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इलाज कराने मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं तो मधुमक्खियों से रहिए सावधान

इलाज कराने के लिए मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं तो सावाधन रहें यहां परिसर में लगे मधुमक्खियों के छत्ते यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां पर कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 01:45 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 01:45 PM (IST)
इलाज कराने मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं तो मधुमक्खियों से रहिए सावधान
मेरठ,जेएनएन। मुजफ्फरनगर में मंगलवार को मधुमक्खियों के काटने से एक किसान की मौत हो गई। यह पहला मामला नहीं है,इससे पूर्व मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भी घटना हो चुकी है,लेकिन उससे कोई सबक नहीं लिया गया। मेडिकल कॉलेज परिसर में लगे मधुमक्खियों के छत्ते यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां पर कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।
तब मरीजों पर कर दिया हमला
मेडिकल कॉलेज में एक साल पहले हुए मधुमक्खियों के हमले को अभी तक डॉक्टर भूले नहीं हैं। चर्चा शुरू होते ही खौफ जुबां पर आ जाता है। मार्च 2018 की बात है, जब मेडिकल कॉलेज में ओपीडी ब्लॉक के सामने एक पेड़ पर लगे मधुमक्खी के छत्ते से अचानक मधुमक्खियां उड़ी और देखते ही देखते कई मरीजों पर हमला कर दिया था। कई को भर्ती कर उपचार करना पड़ा था। उस वक्त मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मधुमक्खियों को हटाने की योजना भी बनाई थी, लेकिन घटना बीती और साल गुजर गया।
कोई नहीं है सुध लेने वाला
हालात में कोई परिवर्तन नहीं आया। आज भी मेडिकल कॉलेज परिसर में मधुमक्खियों के बड़े-बड़े छत्ते लगे हुए हैं। पीडियाटिक विभाग के समीप छज्जे पर लटके बड़े-बड़े मधुमक्खी के छत्ते देखकर परिजनों में खौफ है। अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के छज्जों पर ये छत्ते दूर से नजर आते हैं। इसके बावजूद इनकी अनदेखी मेडिकल कॉलेज प्रशासन कर रहा है। इनसे जरा-सी शरारत बड़ी अनहोनी का कारण बन सकती है। खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि परिसर में बंदरों की उछल-कूद भी खूब है।

मधुमक्खी का डंक खतरनाक
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. धीरज बालियान का कहना है कि मधुमक्खी का डंक खतरनाक होता है। इसमें फार्मिक एसिड होता है, जो जहर फैलाता है। इससे शरीर में सूजन आना, फफोले पड़ना और रिएक्शन जैसी स्थिति बन जाती है। मधुमक्खियों के हमले में व्यक्ति इतना डर जाता है कि उसका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। यह स्थिति जानलेवा होती है। उपचार के दौरान एंटी एलर्जिक दवाइयों और इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है।
कभी भी आ सकती है एमसीआइ की टीम
मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सीय सेवाओं की स्थिति को परखने के लिए मंगलवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम निरीक्षण पर आनी है। सभी अपने स्तर पर मानक के आधार पर तैयारी रखें, ताकि बाद में परेशानी न खड़ी हो।
इनका कहना है
कहां-कहां पर मधुमक्खी के छत्ते लगे हैं। चेक कराया जाएगा। छत्तों को हटाने के लिए कार्य योजना बनाएंगे। इस संबंध में विभागाध्यक्षों की राय ली जाएगी।
- डॉ.आरसी गुप्ता,प्राचार्य,लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज
मधुमक्खियों के हमले के बाद ऐसे करें बचाव
सबसे पहले डंक को निकाल दें : मधुमक्खी के डंक को जितनी जल्दी हो सके निकाल लें। डंक जितनी जल्दी निकल जाएगा जहर का असर उतना ही कम होगा वरना शरीर में जहर फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। डंक निकालने के बाद पोंछकर कोई एंटीसेप्ट‍िक क्रीम लगा लें।
बर्फ लगाएं : प्रभावित जगह पर बर्फ लगाने से कई तरह की परेशानियों और लक्षणों में राहत मिल जाएगी। ठंड की वजह से विषाक्त पदार्थ बहुत अधिक फैलता नहीं है। इसके अलावा ये दर्द कम करने में भी सहायक होता है।
बेकिंग सोडा रहेगा फायदेमंद : बेकिंग सोडा अल्कलाइन होता है जोकि जहर के असर को कम करने में मददगार होता है। बेकिंग सोडा लगाने से दर्द,खुजली और सूजन में राहत मिलेगी।
सिरका भी कर सकते हैं इस्तेमाल : सिरके के इस्तेमाल से भी जहर का असर कम हो जाता है। साथ ही ये भी दर्द, सूजन और खुजली में राहत पहुंचाता है।
शहद का इस्तेमाल : मधुमक्खी काट लेने पर शहद का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता है। ये जहर को फैलने नहीं देता है और इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है।
टूथपेस्ट भी है विकल्प : सफेद टूथपेस्ट लगाने से भी डंक के दर्द में राहत मिलती है। ये जहर के अम्लीय प्रभाव को कम करता है। इसके इस्तेमाल से दर्द और सूजन में राहत मिलती है। 

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