भाकियू ने कांग्रेस की किसान महापंचायत से बनाई दूरी
कृषि आंदोलन को लेकर राजनीतिक पाíटयां महापंचायत कर रही हैं।
मेरठ, जेएनएन। कृषि आंदोलन को लेकर राजनीतिक पाíटयां महापंचायत कर रही हैं। लेकिन इन महापंचायतों से भारतीय किसान यूनियन ने किनारा कर लिया है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वह किसी भी राजनीतिक महापंचायत में नहीं जाएंगे।
रविवार को सरधना के कैली गांव में कांग्रेस की किसान महापंचायत थी। इसमें प्रियंका वाड्रा ने किसानों के हित की बात कही और कृषि कानून को लेकर चल रहे आंदोलन को बल दिया। महापंचायत में सरधना और आसपास के गांवों से कई बसें गई थीं। भाकियू के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि संगठन के किसान किसी भी राजनीतिक महापंचायत में नहीं जाएंगे। उधर, भाकियू युवा विग के तहसील अध्यक्ष देशपाल हुड्डा ने बताया कि वह आज गाजीपुर बार्डर पर चल रहे आंदोलन से आए हैं।
बस व ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर गए किसान
कांग्रेस अल्पसंख्यक स्टेट कोआíडनेटर शबी खान ने बताया कि क्षेत्र से करीब बीस बसों व ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर किसान व कार्यकर्ता महापंचायत में शामिल होने के लिए गए थे। इनमें सरधना, सिवाल खास, मढियाई और रूहासा के किसान थे। इनमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।
किसानों ने कहा--
कांग्रेस किसानों की लड़ाई लड़ रही है। प्रियंका वाड्रा ने तीनों कृषि कानून की वापसी की बात कहकर किसानों के आंदोलन को मजबूत किया है। किसान गन्ना भुगतान ना होने से परेशान हैं।
गुलजार चौहान, किसान सिवाल खास
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किसान परेशान हैं। समय पर गन्ना भुगतान नहीं हो रहा है। ऐसे में कर्ज भी नहीं चुका पा रहे हैं। प्रियंका वाड्रा किसानों की बात कर रही हैं। किसानों के अपने मुद्दे हैं। उनका समाधान होना चाहिए।
विजय चिकारा, किसान, गांव खेड़की
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कांग्रेस किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचा रही है। फसलों के वाजिब दाम नहीं मिल रहे हैं। लंबे समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। सरकार को कृषि कानून वापस लेने चाहिए।
शाहनवाज, किसान गांव, मढ़यिाई
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महापंचायत में प्रियंका वाड्रा ने किसानों और मजदूरों का पक्ष रखकर हमारे हित की बात की है। अब बदलाव की जरूरत है। तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों के हित में हैं। इससे किसानों का भला नहीं हो सकता।
मोनू वाल्मीकि, गांव मढ़यिाई
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कांग्रेस शुरू से ही किसानों का साथ दे रही है। प्रदेश की राजनीति में प्रियंका वाड्रा बदलाव ला सकती हैं। किसान लंबे समय से कृषि कानून की वापसी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस महापंचायत से किसानों के आंदोलन को भी बल मिलेगा।
ताबिश खान, किसान पावली खास।