सावधान, अपनी जकड़ मजबूत कर रहे नशे के सौदागर
नशे के सौदागरों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अब जकड़ में लेना शुरू कर दिया है। कालेज के छात्रों के साथ ही युवा लोगों को नशे की लत लगाकर मोटी कमाई की जा रही है।
मेरठ, जेएनएन। नशे के सौदागरों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अब जकड़ में लेना शुरू कर दिया है। कालेज के छात्रों के साथ ही युवा लोगों को नशे की लत लगाकर मोटी कमाई की जा रही है। नशे के सौदागर पहले युवाओं को नशे का लती बनने के लिए चारा डालते हैं, और शिकंजा कसने के बाद उनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। बताते हैं कि नशे के इन सौदागरों के पास अब तो कई कालोनियों से वाट्सएप पर आर्डर आते हैं, और 30 मिनट बाद सप्लाई दे दी जाती है। ऐसा नहीं कि पुलिस को इस खेल की जानकारी नहीं है, दरअसल नशे के सौदागरों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि वो मनमानी करने में कामयाब हो रहे हैं।
कई प्रदेशों से आती है ड्रग्स की खेप
19 सितंबर को लालकुर्ती पुलिस द्वारा किए गए पर्दाफाश से पता चला कि शहर में ड्रग्स की सबसे अधिक सप्लाई उड़ीसा, बिहार, मध्यप्रदेश और आध्र प्रदेश से की जा रही है। अभी तक जितने भी तस्कर पुलिस या एसटीएफ के हत्थे चढ़े हैं, उनमें से ज्यादातर इन्हीं राज्यों से ड्रग्स लेकर मेरठ जोन में सप्लाई करते हैं। मेरठ को ड्रग्स सप्लायरों ने डिपो के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया है। मेरठ से गाजा व नशे का अन्य सामान एनसीआर के अलावा मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और देहरादून तक पहुंच रहा है।
कई इलाके आ रहे गिरफ्त में
पिछले कुछ सालों की तुलना में ड्रग्स की डिमाड मेरठ में तेजी से बढ़ी है। खासतौर पर युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। हेरोइन, स्मैक, चरस और गाजा की खपत ज्यादा है। नशे के इन सौदागरों के सबसे आसान शिकार युवा और लेबर क्लास के लोग हैं, जो अपनी दिन भर की कमाई नशे में खर्च कर देते हैं। यही कारण है कि नशे के बड़े धंधेबाजों के साथ ही शहर के अलग-अलग मोहल्लों और गलियों में भी छोटे सौदागरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मेरठ अंतर्गत साकेत, पटेल नगर, शास्त्रीनगर, शभूनगर, सुशात सिटी, मिशन कंपाउंड, सोतीगंज, सिविल लाइन और थापर नगर समेत कई इलाकों में चरस की सप्लाई की जा रही है।
दस माह में पकड़े 72 आरोपित
यूपी पुलिस और एसटीएफ टीम द्वारा नशे के धंधेबाजों के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान के तहत इस वर्ष के दस माह में बड़ी मात्रा में गाजा, स्मैक और भाग की बरामदगी की गई है। 72 आरोपितों से माल बरामद करने के बाद पुलिस उन्हें जेल भेज चुकी है। दस महीनों में 2102 किलोग्राम गाजा, स्मैक और भाग की बरामदगी हुई है। अभी भी एसटीएफ की कई टीमें नशे के कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए जुटी हैं।
पुलिस रिकार्ड में नशे के
पाच बड़े सौदागर
- ब्रह्मपुरी में सीता
- देहलीगेट में सरताज
- सदर बाजार की भूसा मंडी में तस्लीम
- मोदीपुरम में सत्येंद्र
- मवाना में राजू चौहान
पूरी चेन पर है नजर
ड्रग्स सिंडीकेट को खत्म करने के लिए एसटीएफ के साथ एएसपी की टीम को लगा दिया गया है। हाल में एएसपी इरज राजा ने सत्येंद्र और राजू चौहान को जेल भेजा है, जो भाग के ठेकों की आड़ में नशे का अवैध धंधा कर रहे थे, लालकुर्ती में गोदाम बनाकर पूरे शहर में सप्लाई दे रहे थे। नशे की खेप लेकर बेचने वाले बाकी लोगों की भी चेन तलाशी जा रही है। पुलिस की टीम इसपर पूरी सक्रियता से काम कर रही है।
- अजय साहनी, एसएसपी।