मेरठ में हिंसा : खुफिया इनपुट फेल, पुलिस मित्रों के सहारे रही पुलिस Meerut News
लखनऊ के बाद मेरठ में उपद्रवियों ने हिंसा की तैयारी कर ली थी। पुलिस और खुफिया विभाग बवालियों की प्लानिंग भांपने में नाकाम ही रहा।
मेरठ, [सुशील कुमार]। लखनऊ के बाद मेरठ में उपद्रवियों ने हिंसा की तैयारी कर ली थी। पुलिस और खुफिया विभाग बवालियों की प्लानिंग भांपने में नाकाम हो गया। कुछ बवाली पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर शांति का संदेश देकर पुलिस को भ्रमित कर रहे थे, उसी समय शहर में हिंसा की प्लानिंग भी हो रही थी। दोपहर को कुछ मस्जिदों में युवकों को इसके लिए तैयार रहने की बात भी कही गई। दरअसल, पथराव करने के बाद कुछ बवाली तो मस्जिद में घुस गए थे।
सभी जनपदों में सुरक्षा कड़ी
दिल्ली और अलीगढ़ में बवाल के बाद लखनऊ की हिंसा के बाद सीएम ने रात 12 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग कर पुलिस को स्पष्ट आदेश दिए थे कि सभी जनपदों में सुरक्षा कड़ी कर दी जाए। इसके बावजूद खुफिया इनपुट नहीं मिल पाया कि शहर में उपद्रवी हिंसा का मन बना चुके हैं। पुलिस ने पहले ही कुछ बवालियों और मुस्लिम नेताओं से वाट्सएप पर शांति की अपील की थी। इसके बाद पुलिस बेफ्रिक हो गई। पुलिस बवालियों के इरादे नहीं भांप सकी। खुफिया विभाग भी बवाल का कोई इनपुट नहीं दे पाया। नतीजा यह रहा कि नमाज के बाद ही बवाली सड़कों पर आ गए थे। उनमें पुलिस के खिलाफ आक्रोश था।
अचानक ही उपद्रवी सड़क पर
पुलिस को जानकारी मिली है कि कुछ मस्जिदों में भी नमाज के दौरान बवाल के बारे में कहा गया था। दरअसल, सुबह से ही एक समुदाय के लोग बाजार बंद कर विरोध जता रहे थे। नमाज के बाद पुलिस समझ रही थी कि मामला निपट गया है। यदि पुलिस के पास खुफिया इनपुट होता तो पहले से बंदोबस्त किया जा सकता था। अचानक ही उपद्रवी सड़क पर आ गए। उन्होंने पुलिस को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद तो स्थित बेकाबू हो गई। सीओ एलआइयू लिसाड़ीगेट थाने में मौजूद होने के बाद भी अफसरों को अवगत नहीं करा पाए कि बवाल हो सकता है।
लौट गए अफसर
दोपहर तक बवालियों का आक्रोश शांत था। एडीजी प्रशांत कुमार, कमिश्नर अनीता सी मेश्राम और आइजी आलोक सिंह भी शहर का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। दोपहर तक मामला शांत था। ऐसे में सभी अफसर बेगमपुल पर मौजूद भी रहे। इसके बाद वहां से ही वापस लौट गए। डीएम और एसएसपी लगातार मूवमेंट पर रहे। दौरान बवाल के बारे में कहा गया था। दरअसल, सुबह से ही एक समुदाय के लोग बाजार बंद कर विरोध जता रहे थे। नमाज के बाद पुलिस समझ रही थी कि मामला निपट गया है। यदि पुलिस के पास खुफिया इनपुट होता तो पहले से बंदोबस्त किया जा सकता था। अचानक ही उपद्रवी सड़क पर आ गए। उन्होंने पुलिस को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद तो स्थित बेकाबू हो गई। सीओ एलआइयू लिसाड़ीगेट थाने में मौजूद होने के बाद भी अफसरों को अवगत नहीं करा पाए कि बवाल हो सकता है।