प्रदेश के 18 स्वाइन फ्लू मरीजों में से 14 मेरठ के, तेजी से फैल रहा वायरस
संचारी रोग निदेशालय ने भी माना, स्वाइन फ्लू के लिए सर्वाधिक रिस्क मेरठ में है। प्रदेश के 18 स्वाइन फ्लू मरीजों में 14 मेरठ के मिले।
मेरठ, जेएनएन। स्वाइन फ्लू वायरस के संक्रमण को लेकर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है। सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू वार्ड बनाने के लिए निर्देश दिया है। वहीं, संचारी रोग निदेशालय ने माना है कि मेरठ में एच1एन1 वायरस सबसे तेजी से फैल रहा है। सिर्फ जनवरी में प्रदेश में अब तक 18 मरीज पाजिटिव मिले हैं, जिसमें 14 मेरठ के हैं। सीएमओ डा. राजकुमार ने बड़ी मात्रा में सिरप एवं टेबलेट मंगाया है।
मेरठ रिस्क ज्यादा है
निदेशक संचारी रोग विभाग लखनऊ ने गुरुवार को प्रदेश के सभी सीएमओ को पत्र भेजकर अस्पतालों में बेड आरक्षित करने के लिए कहा है। आगाह किया है कि आगामी दो माह तक एच1एन1 वायरस से संक्रमण का रिस्क बना रहेगा, जिससे बचाव जरूरी है। इसके लिए निदेशालय ने एडवायजरी जारी की है। जनवरी में प्रदेश में एकमात्र मौत कानपुर में हुई है। जबकि गत दिसंबर में मेरठ में तीन मरीजों की मौत दर्ज की गई थी। एक मरीज का दिल्ली में इलाज चल रहा है, जिसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
दो नए मरीजों के साथ 35 तक पहुंची संख्या
मेरठ में गत दिसंबर एवं 10 जनवरी तक कुल 35 मरीजों में वायरस की पुष्टि की गई है। मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब ने गुरुवार को दो नए मरीजों में बीमारी दर्ज की। इसमें बेगमबाग की 56 साल की महिला और फूलबाग में 39 साल का एक युवक शामिल है। ये मरीज डा. वीएन त्यागी और डा. संजय तेवतिया की क्लीनिक पर आए थे।
चार दिन का वायरस...संभलकर रहें
सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि इस वायरस का संक्रमण काल एक से चार दिन तक रहता है। इस दौरान सर्दी, छीक, जुकाम, खांसी, बुखार, ठंड लगने, सिर दर्द जैसे लक्षण होते हैं। सतर्क रहकर बचा जा सकता है।
- खांसते समय मुंह पर रुमाल रखें, इससे वायरस नहीं फैलेगा।
- किसी से हाथ मिलाने से परहेज करें। बेवजह मेज या दरवाजा न छुएं।
- किसी से वार्ता करने के दौरान दूरी बरतें। यह वायरस सांस से भी संक्रमित होता है।
- घने इलाके वाली आबादी में न जाएं। अस्पतालों और लैबों में भी जाने से परहेज करें।
इनका कहना
सभी एन्फ्लुएंजा वायरस का लक्षण समान होता है। किंतु बच्चों, शुगर, कैंसर, किडनी, हार्ट, अस्थमा, गर्भवती महिलाओं, और बुजुर्गों में रिस्क नहीं लेना चाहिए। तत्काल डाक्टर से संपर्क करें। संभव हो तो जांच से पहले भी टेमीफ्लू लेना शुरू कर देना चाहिए।
-डा. संदीप जैन, फिजीशियन, केएमसी