UP BJP Team: अश्विनी त्यागी बने प्रदेश महामंत्री, देवेंद्र चौधरी और कांता कर्दम बनीं उपाध्यक्ष, मेरठ को सर्वाधिक तवज्जो
भाजपा की प्रदेश इकाई में क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी को प्रमोट करते हुए स्वतंत्र देव सिंह की टीम में महामंत्री बना गया है। देवेंद्र चौधरी और कांता कर्दम बनीं उपाध्यक्ष बने।
मेरठ, जेएनएन। भाजपा की प्रदेश इकाई में मेरठ को सर्वाधिक तवज्जो मिली है। क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी को प्रमोट करते हुए स्वतंत्र देव सिंह की टीम में महामंत्री बना गया है, जबकि राज्यसभा सदस्य कांता कर्दम को लगातार दूसरी बार उपाध्यक्ष बनाकर संतुलन साधा गया है। देवेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश मंत्री से उपाध्यक्ष बनाकर जाट समीकरण भी ध्यान रखा गया। हालांकि मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, बिजनौर समेत आधा दर्जन जिलों को स्थान नहीं मिल सका।
एमएलसी बनने की राह आसान
अश्वनी त्यागी वर्तमान में क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं, जिन्हें रिपीट करने या फिर प्रदेश महामंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। त्यागी एक बार प्रदेश मंत्री और दो बार उपाध्यक्ष रह चुके हैं। महामंत्री बनने के बाद उनके लिए एमएलसी बनने की राह आसान होगी। उनकी अगुआई में भाजपा ने वेस्ट यूपी की 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव भी लड़ा। मेरठ में प्रदेश कार्यसमिति भी आयोजित हुई थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि से सियासत में मुकाम बनाने वाले अश्वनी त्यागी को पार्टी में सौम्य चेहरा माना जाता है।
जाट कार्ड भी साधा
पिछली टीम में वेस्ट यूपी में बिजनौर से अशोक कटारिया प्रदेश महामंत्री थे। कांता कर्दम को पार्टी ने राज्यसभा सदस्य बनाकर जहां दलित और महिला कार्ड खेला, वहीं लगातार दूसरी बार प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर कई समीकरणों को एक साथ साधा गया है। मेरठ के देवेंद्र सिंह क्षेत्रीय अध्यक्ष की रेस में थे, साथ ही लगातार दो बार प्रदेश मंत्री बन चुके हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमता बेहतर मानी जाती है। वो कई कार्यक्रमों और चुनावों में प्रभावी भूमिका में रहे हैं। प्रदेश इकाई ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर जाट कार्ड भी साधा है।
संतुलन साधा है पार्टी ने
पिछली बार डा. संजीव बालियान प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि अनुभव के आधार पर मेरठ से पूर्व विधायक अमित अग्रवाल को संगठन में तवज्जो मिलने की चर्चा थी, लेकिन गाजियाबाद की सुनीता दयाल को उपाध्यक्ष बनाकर वैश्य समायोजन कर लिया गया। बुलंदशहर निवासी व प्रदेश प्रवक्ता डा. चंद्रमोहन की संघ और संगठन में बेहतर पकड़ का फायदा मिला, और प्रदेश मंत्री बनने में सफल हुए। गुर्जर चेहरों में सुरेंद्र नागर सबसे आगे थे, और उन्हें पार्टी ने उपाध्यक्ष बनाकर संतुलन साधा है। गुर्जर चेहरों में मेरठ के जितेंद्र वर्मा और मनोज पोशवाल का नाम भी चर्चा में था, लेकिन बात नहीं बन सकी।