डगर-डगर कूड़ा जले, कभी-कभी नजर पड़े
शहर में जिस भी रास्ते से निकलिए कहीं न कहीं किनारे लगे कूड़े का ढेर जलता नजर आता है।
मेरठ, जेएनएन। शहर में जिस भी रास्ते से निकलिए कहीं न कहीं किनारे लगे कूड़े का ढेर जलता हुआ मिल जाएगा। यह किसी को दिखाई नहीं देता। सोमवार को कई स्थानों से ऐसी सूचना मिली। कुछ निगम तक पहुंचीं तो कुछ अखबार तक। यह अच्छी बात है कि लोग जागरूक हो रहे हैं और जानकारी दे रहे हैं। इसी तरह से कूड़ा जलता रहा तो वायु प्रदूषण पूरे शहर के लोगों का दम घोंटने को दरवाजे पर पहुंचेगा।
विचारणीय है कि प्रदूषण बढ़ाने में पढ़े-लिखे लोगों के क्षेत्र भी शामिल हैं। नियोजित तरीके से वहां कूड़ा जलाया जा रहा है। गढ़ रोड स्थित मोती प्रयाग कालोनी में कूड़े को इकट्ठा करने के बाद उसमें कालोनी की सोसाइटी की ओर से ही सोमवार शाम को आग लगवा दी गई। इस पर सोसाइटी के अध्यक्ष डा. अतुल गौड़ ने सफाई दी कि कर्मचारियों ने गलती से कूड़ा जला दिया था, इसका पछतावा है। इस गलती को सुधारने के लिए अब कालोनी से निकलने वाले कूड़े से खाद बनवाई जाएगी। हालांकि सच्चाई यह है कि कई दिनों से यहां पत्तियों, टहनियों, झाड़ियों और सूखे कूड़े को इकट्ठा किया जा रहा था।
उधर, लोहियानगर के रास्ते पर घोसीपुर में सड़क किनारे लगे कूड़े के ढेर में किसी ने आग लगा दी। बाद में निगम की टीम ने पहुंचकर पानी का छिड़काव किया और आग बुझाई। निगम की ओर से बताया गया कि वहां कूड़े का ढेर नहीं है, झाड़ी में किसी ने आग लगा दी थी।
वहीं नूर नगर रोड पर सरस्वती लोक व द्वारकापुरी कालोनी के सामने तालाब में कूड़े के ढेर में आग लगा दी गई। बता दें कि इस तालाब को कूड़े से पाटा जा रहा है और यहां आए दिन धुआं उठता रहता है।