बायोपिक 'सांड़ की आंख' के लिए धनपुर में फिर लगा सेट
मवाना में बॉलीवुड बायोपिक फिल्म सांड की आंख की शू¨टग दो दिन के रेस्ट के बाद बुधवार को धनपुर के जंगल में फिर शुरू हुई। एक्शन-कैमरा-कट की आवाज के साथ बार-बार रिटेक की आवाज गूंजती रही। हालांकि आज का दिन सहकलाकारों का रहा। गन्ने के खेत में मचान लगाकर बदमाश पकड़ने का सीन शूट किया। उधर, रात में भी सीन शूट किया गया।
मेरठ । मवाना में बॉलीवुड बायोपिक फिल्म सांड की आंख की शू¨टग दो दिन के रेस्ट के बाद बुधवार को धनपुर के जंगल में फिर शुरू हुई। एक्शन-कैमरा-कट की आवाज के साथ बार-बार रिटेक की आवाज गूंजती रही। हालांकि आज का दिन सहकलाकारों का रहा। गन्ने के खेत में मचान लगाकर बदमाश पकड़ने का सीन शूट किया। उधर, रात में भी सीन शूट किया गया।
अनुराग कश्यप के निर्देशन में जौहड़ी गांव की शूटर दादी चंद्रो व प्रकाशी तोमर के जीवन पर बन रही बायोपिक सांड की आंख में थ्रिल के साथ एक्शन से भी भरपूर है। दादी चंद्रो की भूमिका निभा रही अभिनेत्री भूमि पेडनेकर व दादी प्रकाशी की भूमिका में तापसी पन्नू हैं। दो दिनों तक शू¨टग के बाद टीम वापस लौट गई थी। बुधवार को धनपुर के जंगल में फिर फिल्म का सेट लगा। जहां सह कलाकारों ने गन्ने के खेत में मचान लगाकर बदमाश पकड़ने का सीन शूट हुआ। उधर, देर रात में भी एक सीन शूट किया गया। यूपी पुलिस का किरदार भी सामने आएगा। बायोपिक में थ्रिल के साथ एक्शन की भी भरमार है। सह निर्देशक तुषार हीरानंदानी और अंकुर टीम के साथ एक्शन, कैमरा और कट के साथ बार-बार रिटेक देते रहे। कई रिटेक के बाद सीन ओके हुआ। रात में भी मचान का सीन शूट किया गया।
..अभी शादी का सीन शूट होना बाकी
दादी चंद्रों व प्रकाशी के बचपन के साथ शादी का सीन भी शूट होना बाकी है। यह सब ब्रिटिशकालीन कोठी में शूट होगा। इसके लिए कोठी की रंगाई का काम भी पूरा हो गया है और आदि बचे कामों को भी दिन रात मेहनत कर पूरा किया जा रहा है।
पड़ोसी गांव धनपुरा की पुरानी हवेलियों पर भी नजर
धनपुर गांव के पड़ोसी धनपुरा गांव में फिल्म की लोकेशन तलाशी जा रही है। इसके लिए सह निर्देशक तुषार हीरानंदानी की टीम ने धनपुरा में स्थित पुरानी हवेलियों को देखकर फोटोग्राफी निर्देशक अनुराग कश्यप को मुंबई भेज दी है। माना जा रहा है जौहड़ी के बचे कई सीन यहां ही पूरे किए जांएगे।