सिवाया टोल पर छह माह से चल रहा भाकियू का धरना
प्रधानमंत्री ने भले ही तीन कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा कर दी हो लेकिन विरोध
मेरठ,जेएनएन। प्रधानमंत्री ने भले ही तीन कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा कर दी हो लेकिन विरोध में आदोलनरत किसान संगठन संसद द्वारा बिल वापसी की घोषणा के बाद ही धरनास्थल से हटने की बात कह रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली-देहरादून हाइवे पर स्थित मेरठ के सिवाया टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन का धरना 26 मई से जारी है। यहा भाकियू पदाधिकारियों ने मुजफ्फरनगर की ओर जाने वाली दो लेन पर ठिकाना बनाया है। भाकियू के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी कहते हैं कि सिवाया टोल पर धरने को छह माह पूरे होने को हैं, यह आदोलन अभी जारी रहेगा और हम सभी यहा अपने नेता के आदेशानुसार धरना देते रहेंगे। यहा रुकती रही हैं रैलिया
आदोलन के शुरूआती दौर से कई गावों से किसानों की टोली गाजीपुर बार्डर आ-जा रही है। मुजफ्फरनगर समेत उत्तराखंड के भी किसान इधर से ही गुजरते हैं। गाजीपुर बार्डर जाने वाला हर किसान अपने सामर्थ्य के अनुसार राशन आदि कच्ची खाद्य सामग्री और सब्जी लेकर वहा जाते हैं। इनमें से कई सिवाया टोल पर रात्रि विश्राम कर अगले दिन यूपी बार्डर के लिए रवाना होते। इस दौरान ट्रैक्टर यात्रा और रैलियों का पड़ाव भी सिवाया टोल पर होता रहा है। यहा किसानों के विश्राम करने के साथ-साथ उनकी भोजन की व्यवस्था भी की जाती रही। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी कई बार सिवाया टोल पहुंचे और किसानों को संबोधित किया। भारतीय किसान यूनियन ने पिछले करीब एक वर्ष में आदोलन के दौरान किसानों की तीन बड़ी ट्रैक्टर यात्रा की घोषणा की थी। अलग-अलग तीन जिलों से शुरू हुई ट्रैक्टर रैलिया मेरठ से गुजरते हुए गाजीपुर बार्डर तक पहुंची थीं। 24 जून को सहारनपुर, नौ जुलाई को शामली और 25 जुलाई को बिजनौर से भाकियू के नेतृत्व में किसानों की ट्रैक्टर यात्रा निकली थी। इनमें मेरठ से भी बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए थे।