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जिले में बदलाव की राह पर भाजपा

जिलाध्यक्ष पद पर ताजपोशी को लखनऊ की हो रही है परिक्रमा, लाइन में कई दिग्गज। जाट-गुर्जर में फंसा पेच, वैश्य बिरादरी से भी मजबूती से ठोकी जा रही है ताल।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 03:00 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 03:00 PM (IST)
जिले में बदलाव की राह पर भाजपा
जिले में बदलाव की राह पर भाजपा

मेरठ (लोकेश पंडित)। कैराना उपचुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद भाजपा में संगठन स्तर पर बदलाव की कवायद तेज हो गई है। क्षेत्रीय कमेटी में शामली को मजबूत भागीदारी मिलने के बाद अब जिलाध्यक्ष पद पर बदलाव की कसरत चल रही है। संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट होते ही कई दावेदारों ने लखनऊ की परिक्रमा शुरू कर दी है। संगठन में बदलाव की स्थिति में ताजपोशी जाट की हो या गुर्जर की, इस पर मंथन चल रहा है। कई वैश्य नेताओं ने भी खुद को दावेदार के रूप में पेश कर इस लड़ाई को रोमांचक बना दिया है।

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कैराना उपचुनाव में जिस तरह पार्टी के परपंरागत वोटरों ने उदासीनता दिखाई उससे पार्टी नेतृत्व खासा नाराज है। पूरी ताकत लगाने के बाद भाजपा चुनाव में मतदान फीसद बढ़ाने में नाकाम रही। जिले में भाजपा किसी तरह चंद वोटों से जीतकर इज्जत बचा पाई। यह आंकड़े सामने रखकर जिले के नेता अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं। पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनावों में जिस तरह पार्टी को वोट मिले, यदि वह स्थिति बहाल रहती तो कैराना उपचुनाव में पार्टी की किरकिरी नहीं होती। कैराना उपचुनाव के बाद ही जिला संगठन में बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई थीं।

भाजपा जिलाध्यक्ष पवन तरार को पूर्व सांसद का करीबी माना जाता है। कैराना हार के बाद पूर्व सांसद विरोधियों ने संगठन की नाकामी के आरोपों को हवा दी। हाल ही में शहर में छापे के दौरान हुई हॉट-टॉक को विरोधियों ने लखनऊ में खूब हवा दी। सूत्रों की माने तो जिला संगठन में बदलाव के समर्थन में मंत्री व विधायक भी हैं। जिलाध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर फिलहाल अंदरखाने कवायद चल रही है। इससे जिलाध्यक्ष खेमा अपनी पैरोकारी में जुटा है। सूत्रों की माने तो जिलाध्यक्ष पद पर ताजपोशी को एक बार फिर पूर्व सांसद खेमा व राज्यमंत्री सुरेश राणा में रस्साकशी चल रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय समिति में इस बार हरबीर मलिक को उपाध्यक्ष, मोहित बेनिवाल को महामंत्री व प्रमोद सैनी को क्षेत्रीय मंत्री बनाया गया है। तीन लोगों को जिले से समायोजित करने को बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो जिला संगठन में जल्द ही बदलाव हो सकता है। राज्यमंत्री सुरेश राणा का कहना है कि संगठन का फैसला प्रदेशाध्यक्ष करते हैं। जिले में बदलाव की मुझे जानकारी नहीं है। पार्टी जो फैसला करेगी, वह बेहतर ही होगा।


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