अपनी ही सरकार में धरने पर बैठ गए भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी अपनी सरकार में भी पुलिस-प्रशासन के रवैये पर खफा हैं। गुरुवार को उन्हें सिविल लाइंस थाने में धरने पर भी बैठना पड़ा।
मेरठ (जेएनएन)। विपक्ष में रहने के दौरान शहर की समस्याओं को लेकर मुखर रहने वाले भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी अपनी सरकार में भी पुलिस-प्रशासन के रवैये पर खफा हैं। चोरी के एक मामले में एफआइआर दर्ज नहीं होने पर गुरुवार को उन्हें सिविल लाइंस थाने में धरने पर भी बैठना पड़ा। यह कोई पहला मामला नहीं है। योगी सरकार बनने के बाद भी भाजपाइयों एवं पुलिस प्रशासन के बीच तालमेल नहीं बन पा रहा है। माना जा रहा है कि अपनी सरकार की वजह से भाजपाइयों को बैकफुट पर रहना पड़ रहा है। अधिकारी उनकी इस नब्ज से बखूबी वाकिफ हैं।
हिंडन सफाई मसला भी उठाया था
लक्ष्मीकांत का कहना है प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश के बावजूद पुलिस एवं प्रशासन के कुछ अधिकारी सरकार की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर अधिकारियों के इस रवैये से हम सरकार को अवगत नहीं कराएंगे तो कौन कराएगा? गत दिनों प्रभारी मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के सामने भी भाजपाइयों ने अधिकारियों की नीयत पर सवाल उठाते हुए एसएसपी को हटाने की मांग उठाई थी। पूर्व मंडलायुक्त डॉ. प्रभात द्वारा प्राधिकरण का कोष हिंडन की सफाई के लिए देने की घोषणा का भी लक्ष्मीकांत ने विरोध किया था।
विवाह मंडपों को लेकर भी तल्खी
विवाह मंडपों के खिलाफ कारवाई को लेकर भी डॉ. प्रभात और भाजपाइयों में तल्ख रिश्ते रहे। नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी को हटाने के लिए भाजपाइयों ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री समेत सभी से गुहार की, किंतु सरकार ने कोई तवज्जो नहीं दी। विरोधी खेमा इसी बहाने भाजपा सरकार पर हमला बोलता रहा है।