सीएए हिंसा: 45 दिन में केवल 95 नोटिस ही हुई तामील Meerut News
मेरठ में हुई नागरिकता संसोधन कानून पर भड़की हिंसा में अभी तक पुलिस ने केवल 95 नोटिस को ही तामील कर पायी है। जो कि इस कार्य में काफी सुस्ती दिख रही है।
मेरठ जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुई हिंसा, उपद्रव और आगजनी की घटनाओं के दौरान सरकारी संपत्ति को जमकर क्षति पहुंचाई गई थी। प्रदेश सरकार के आदेश पर उपद्रव के आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जिला प्रशासन ने सरकारी संपत्ति की क्षति की वसूली के नोटिस भी जारी किये थे। हालांकि नोटिस जारी होने से वसूली तक की प्रक्रिया खासी लंबी है, लेकिन पुलिस इसे और ज्यादा लंबा बनाने में जुटी है। पुलिस इन नोटिसों को तामील कराने के लिए गंभीर नहीं है। तभी 45 दिन में चार थानों की पुलिस 134 में से केवल 95 नोटिस ही तामील करा सकी है।
उपद्रव के दौरान बेकाबू भीड़ ने जहां पुलिस बल पर पथराव और फायरिंग की थी। वहीं इस्लामाबाद पुलिस चौकी को फूंक दिया था। सड़क के डिवाइडर को ध्वस्त करने के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को जमकर क्षति पहुंचाई थी। सरकारी क्षति कई करोड़ की बताई जा रही है। प्रदेश सरकार का आदेश है कि सरकारी संपत्ति की क्षति की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति को बेचकर की जाए। मेरठ जिला प्रशासन ने चारों थानों (कोतवाली, ब्रम्हपुरी, लिसाड़ी गेट और नौचंदी) में दर्ज मुकदमों के आरोपी 134 लोगों को चिन्हित करके उन्हें नोटिस जारी किया था। एडीएम सिटी न्यायालय में अभी तक मात्र 95 नोटिस तामील होने की सूचना ही पहुंच सकी है। 39 नोटिस अभी तामील होने शेष हैं।
मैं तो उस दिन शहर में ही नहीं था
नोटिस मिलने के बाद आरोपियों में खलबली मची है। उन्होंने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस का जवाब देना भी शुरू कर दिया है। 60 लोग अभी तक नोटिस का जवाब दे चुके हैं, लेकिन एक ने भी यह बात स्वीकार नहीं की है कि वह उपद्रव के दौरान मौजूद था। सभी ने खुद को निदरेष बताया है। बड़ी संख्या में लोगों ने दावा किया है कि उस दिन वे शहर में ही नहीं थे। उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है।
एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी का कहना है कि कुल 134 नोटिस जारी किए गए थे। सभी की तामील अभी नहीं मिली है। लोगों के जवाब भी मिलने शुरू हो गए हैं। कोई भी अपराधी खुद को दोषी नहीं मानता। प्रत्येक नोटिस की सुनवाई के बाद आदेश जारी किया जाएगा।