भाजपा संपर्क अभियान: नागरिकता कानून पर पहले दलितों को साधेगी भाजपा Meerut News
BJP Contact Campaign पाकिस्तान गए दलित नेता जोगेंद्रनाथ मंडल की चर्चा से दलित-मुस्लिम समीकरण पर भाजपा ब्रेक लगाएगी। नागरिकता के दावेदारों में ज्यादातर पड़ोसी देशों के दलित हैं।
मेरठ, जेएनएन। नागरिकता कानून पर गरमाई सियासत में भाजपा ने विरोधी दलों को घेरने के लिए नई व्यूह रचना की है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश से भारत आने वालों में सर्वाधिक संख्या दलितों ही है, जिसके आधार पर भाजपा ने कांग्रेस और बसपा पर सियासी गुलेल तान दी है। भाजपा संपर्क अभियान में जहां बंटवारे के बाद पाकिस्तान गए दलित नेता जोगेंद्रनाथ मंडल के उत्पीडऩ की कहानी सुना रही है, वहीं डा. आंबेडकर और बाबू जगजीवन राम का हवाला देकर कांग्रेस को दलित विरोधी बता रही है। भाजपा इस मुद्दे पर मायावती से सफाई मांग रही है।
संघ ने दिया दलितों को साधने का रोडमैप
तीन पड़ोसी देशों से भारत में शरण लिए लोगों में सर्वाधिक संख्या दलितों की है। सीएए को मुस्लिम विरोधी बताने वाले दलों पर भाजपा ने नए रणनीतिक वार से राजनीति गरमा दी है। दलितों को लामबंद करने पर खास जोर दिया जा रहा है। भाजपा को आशंका है कि अगर विरोधी दल इस माहौल में दलित-मुस्लिम एकता का राग अलापने में सफल हुए तो ये अभियान के लिए बड़ा झटका होगा। इन्हीं वजहों से पश्चिमी उप्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व गृहमंत्री अमित शाह जैसे दिग्गजों की हलचल बढ़ी है। संघ ने हाल में मेरठ में पश्चिमी उप्र की बड़ी बैठक बुलाया। बहाना पीएम की रैली का था, किंतु नागरिकता कानून से दलितों में उबाल न आने पाए, इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों को होमवर्क दिया गया।
मायावती पर भगवा तीर
हाल में सहारनपुर के युवा नेता चंद्रशेखर ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दलित-मुस्लिमों को साथ आने के लिए कहा था। इसके बाद मायावती ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। राहुल गांधी ने हाल में नागरिकता कानून को गरीबों का विरोधी बताते हुए कुछ ऐसा ही इशारा किया है। इधर, भाजपा ने कानून को ढाल बनाकर मायावती को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा मायावती से लगातार पूछ रही है कि उन्होंने जामिया मिलिया विवि और अलीगढ़ मुस्लिम विवि में दलितों के लिए आरक्षण क्यों नहीं मांगा? मेरठ पहुंचे पार्टी महासचिव अरुण सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी दलित राजनीति का दावा करने वालों पर जमकर तीर चलाए हैं।
...फिर चर्चा में आए जोगेंद्रनाथ मंडल
मेरठ में क्षेत्रीय महामंत्री एवं पूर्व विधायक मुंशीराम गौतम ने 1947 में भारत से नाराज होकर पाकिस्तान की सरकार में कानून मंत्री बने दलित नेता जोगेंद्रनाथ मंडल का भी प्रसंग छेड़कर नए संकेत दिए हैं। जोगेंद्रनाथ दलित-मुस्लिम एकता का कार्ड खेलकर पाकिस्तान की सरकार में शामिल होने में कामयाब हुए, किंतु बाद में भागकर भारत आए, और वहां पर अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩ का दर्द बयां किया। पश्चिमी उप्र में इस समीकरण पर अमल करते हुए मायावती ने 2002 से 2012 तक कई सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें बाद में सपा ने सेंधमारी कर ली।