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गंगा स्नान कर लौट रहे हरियाणा के तीन युवकों की बुलेट की दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भैंसा-बुग्गी से भिड़ंत, दो युवकों की मौत

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर बिजोपुरा चौराहे के पास बुलेट और भैंसा बुग्‍गी की भिड़ंत। हरिद्वार से गंगा स्नान कर बुलेट से पानीपत लौट रहे थे तीन दोस्त। किसी ने नहीं लगा रखा था हेलमेट स्वजन ने दी तहरीर ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:00 AM (IST)
मुजफ्फरनगर में भैंसा-बुग्गी व बुलेट की भिड़ंत में दो युवकों की मौत

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। हरिद्वार से गंगा स्नान कर लौट रहे हरियाणा के तीन युवकों की बुलेट दिल्ली-देहरादून हाईवे पर बिजोपुरा चौराहे के पास भैंसा-बुग्गी से टकरा गई। हादसे में दो युवकों की मौत हो गई, जबकि तीसरा घायल हो गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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यह है मामला

हरियाणा के पानीपत के न्यू आरकेपुरम् थाना माडल टाउन निवासी अरङ्क्षवद कुमार पुत्र दया प्रसाद अपने दो दोस्तों रवि पुत्र रामबहादुर निवासी सतकरतार कालोनी व हिमांशु ठाकुर निवासी पानीपत के साथ बुलेट से मंगलवार को हरिद्वार से गंगा स्नान करके पानीपत जा रहे थे। बुलेट अरङ्क्षवद चला रहा था। नेशनल हाईवे पर स्थित बिजोपुरा चौराहे के पास दोपहर लगभग 12 बजे पहुंचे तो सामने आई भैसा-बुग्गी से टक्कर हो गई। तीनों बुलेट सवार युवक घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां चिकित्सकों ने अरङ्क्षवद व रवि को मृत घोषित कर दिया। हिमांशु को मामूली चोट आई है। प्रभारी निरीक्षक प्रेमप्रकाश शर्मा ने पानीपत पुलिस के जरिए मृतकों के स्वजन को सूचना दी। इंस्पेक्टर ने बताया कि किसी ने भी हेलमेट नहीं लगा रखा था। मृतकों के स्वजन ने भैंसा-बुग्गी चालक के विरुद्ध तहरीर दी है।

ट्रिपलिंग के बावजूद कहीं पुलिस ने नहीं रोका

हादसे में दो युवकों की मौत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। तीनों युवक हरिद्वार से एक ही बुलेट पर आ रहे थे, हेलमेट भी नहीं लगा रखा था। हरिद्वार से छपार तक हाईवे पर कई पुलिस थाने, चौकियां व चेक पोस्ट पड़े होंगे लेकिन कहीं भी पुलिस ने ट्रिपलिंग कर रहे युवकों को नहीं रोका। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाईवे की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है। हादसास्थल पर मौजूद लोगों का कहना था कि अगर पुलिस ने कहीं रास्ते में रोककर ट्रिपलिंग या हेलमेट में चालान ही कर दिया होता तो कम से कम यह हादसा तो न होता।

काश, लगाया होता हेलमेट

ऐसे हादसों में अक्सर सिर में चोट लगने से मौत तक हो जाती है। इस घटना की जानकारी जब पानीपत में स्वजन को मिली तो वह बदहवास हालत में कुछ घंटे बाद यहां पहुंच गए। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। मौजूद लोगों का कहना था अगर बुलेट सवारों ने हेलमेट लगाया होता तो शायद दोनों की जान बच गई होती।

स्वजन भी रखें ध्यान

अक्सर युवा पीढ़ी दो पहिया वाहन तेज चलाती है और हेलमेट लगाने में संकोच करती है, जबकि हेलमेट एक तरह से उनका सुरक्षा कवच है। स्वजन को भी सचेत रहना चाहिए कि जब भी बच्चे दो पहिया वाहन लेकर निकलें तो उन्हें समझाएं और वाहन तभी चलाने दें जब वह हेलमेट लगाकर चलें। युवाओं को भी समझना होगा कि घर पर उनका कोई इंतजार कर रहा है।


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