें करते हैं।

सुरक्षा बलों की निगरानी में

मेरठ जनपद की सात विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को परतापुर स्थित कताई मिल में स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा गया है। इनकी निगरानी सुरक्षा बल करते हैं। प्रत्याशी तथा उनके प्रतिनिधियों को भी ईवीएम की निगरानी करने के लिए कताई मिल के पास शिविर लगाकर बैठने की अनुमति दी गई थी।

शिकायतें दूर करने की कवायद

प्रत्याशियों का शिविर कताई मिल के गेट के बाहर है,जहां से वे आवाजाही की निगरानी कर रहे हैं। लेकिन,भीतर की गतिविधियां उन्हें दिखाई नहीं देती। लिहाजा वे रोजाना नई नई शिकायतें करते रहते हैं। इन शिकायतों को समाप्त करने के लिए प्रशासन ने प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को कताई मिल परिसर के भीतर प्रशासनिक भवन के पास शिविर में बैठाने का निर्णय लिया है। एडीएम प्रशासन रामचंद्र ने बताया कि निगरानी के लिए प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को मिल परिसर के भीतर ही शिविर में बैठाया जाएगा। इसके लिए सभी प्रत्याशियों और दल पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से प्रशिक्षण देंगे मुख्य निर्वाचन अधिकारी

सर्विस वोटर से हर बार चुनाव में पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान कराया जाता है। इस बार पोस्टल बैलेट ऑनलाइन भेजे गए और मतदान के बाद वापस पहुंचे। जनपद में लगभग 4500 सर्विस वोटर हैं, जिनमें से 3500 से ज्यादा के इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलेट मिल चुके हैं। अब इनकी गिनती करना चुनौती बनी हुई है। आयोग भी इसमें कोई खामी नहीं रहने देना चाहता।

पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन

लिहाजा प्रत्येक अधिकारी को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन उपलब्ध कराया गया है। मंगलवार (आज) को प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी जनपदों के अफसरों को मतगणना का प्रशिक्षण देंगे। इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलेट की गणना के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मतगणना हाल में ही विशेष रूप से दो टेबल लगाई जाएंगी। उन पर इंटरनेट कनेक्टिविटी युक्त कंप्यूटर और क्यूआर कोड स्केनर होगा। पोस्टल बैलेट का सबसे पहले क्यूआर कोड स्केन होगा। इसके माध्यम से मतदाता की पहचान होगी और स्वीकृत बैलेट पेपर को गिनती के लिए ऑनलाइन ही विधानसभा के एआरओ के कंप्यूटर में ट्रांसफर किया जाएगा। 

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